पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग ( Disaster Management Department ) की मैराथन बैठक की. बैठक 12:00 बजे से मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में शुरू हुई और शाम 5:30 बजे तक चली. बैठक में आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की और सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिले में जाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को टास्क दिया कि जिले में जाकर आपदा पीड़ितों को मदद मिल रही है कि नहीं, इसकी समीक्षा करें और जो नुकसान हुआ है उसका भी आंकलन करें.
आपदा प्रबंधन विभाग की मुख्यमंत्री ने साढ़े 5 घंटे से भी अधिक समीक्षा बैठक की. बैठक 11 बजे से ही शुरू होनी थी लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ( Sadanand Singh ) के निधन के कारण यह बैठक 1 घंटे विलंब से शुरू हुई. बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के साथ वित्त विभाग, पथ निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, खाद्य आपूर्ति, कृषि सहित सभी विभाग के मंत्री और अला अधिकारी शामिल रहे.
यह भी पढ़ें- नीतीश पर 'तेज' प्रहार... बोले नेता प्रतिपक्ष - उपचुनाव में दोनों सीटों पर जीतेगी RJD
बैठक के बाद पथ निर्माण मंत्री नितिन नविन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को जिले में जाने का निर्देश दिया है और आज मुख्यमंत्री ने एक-एक चीज की समीक्षा की है. मंत्रियों को जिले में जाकर आपदा पीड़ितों को मदद मिल रहा है कि नहीं, इसकी समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है.
वहीं, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित सभी विभागों की समीक्षा की है और मंत्रियों को जिले में जाने के लिए कहा है केंद्रीय टीम को प्रारंभिक आंकलन का रिपोर्ट दिया गया है.
यह भी पढ़ें- बोले अशोक चौधरी- 'परीक्षा होनी है, उसके लिए अभी से ही पढ़ाई कर रहा हूं'
दरअसल, बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को साफ कहा है कि सरकार की तरफ से आपदा पीड़ितों को मदद दी जा रही है, वह सही ढंग से मिल रहा है कि नहीं, यह जाकर ऑन द स्पॉट देखें. साथ में जो बड़े पैमाने पर क्षति हुई है, उसको लेकर आगे की क्या रणनीति हो सकती है, उसकी समीक्षा करें. अब मंत्रियों के रिपोर्ट के आधार पर आगे फिर रणनीति तैयार की जाएगी.
बता दें कि बाढ़ में हुई क्षतिग्रस्त के लिए 2017 में केंद्र से बिहार को 1700 करोड़, 2019 में 1000 करोड़ और 2020 में 1255 करोड़ की मदद मिली थी. इस बार बिहार में 26 जिले के लोग बाढ़ से परेशान हुए हैं. वहीं, 200 करोड़ से अधिक के पथ निर्माण विभाग की सड़कों को नुकसान पहुंचा है, ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कें भी बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त हुई हैं. इसके साथ ही कृषि विभाग और निजी संपत्तियों का भी बाढ़ की चपेट में आने से नुकसान हुआ है.