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नीतीश की अंतरआत्मा ले रही करवट? इन तीन बयानों से तो यही लग रहा कि बिहार में 'खेला होबे'! - बिहार लेटेस्ट न्यूज

दावे भले ही किये जाएं लेकिन बिहार एनडीए में 'ऑल इज वेल' नहीं है. बीच-बीच में एनडीए के घटक दलों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानों के तीर चला देते हैं. रुठने-मनाने के साथ हमले भी होते रहे हैं. इसी बीच नीतीश कुमार के कुछ बयान नयी राजनीति की ओर इशारा कर रहे है. पढ़ें रिपोर्ट...

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Published : Aug 3, 2021, 10:56 AM IST

Updated : Aug 3, 2021, 11:10 AM IST

पटना: बिहार में एनडीए (NDA) की सरकार चल रही है. एनडीए के घटक दलों के नेता बीच-बीच में बेसुरा बोलने लगते हैं. इसके साथ ही पार्टी के कुछ नेता डैमेड कंट्रोल के लिए आगे आते हैं. बात आई-गयी हो जाती है लेकिन इधर, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने कुछ ऐसे बयान दिये हैं जो बिहार के राजनीति परिदृश्य में खासे अहम हैं. यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि नीतीश कुमार की छवि एक ऐसे नेता की रही है जो काफी सोच-समझ और नाप-तौलकर अपनी बात रखते हैं.

ये भी पढ़ें: ललन सिंह के अध्यक्ष बनते ही JDU नेताओं के बदले सुर, PM उम्मीदवारी के बहाने राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गोलबंदी

अभी हाल में उनके कुछ ऐसे बयान आये हैं जो एनडीएन ऑल इज वेल की ओर इशारा तो बिल्कुल नहीं करते. ऐसा लग रहा है कि बिहार में भी 'खेला होबे'. जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census), फोन टैपिंग (Phone Tapping) से लेकर चौटाला से मुलाकात को लेकर नीतीश कुमार के बयान के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.

सीएम नीतीश कुमार

जाति आधारित जनगणना को लेकर भाजपा के विपरीत रुख पर मुख्यमंंत्री ने कहा था कि ऐसी तो कोई बात नहीं है. और सबकी सहमति से ही विधानमंडल से प्रस्ताव पास हुआ है. पहले कभी किसी ने कुछ नहीं कहा. अगर ऐसा ही था तो जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव विधानसभा और विधान परिषद में सर्वसम्मति से कैसे पास हुआ. जो लोग अब ऐसी बात कह रहे हैं, उन्हें इस पर सफाई देना चाहिए. मुख्यमंत्री का इशारा साफ था. उन्होंने कहा था कि जाति आधारित जनगणना से समाज में तनाव की बात गलत है. इससे तो समाज में खुशी होगी. हम लोग ही सिर्फ जाति आधारित जनगणना की बात नहीं कह रहे, कई राज्यों द्वारा यह बात कही जा रही है.

सीएम नीतीश कुमार

इसी प्रकार से फोन टैपिंग को लेकर भी उन्होंने भाजपा से अलग राय रखी. सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि टेलिफोन टैपिंग की बात इतने दिनों से सामने आ रही है. लिहाजा इस पर बात जरूर होनी चाहिए और गंभीर चर्चा की जानी चाहिए. आजकल तो फोन टैपिंग कई तरह से कोई भी कर लेता है.

सीएम नीतीश कुमार

ऐसे में इन चीजों पर एक-एक बात को देखकर सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए. संसद में इस पर क्या हुआ और क्या नहीं हुआ है, ये सब मैं समाचार पत्रों में पढ़कर ही जानता हूं. जो कुछ भी है, उसकी जांच होनी चाहिए. आखिर कैसे किस तरह से फोन की टैपिंग हो रही है, सच्चाई सामने आनी चाहिए. जब इतने दिनों से लगातार लोग इस बारे में बोल रहे हैं तो उसके बारे में निश्चित रूप से मेरी समझ में जांच कर लेनी चाहिए. ताकि जो भी सच्चाई हो, वो सामने आ जाए.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) से मुलाकात उन्होंने कहा था कि किसी को क्यों की नाराजगी होनी चाहिए. चौटाला के प्रति उनका सम्मान लंबे समय से है. वे समाजवादी पृष्ठभूमि से हैं. उन्हें सजा हुई थी. सजा पूरी होने के बाद जब लौटे तो केसी त्यागी ने उनसे बात कराई थी. मैंने कहा था कि आ रहे हैं तो उनसे मिलेंगे. चौटाला राजनीतिक रूप से भले ही उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उनसे पुराना व्यक्तिगत संबंध है. उनसे मिलने पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए.

