पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक ओर जहां दिल्ली में बीजेपी विरोधी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. दिल्ली दौरे पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar Delhi Visit) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की. मंगलवार को लेफ्ट नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिले. इस बीच, दिल्ली में जब नीतीश कुमार से पत्रकारों ने आरसीपी सिंह को लेकर सवाल पूछा तो नीतीश कुमार भड़क गए (Nitish Kumar gets angry on RCP Singh).
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आरसीपी सिंह पर भड़के नीतीश कुमार : ''अरे छोड़िये, कहां किसकी बात करते हैं. ऐसे लोगॆ को छोड़िये, उसका जवाब ललन सिंह अच्छे से देंगे. पार्टी का क्या हाल हो गया था ये देख ही रहे थे न आप लोग. हमने जिसको बनाया, वो (आरसीपी सिंह) अब बोलने लगा है. राजनीति में कौन लाया था. आईएएस था. उसे अपना प्राइवेट सेक्रेट्री बनाया. पार्टी में उसे अपनी कुर्सी दी. लेकिन वो बीजेपी के हाथ में चले गए. क्या बोलता है हमें इससे कोई मतलब नहीं है.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
बिहार के लोग सूखा, बाढ़ से त्रस्त, नीतीश दिल्ली में मस्त : इससे पहने नीतीश कुमार के पूर्व सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह ने मंगलवार को उन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा बिहार के लोग बाढ़ और सूखा से त्रस्त हैं और नीतीश दिल्ली में मस्त हैं. उन्होंने कहा नीतीश को जनादेश बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए मिला था.
'विपक्षी एकता के बहाने समय काट रहे हैं नीतीश कुमार' : जे़डीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने विपक्षी एकता होने पर शंका जाहिर की. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पटना आए थे, तब उठ-बैठ ही होते रहा. विपक्षी दलों पर सियासी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि देश में काम नहीं हुआ. आज देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें स्थान पर आ गई. हमने उस ब्रिटेन को पीछे कर दिया जिसने भारत पर वर्षों राज किया. जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को काम में मन नहीं लग रहा है इसलिए वे समय काट रहे हैं.
'जनता दरबार का खर्च बताए नीतीश कुमार' : नीतीश के जनता दरबार पर निशाना साधते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि वर्षों से जनता दरबार का बिहार के लोगों को क्या फायदा हुआ, इस पर नीतीश कुमार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्या उनके गांवों और घरों पर हल होनी चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री लोगों को समस्या समाधान के लिए अपने दरबार में बुलाते हैं. उन्होंने नीतीश कुमार से जनता दरबार का खर्च बताने को कहा. उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र निकाल ले और बताएं कि जब से जनता दरबार लग रहा है तब से आज तक कितना खर्च हुआ है.