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इन पुलिसवालों ने दागदार की वर्दीः जिनके कंधे पर थी सुरक्षा की जिम्मेवारी, वही कर रहे थे CRIME - ETV Bharat Bihar News

जिनके कंधे पर है कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है वही लूट समेत कई आपराधिक वारदात में शामिल रहे हैं. इन वर्दीधारियों के रवैये ने पुलिस महकमा को शर्मसार किया है. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ वारदातों के बारे में बताने जा रहे हैं (Bihar Police involved in robbery). पढ़िये विस्तार से.

Bihar Police
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Published : Sep 28, 2022, 5:06 PM IST

पटना: बिहार पुलिस के कुछ जवान अपराधियों से साठगांठ कर लूट की वारदात को अंजाम देने में लगे हैं. यह फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. पुलिस वालाें के लूटपाट में शामिल हाेने के कई मामले मिले हैं. नीचे हम आपकाे इसका डिटेल भी दे रहे हैं. फिलहाल ताजा मामला छपरा के बरेली का है. आभूषण व्यवसायी से सोना लूटकांड को अंजाम दिया गया था. जांच के बाद छपरा पुलिस ने इस बात का खुलासा किया कि इस लूटकांड का मास्टरमाइंड कोई दुर्दांत अपराधी नहीं बल्कि बिहार पुलिस के दो जवान थे. इनकी पहचान शशिभूषण और पंकज पराकर के रूप में की गयी. इन दोनों ने चंद रुपये के लिए इस वारदात को अंजाम देकर खाकी को दागदार बनाया. अब इस मामले की विस्तृत जांच छपरा पुलिस कर रही है.

ये भी पढ़ें-पटना से किडनैंप सिपाही निकाला स्वर्ण व्यवसाई लूटकांड का मास्टरमाइंड, सारण पुलिस ने दबोचा

पुलिस महकमा को शर्मसार किया.

बिहार पुलिस की छवि को धूमिल कियाः पुलिस मुख्यालय के ADG जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक शशिभूषण पहले भी सारण जिले के गढ़खा में इस तरह के सोना लूटकांड को अंजाम दे चुका है. फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है. जितेंद्र सिंह गंगवार यह भी बताते है की जल्द ही शशिभूषण और पंकज पराकर के विरुद्ध विभागीय कारवाई की जायेगी उन्हें निलंबित भी किया जाएगा. पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास की मानें तो यह घटना बिहार पुलिस की छवि को धूमिल किया है. यह दुर्भाग्य की बात है कि पुलिस के वेश में अपराधी की मदद ही नहीं कर रहे बल्कि घटना को भी अंजाम दे रहे हैं.

कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिएः अमिताभ दास ने कहा कि इन दागी पुलिसकर्मियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए,जो पुलिस महकमे के लिए सबक बन सके. निलंबन के साथ-साथ उनके ऊपर कड़ी से कड़ी सजा मुकर्रर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स जॉइन करने से पहले सभी पुलिसकर्मियों का करैक्टर सर्टिफिकेट दिया जाता है. हालांकि हर पुलिसकर्मी पर नजर बनाकर रखना मुमकिन नहीं है. पूर्व आईपीएस अमिताभ दास के मुताबिक भ्रष्ट अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ निगरानी विभाग विशेष निगरानी विभाग और आर्थिक अपराध इकाई नजर रखती है और ऐसे कर्मियों पर समय-समय पर कार्रवाई भी होती है.

स्वर्ण व्यवसायी से 14 लाख की लूट: बीते 9 सितंबर को भगवान बाजार थाना क्षेत्र के भरतमिलाप चौक के समीप पुलिस की वर्दी में चार अपराधकर्मियों ने बरेली एक व्यवसायी अभिलाष वर्मा को स्टेशन जाने के क्रम में ई-रिक्शा से उतार लिया और पूछताछ के क्रम में गाड़ी में बिठा लिया. इसके बाद डोरीगंज थाना क्षेत्र के छपरा-आरा पुल के समीप व्यवसायी से 900 ग्राम के जेवरात, 139 ग्राम कच्चा सोना और 5 लाख रूपया कैश को लूटकर फरार हो गए. पीड़ित ने मामले की शिकायत थाने में की.

