पटना: बिहार में शिक्षा विभाग की चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ छठे चरण में चयन से वंचित और सातवें चरण की बहाली की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी (Bihar Teachers Candidate) नाराज चल हैं. वे 3 मार्च से आंदोलन (shikshak strike from 3 march) करने जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों (Bihar Niyojit Shikshak) ने अपनी कई लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है.
दरअसल, प्रदेश भर के नव प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त किए तीन साल से अधिक हो चुके हैं लेकिन उनकी लंबित मांगों पर विचार नहीं किया गया. नवप्रशिक्षित शिक्षकों के बकाया अंतर वेतन को लेकर टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने राज्य परियोजना निदेशालय को आंदोलन का ज्ञापन सौंपा है. वित्त विभाग द्वारा पत्र जारी कर सभी प्रकार के बकाया भुगतान का निर्देश दिया गया था, लेकिन अभी तक नवप्रशिक्षित शिक्षकों के बकाया अंतर वेतन, विभिन्न जिलों के शिक्षकों के हड़ताल अवधि का बकाया वेतन, मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश एवं अन्य बकाया वेतन और अंतर वेतन का अब तक भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में प्रदेश के शिक्षकों में आक्रोश है.
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इस बारे में टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्य संयोजक राजू सिंह और आलोक रंजन ने कहा है कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. राज्य भर के नवप्रशिक्षित शिक्षकों का प्रशिक्षण पूर्ण करने की तिथि से अंतर वेतन बकाया है. शिक्षकों का जनवरी और फरवरी का वेतन बकाया है. वहीं, इसके अतिरिक्त बेगूसराय, बांका, पश्चिमी चंपारण और भागलपुर जिले के शिक्षकों का दो वर्ष पूर्व के हड़ताल अवधि का वेतन अब तक नहीं दिया गया है.
हैरानी की बात तो यह है कि बिहार के प्रशिक्षित हो चुके हजारों शिक्षकों के अंतर वेतन के बकाये का भुगतान तीन वर्ष बाद भी नहीं किया है. चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश और सातवें पुनरीक्षित वेतन के बकाया का भी भुगतान लंबित है. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को अल्प वेतन देती है और उसका भी भुगतान समय पर नहीं करती है. जिलों में बकाया एरियर का अंबार लगा है. शिक्षक संघ का आरोप है कि पूरे मामले पर विभाग मौन है. शिक्षकों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है.
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राजू सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही सभी तरह के बकायों का भुगतान नहीं होगा चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे. संघ ने मांग की है कि अब छठे चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है तो सरकार अपने वादे के अनुसार ऐच्छिक अंतर जिला स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करे. स्थानांतरण प्रक्रिया को सुगम बनाते हुए पुरुष शिक्षकों को भी अंतर जिला ऐच्छिक स्थानान्तरण में मौका मिलना चाहिए.
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