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शिक्षकों के शराब ढूंढने के टास्क पर शिक्षा विभाग की दो टूक- 'सरकार वापस नहीं लेगी आदेश'

शराबबंदी को सफल बनाने और नशामुक्ति अभियान को गति देने के लिए शिक्षकों को शराब ढूंढने का फरमान (New Notification for Teachers) देने पर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि ''सरकार अपना यह आदेश वापस नहीं लेगी. यह कोई आदेश नहीं है, बल्कि अपील है.''

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार
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Published : Jan 29, 2022, 7:15 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर शिक्षा विभाग के नए फरमान का विरोध (Oppose to New Notification of Education Department) शुरू हो गया है. शराबबंदी को लेकर शिक्षा विभाग के नए फरमान को लेकर भले ही शिक्षक संगठन विरोध जता रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अपना यह आदेश वापस नहीं लेगी. शिक्षा विभाग ने कहा कि हमने समाज में नशा मुक्ति को लेकर जागरूकता के लिए शिक्षकों से अपील की है.

ये भी पढ़ें- गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- 'सरकार वापस ले आदेश'

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा है कि ''बिहार सरकार के हर कर्मचारी और अधिकारी ने शपथ ली है कि वह खुद नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी नशा मुक्ति के प्रति जागरूक करेंगे. इसी संदर्भ में बिहार सरकार ने अपने शिक्षकों से भी यह अपील की है कि वह समाज में नशा मुक्ति को लेकर जागरूकता बढ़ाएं. इसमें कहीं से कोई दबाव या डरने की बात नहीं है. यह कोई आदेश नहीं है, बल्कि अपील है, क्योंकि शिक्षक समाज के हर तबके के लोगों के अत्यंत नजदीक हैं. उनके जरिए आसानी से लोगों तक नशा मुक्ति से संबंधित बातें पहुंचाई जा सकती है.''

गौरतलब है कि इसके पहले शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा है कि शिक्षकों के जरिए सरकार नशा मुक्ति अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहती है. बिहार के हर कर्मचारी और अधिकारी के साथ आम लोगों को भी इस संदर्भ में बताया गया है और लोग शराब पीने वाले या शराब की बिक्री करने वाले लोगों के बारे में टोल फ्री नंबर पर जानकारी देते हैं. अगर हमने शिक्षकों से भी यह अपील की है तो इसमें नया क्या है. हालांकि, शिक्षक संघ सरकार के इस फरमान को तुगलकी फरमान बता रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कई संगठनों ने इसके विरोध में आंदोलन की घोषणा की है और शिक्षा मंत्री का पुतला जलाने की बात भी कही है.

बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.

जानकारी दें कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद चोरी छुपे शराब के सेवन और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार की सख्ती जारी है. कई बार स्कूल कैंपस से शराब की बोतलें मिलने और स्कूल कैंपस में स्कूल अवधि के बाद शराब पीने की खबरों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल अवधि के बाद भी स्कूल कैंपस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.

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पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर शिक्षा विभाग के नए फरमान का विरोध (Oppose to New Notification of Education Department) शुरू हो गया है. शराबबंदी को लेकर शिक्षा विभाग के नए फरमान को लेकर भले ही शिक्षक संगठन विरोध जता रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अपना यह आदेश वापस नहीं लेगी. शिक्षा विभाग ने कहा कि हमने समाज में नशा मुक्ति को लेकर जागरूकता के लिए शिक्षकों से अपील की है.

ये भी पढ़ें- गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- 'सरकार वापस ले आदेश'

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा है कि ''बिहार सरकार के हर कर्मचारी और अधिकारी ने शपथ ली है कि वह खुद नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी नशा मुक्ति के प्रति जागरूक करेंगे. इसी संदर्भ में बिहार सरकार ने अपने शिक्षकों से भी यह अपील की है कि वह समाज में नशा मुक्ति को लेकर जागरूकता बढ़ाएं. इसमें कहीं से कोई दबाव या डरने की बात नहीं है. यह कोई आदेश नहीं है, बल्कि अपील है, क्योंकि शिक्षक समाज के हर तबके के लोगों के अत्यंत नजदीक हैं. उनके जरिए आसानी से लोगों तक नशा मुक्ति से संबंधित बातें पहुंचाई जा सकती है.''

गौरतलब है कि इसके पहले शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा है कि शिक्षकों के जरिए सरकार नशा मुक्ति अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहती है. बिहार के हर कर्मचारी और अधिकारी के साथ आम लोगों को भी इस संदर्भ में बताया गया है और लोग शराब पीने वाले या शराब की बिक्री करने वाले लोगों के बारे में टोल फ्री नंबर पर जानकारी देते हैं. अगर हमने शिक्षकों से भी यह अपील की है तो इसमें नया क्या है. हालांकि, शिक्षक संघ सरकार के इस फरमान को तुगलकी फरमान बता रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कई संगठनों ने इसके विरोध में आंदोलन की घोषणा की है और शिक्षा मंत्री का पुतला जलाने की बात भी कही है.

बता दें कि बिहार में शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. गुरुजी अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. जानकारी दें कि बिहार के स्कूलों में शराब की गतिविधि देखने को मिलती रहती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया है. निर्देश पत्र के अनुसार अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे.

जानकारी दें कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद चोरी छुपे शराब के सेवन और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार की सख्ती जारी है. कई बार स्कूल कैंपस से शराब की बोतलें मिलने और स्कूल कैंपस में स्कूल अवधि के बाद शराब पीने की खबरों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल अवधि के बाद भी स्कूल कैंपस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.

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