ये भी पढ़ेंः BMP जवान के अपहरण की खबर निकली झूठी, छपरा के सोना लूटकांड में STF ने किया था गिरफ्तार

गौरतलब है की यह कोई पहली घटना नहीं है जिसमें वर्दीधारी ही घटना को अंजाम दिया है. इससे पहले भी पटना सहित बिहार के कई जिलों में लूट, वसूली से लेकर लुटेरों को छोड़ने के मामले में पुलिस पदाधिकारी से लेकर जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. आइए एक नजर डाल लेते हैं पूर्व में हुई कुछ ऐसे ही आपराधिक वारदातों पर.

  • अगस्त 2018 में तत्कालीन SSP मनु महाराज ने अवैध वसूली के मामले में दीदारगंज और मालसलामी के तत्कालीन थानेदारों को निलंबित और वहां तैनात 93 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन हाजिर कर दिया था.
  • फरवरी 2017 में रुपये लेकर शराब वाहन छोड़ने के आरोप में बेउर थाने के थानेदार सहित 29 पुलिसकर्मियों की लाइन हाजिर कर विभागीय कार्रवाई की गई. इसके बाद नवंबर 2019 में रुपये लेकर लोडेड वाहनों को पार सहित 45 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड तत्कालीन ट्रैफिक एसपी ने नो इंट्री में कराने के आरोप में 13 पदाधिकारी कर दिया था.
  • वर्ष 2019 में रिश्वत लेकर सिक्का लुटेरों को छोड़ने के आरोप में बेउर के तत्कालीन थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों को भेजा गया जेल.
  • अगस्त 2020 में दानापुर थाने में दारोगा को विजलेंस जेल भेजा गया. टीम ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था .
  • जून 2021 में दीदारगंज के तत्कालीन थानेदार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया. थानेदार व एक जवान को उसी थाने में गिरफ्तार किया गया.
  • फरवरी 2022 में बिहटा में बालू लदे वाहनों से वसूली करने में चौराहे पर तैनात चालक जवान, चौकीदार सहित छह काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
  • जून 2021 में होटल व्यवसायी से रिश्वत मांगने के आरोप में रामकृष्णा नगर थाने में तैनात तीन जवानों को गिरफ्तार किया गया.
  • मार्च 2022 में बालू लदे ट्रैक्टर चालक से सौ रुपये घूस मांगने के आरोप में चौक थाना के दारोगा और एक चालक को गिरफ्तार किया गया.
  • अगस्त 2022 को दीदारगंज चेक पोस्ट पर तैनात पांच जवानों को रिश्वत लेकर शराब तस्कर को छोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
  • गुजरात के सोना कारोबारी से जुलाई 2018 लूट हुई थी. कदमकुआ थाना क्षेत्र के पीरमुहानी में गुजरात के सोना कारोबारी को फर्जी छापेमारी दस्ते ने पकड़ा था और गिरफ्तारी का भय दिखाकर लूटपाट की थी. वारदात को चार पुलिस जवानों और दो बदमाशों ने मिलकर अंजाम दिया था. इसमें भी मुख्य सरगना पटना पुलिस का जवान था.
  • मई 2018 में दरभंगा पुलिस ने लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले अंतरजिला गिरोह गैंग के आठ लुटेरों को गिरफ्तार किया था. चौकाने वाली बात सामने आई कि इस गैंग में पुलिस लाइन में तैनात एक जवान भी शामिल था. यह गैंग हाइवे पर गाड़ी चालक से लूट पाट करता था.
  • मई 2020 शिवहर जिले की पुलिस चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था. वो पुलिस की वर्दी में लूटपाट की घटना को अंजाम दे रहे थे. हैरानी की बात यह थी कि पुलिस की वर्दी में लूटपाट करने वाले इस गिरोह का सरगना शिवहर में पदस्थापित एक होमगार्ड का जवान था.
  • जनू 2019 में मोतिहारी में लूट हुई थी. बाइक के साथ पुलिस ने चार लुटेरे को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया. पकड़े गए लुटेरों में एक बिहार पुलिस का जवान भी था. वह भोजपुर का रहने वाला था और मुजफ्फरपुर में तैनात था. पुलिस ने आरोपित जवान को भी गिरफ्तार किया था .

