पटना: पटना के कोतवाली थाने में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित 6 लोगों पर पैसे लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं देने के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब इसे लेकर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी कोटे से बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने कहा है कि राजद (RJD) की शुरू से ये परम्परा रही है. वे पैसे लेकर ही टिकट देते हैं. उसी संस्कृति को तेजस्वी यादव जैसे नेता आगे बढ़ा रहे हैं. आज उसी का प्रतिफल है कि उन्हीं की पार्टी के नेता ने आरोप लगाकर मामला तक दर्ज कराया है.
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नितिन नवीन ने कहा कि जब मामला थाने तक गया है तो जांच जरूर होगी. जिला प्रशासन सत्यता की जांच करेगा. जिस तरह का आरोप लगा है, वह शर्म की बात है. तेजस्वी यादव को खुद आगे आकर इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. साथ ही जनता से माफी भी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस परंपरा को चलाने वाले राजद की पोल खुल चुकी है. उन्होंने कहा कि अपनी ही पार्टी के लोगों ने ये आरोप लगाया है. अब इससे बड़ी बात क्या होगी.
यहां बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, उनकी बहन व राज्यसभा सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) सहित छह लोगों के खिलाफ दायर मामले में पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए परिवाद पत्र कोतवाली थाने को भेजा था. उसके आधार पर कोतवाली थानाध्यक्ष ने मामले को दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है.
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कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह का आरोप था कि भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के लिए 15 जनवरी 2019 को उससे 5 करोड़ रुपए लिए गये थे. इसके बाद दूसरे को टिकट दे दिया. संजीव कुमार सिंह को विधानसभा के चुनाव में आरोप है कि लोकसभा चुनाव में राजद का टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लिये गये. इस चुनाव में टिकट नहीं देने पर विधानसभा चुनाव में उन्हें गोपालपुर और उनके भाई को रुपौली सीट से टिकट देने का आश्वासन दिया गया लेकिन नहीं दिया गया.
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