पटना: बिहार में एनडीए (NDA) की सरकार चल रही है. एनडीए के घटक दलों के नेता बीच-बीच में बेसुरा बोलने लगते हैं. इसके साथ ही पार्टी के कुछ नेता डैमेड कंट्रोल के लिए आगे आते हैं. बात आई-गयी हो जाती है लेकिन इधर, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने कुछ ऐसे बयान दिये हैं जो बिहार के राजनीति परिदृश्य में खासे अहम हैं. यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि नीतीश कुमार की छवि एक ऐसे नेता की रही है जो काफी सोच-समझ और नाप-तौलकर अपनी बात रखते हैं.

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अभी हाल में उनके कुछ ऐसे बयान आये हैं जो एनडीएन ऑल इज वेल की ओर इशारा तो बिल्कुल नहीं करते. ऐसा लग रहा है कि बिहार में भी 'खेला होबे'. जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census), फोन टैपिंग (Phone Tapping) से लेकर चौटाला से मुलाकात को लेकर नीतीश कुमार के बयान के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.

सीएम नीतीश कुमार

जाति आधारित जनगणना को लेकर भाजपा के विपरीत रुख पर मुख्यमंंत्री ने कहा था कि ऐसी तो कोई बात नहीं है. और सबकी सहमति से ही विधानमंडल से प्रस्ताव पास हुआ है. पहले कभी किसी ने कुछ नहीं कहा. अगर ऐसा ही था तो जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव विधानसभा और विधान परिषद में सर्वसम्मति से कैसे पास हुआ. जो लोग अब ऐसी बात कह रहे हैं, उन्हें इस पर सफाई देना चाहिए. मुख्यमंत्री का इशारा साफ था. उन्होंने कहा था कि जाति आधारित जनगणना से समाज में तनाव की बात गलत है. इससे तो समाज में खुशी होगी. हम लोग ही सिर्फ जाति आधारित जनगणना की बात नहीं कह रहे, कई राज्यों द्वारा यह बात कही जा रही है.

सीएम नीतीश कुमार

इसी प्रकार से फोन टैपिंग को लेकर भी उन्होंने भाजपा से अलग राय रखी. सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि टेलिफोन टैपिंग की बात इतने दिनों से सामने आ रही है. लिहाजा इस पर बात जरूर होनी चाहिए और गंभीर चर्चा की जानी चाहिए. आजकल तो फोन टैपिंग कई तरह से कोई भी कर लेता है.

सीएम नीतीश कुमार

ऐसे में इन चीजों पर एक-एक बात को देखकर सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए. संसद में इस पर क्या हुआ और क्या नहीं हुआ है, ये सब मैं समाचार पत्रों में पढ़कर ही जानता हूं. जो कुछ भी है, उसकी जांच होनी चाहिए. आखिर कैसे किस तरह से फोन की टैपिंग हो रही है, सच्चाई सामने आनी चाहिए. जब इतने दिनों से लगातार लोग इस बारे में बोल रहे हैं तो उसके बारे में निश्चित रूप से मेरी समझ में जांच कर लेनी चाहिए. ताकि जो भी सच्चाई हो, वो सामने आ जाए.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) से मुलाकात उन्होंने कहा था कि किसी को क्यों की नाराजगी होनी चाहिए. चौटाला के प्रति उनका सम्मान लंबे समय से है. वे समाजवादी पृष्ठभूमि से हैं. उन्हें सजा हुई थी. सजा पूरी होने के बाद जब लौटे तो केसी त्यागी ने उनसे बात कराई थी. मैंने कहा था कि आ रहे हैं तो उनसे मिलेंगे. चौटाला राजनीतिक रूप से भले ही उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उनसे पुराना व्यक्तिगत संबंध है. उनसे मिलने पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए.

Last Updated : Aug 3, 2021, 11:10 AM IST
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