"यह दुर्भाग्य की बात है कि पुलिस के वेश में अपराधी की मदद ही नहीं कर रहे बल्कि घटना को भी अंजाम दे रहे हैं. इन दागी पुलिसकर्मियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए,जो पुलिस महकमे के लिए सबक बन सके"- अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस

पटना: बिहार पुलिस के कुछ जवान अपराधियों से साठगांठ कर लूट की वारदात को अंजाम देने में लगे हैं. यह फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. पुलिस वालाें के लूटपाट में शामिल हाेने के कई मामले मिले हैं. नीचे हम आपकाे इसका डिटेल भी दे रहे हैं. फिलहाल ताजा मामला छपरा के बरेली का है. आभूषण व्यवसायी से सोना लूटकांड को अंजाम दिया गया था. जांच के बाद छपरा पुलिस ने इस बात का खुलासा किया कि इस लूटकांड का मास्टरमाइंड कोई दुर्दांत अपराधी नहीं बल्कि बिहार पुलिस के दो जवान थे. इनकी पहचान शशिभूषण और पंकज पराकर के रूप में की गयी. इन दोनों ने चंद रुपये के लिए इस वारदात को अंजाम देकर खाकी को दागदार बनाया. अब इस मामले की विस्तृत जांच छपरा पुलिस कर रही है.

ये भी पढ़ें-पटना से किडनैंप सिपाही निकाला स्वर्ण व्यवसाई लूटकांड का मास्टरमाइंड, सारण पुलिस ने दबोचा

पुलिस महकमा को शर्मसार किया.

बिहार पुलिस की छवि को धूमिल कियाः पुलिस मुख्यालय के ADG जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक शशिभूषण पहले भी सारण जिले के गढ़खा में इस तरह के सोना लूटकांड को अंजाम दे चुका है. फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है. जितेंद्र सिंह गंगवार यह भी बताते है की जल्द ही शशिभूषण और पंकज पराकर के विरुद्ध विभागीय कारवाई की जायेगी उन्हें निलंबित भी किया जाएगा. पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास की मानें तो यह घटना बिहार पुलिस की छवि को धूमिल किया है. यह दुर्भाग्य की बात है कि पुलिस के वेश में अपराधी की मदद ही नहीं कर रहे बल्कि घटना को भी अंजाम दे रहे हैं.

कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिएः अमिताभ दास ने कहा कि इन दागी पुलिसकर्मियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए,जो पुलिस महकमे के लिए सबक बन सके. निलंबन के साथ-साथ उनके ऊपर कड़ी से कड़ी सजा मुकर्रर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स जॉइन करने से पहले सभी पुलिसकर्मियों का करैक्टर सर्टिफिकेट दिया जाता है. हालांकि हर पुलिसकर्मी पर नजर बनाकर रखना मुमकिन नहीं है. पूर्व आईपीएस अमिताभ दास के मुताबिक भ्रष्ट अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ निगरानी विभाग विशेष निगरानी विभाग और आर्थिक अपराध इकाई नजर रखती है और ऐसे कर्मियों पर समय-समय पर कार्रवाई भी होती है.

स्वर्ण व्यवसायी से 14 लाख की लूट: बीते 9 सितंबर को भगवान बाजार थाना क्षेत्र के भरतमिलाप चौक के समीप पुलिस की वर्दी में चार अपराधकर्मियों ने बरेली एक व्यवसायी अभिलाष वर्मा को स्टेशन जाने के क्रम में ई-रिक्शा से उतार लिया और पूछताछ के क्रम में गाड़ी में बिठा लिया. इसके बाद डोरीगंज थाना क्षेत्र के छपरा-आरा पुल के समीप व्यवसायी से 900 ग्राम के जेवरात, 139 ग्राम कच्चा सोना और 5 लाख रूपया कैश को लूटकर फरार हो गए. पीड़ित ने मामले की शिकायत थाने में की.

ये भी पढ़ेंः BMP जवान के अपहरण की खबर निकली झूठी, छपरा के सोना लूटकांड में STF ने किया था गिरफ्तार

गौरतलब है की यह कोई पहली घटना नहीं है जिसमें वर्दीधारी ही घटना को अंजाम दिया है. इससे पहले भी पटना सहित बिहार के कई जिलों में लूट, वसूली से लेकर लुटेरों को छोड़ने के मामले में पुलिस पदाधिकारी से लेकर जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. आइए एक नजर डाल लेते हैं पूर्व में हुई कुछ ऐसे ही आपराधिक वारदातों पर.

