पटना: बिहार राज्य आवास बोर्ड सफेद हाथी बन कर रह गया है. पिछले डेढ़ दशक से लोगों को मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए रियायती दर पर आवास बनाने के सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं, लेकिन अबतक योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी. एक बार फिर चुनाव करीब आने के साथ ही सरकार ने लोगों से फिर से रियायती दरों पर उनके अपने घर का वादा किया है.
'योजना पर गंभीरता से विचार कर रही सरकार'
राजधानी पटना में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस वजह से फ्लैट की कीमतें मध्यमवर्गीय परिवारों के पहुंच से बाहर है. हालांकि सरकार एक बार फिर कह रही है कि योजना को जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर का कहना है कि सरकार योजना पर गंभीरता से विचार कर रही हैं और जल्द ही योजना पर काम शुरु कर दिया जाएगा.
सरकार के दावों पर विपक्ष को भरोसा नहीं
हालांकि सरकार के दावों पर विपक्ष को भरोसा नहीं है. उसका आरोप है कि सरकार सिर्फ सपने दिखा रही है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव का कहना है कि सरकार इंदिरा आवास की राशि तक गरीबों को नहीं दे सकी तो फिर मध्यमवर्गीय परिवारों को आवास कैसे देगी? उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम में सरकार सिर्फ चुनाव के लिए लोगों को ठगने के लिए झूठे वादे कर रही है.