  • अगस्त 2018 में तत्कालीन SSP मनु महाराज ने अवैध वसूली के मामले में दीदारगंज और मालसलामी के तत्कालीन थानेदारों को निलंबित और वहां तैनात 93 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन हाजिर कर दिया था.
  • फरवरी 2017 में रुपये लेकर शराब वाहन छोड़ने के आरोप में बेउर थाने के थानेदार सहित 29 पुलिसकर्मियों की लाइन हाजिर कर विभागीय कार्रवाई की गई. इसके बाद नवंबर 2019 में रुपये लेकर लोडेड वाहनों को पार सहित 45 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड तत्कालीन ट्रैफिक एसपी ने नो इंट्री में कराने के आरोप में 13 पदाधिकारी कर दिया था.
  • वर्ष 2019 में रिश्वत लेकर सिक्का लुटेरों को छोड़ने के आरोप में बेउर के तत्कालीन थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों को भेजा गया जेल.
  • अगस्त 2020 में दानापुर थाने में दारोगा को विजलेंस जेल भेजा गया. टीम ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था .
  • जून 2021 में दीदारगंज के तत्कालीन थानेदार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया. थानेदार व एक जवान को उसी थाने में गिरफ्तार किया गया.
  • फरवरी 2022 में बिहटा में बालू लदे वाहनों से वसूली करने में चौराहे पर तैनात चालक जवान, चौकीदार सहित छह काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
  • जून 2021 में होटल व्यवसायी से रिश्वत मांगने के आरोप में रामकृष्णा नगर थाने में तैनात तीन जवानों को गिरफ्तार किया गया.
  • मार्च 2022 में बालू लदे ट्रैक्टर चालक से सौ रुपये घूस मांगने के आरोप में चौक थाना के दारोगा और एक चालक को गिरफ्तार किया गया.
  • अगस्त 2022 को दीदारगंज चेक पोस्ट पर तैनात पांच जवानों को रिश्वत लेकर शराब तस्कर को छोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
  • गुजरात के सोना कारोबारी से जुलाई 2018 लूट हुई थी. कदमकुआ थाना क्षेत्र के पीरमुहानी में गुजरात के सोना कारोबारी को फर्जी छापेमारी दस्ते ने पकड़ा था और गिरफ्तारी का भय दिखाकर लूटपाट की थी. वारदात को चार पुलिस जवानों और दो बदमाशों ने मिलकर अंजाम दिया था. इसमें भी मुख्य सरगना पटना पुलिस का जवान था.
  • मई 2018 में दरभंगा पुलिस ने लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले अंतरजिला गिरोह गैंग के आठ लुटेरों को गिरफ्तार किया था. चौकाने वाली बात सामने आई कि इस गैंग में पुलिस लाइन में तैनात एक जवान भी शामिल था. यह गैंग हाइवे पर गाड़ी चालक से लूट पाट करता था.
  • मई 2020 शिवहर जिले की पुलिस चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था. वो पुलिस की वर्दी में लूटपाट की घटना को अंजाम दे रहे थे. हैरानी की बात यह थी कि पुलिस की वर्दी में लूटपाट करने वाले इस गिरोह का सरगना शिवहर में पदस्थापित एक होमगार्ड का जवान था.
  • जनू 2019 में मोतिहारी में लूट हुई थी. बाइक के साथ पुलिस ने चार लुटेरे को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया. पकड़े गए लुटेरों में एक बिहार पुलिस का जवान भी था. वह भोजपुर का रहने वाला था और मुजफ्फरपुर में तैनात था. पुलिस ने आरोपित जवान को भी गिरफ्तार किया था .

"यह दुर्भाग्य की बात है कि पुलिस के वेश में अपराधी की मदद ही नहीं कर रहे बल्कि घटना को भी अंजाम दे रहे हैं. इन दागी पुलिसकर्मियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए,जो पुलिस महकमे के लिए सबक बन सके"- अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस

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