ETV Bharat / city

Intermediate Exam 2022: बिहार बोर्ड कर रहा टॉपर्स परीक्षार्थियों का वेरिफिकेशन, इस दिन जारी होगा रिजल्ट

बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 (Intermediate Exam 2022) का रिजल्ट प्रकाशित करने से पहले तीनों संकाय के लगभग 100 टॉपर्स परीक्षार्थियों को बोर्ड ऑफिस बुलाया गया है. जानकारी के अनुसार उनकी कॉपी से उनकी हैंडराइटिंग का मिलान कराया जा रहा है, साथ ही आईक्यू टेस्ट भी किया जा रहा है. ताकि टॉपर घोटाला जैसा मामला फिर से सामने ना आ सकें.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
author img

By

Published : Mar 14, 2022, 3:34 PM IST

पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 के टॉपर्स अभ्यर्थियों को सोमवार को बोर्ड ऑफिस बुलाया गया है. तीनों संकाय के लगभग 100 परीक्षार्थियों को बोर्ड ऑफिस बुलाया गया है और उनकी कॉपी से उनकी हैंडराइटिंग का मिलान कराया जा रहा है. इसके अलावा उनका आईक्यू टेस्ट (Bihar Board verify Intermediate Exam 2022 Toppers) किया जा रहा है कि क्या वह टॉपर बनने लायक है या नहीं. बिहार बोर्ड इस पूरी प्रक्रिया को गोपनीय बनाए रखे हुए है.

ये भी पढ़ें- BSEB ने जारी किए डीएलएड फर्स्ट और सेकंड ईयर का Result, एक क्लिक में देखें

'..ताकि ना हो टॉपर घोटाला': सूत्रों की माने तो इंटरमीडिएट परीक्षा की 15 फरवरी से शुरू हुई कॉपी जांच प्रक्रिया पूरी हो गई है और होली के पहले कभी भी रिजल्ट प्रकाशित हो सकता है. रिजल्ट 16 या 17 मार्च को आ सकता है. बता दें कि जब से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में टॉपर घोटाला रूबी राय वाला मामला सामने आया उसके बाद से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सतर्क हो गया है.

टॉपर्स परीक्षार्थियों का वेरिफिकेशन: प्रत्येक साल परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले लगभग 100 की संख्या में टॉपर अभ्यर्थियों को बुलाकर बोर्ड ऑफिस में उनका टेस्ट लिया जाता है. उनका हैंडराइटिंग मिलान किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि परीक्षार्थी अपनी बुद्धि और विवेक से उत्तर पुस्तिका लिखकर यह अंक लाए हैं. परीक्षार्थियों से रैंडमली प्रश्न पत्र के प्रश्न पूछे जाते हैं और देखा जाता है कि विद्यार्थी वह प्रश्न बता पा रहा है या नहीं. बाद में इसी के आधार पर टॉपर्स और तीनों संकाय में टॉप टेन परीक्षार्थियों का चयन बोर्ड करता है.

बोर्ड के दावों पर भी उठे सवाल: वहीं, बिहार बोर्ड की इस प्रक्रिया पर बोर्ड के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने परीक्षा समाप्ति होने के बाद यह दावा किया कि परीक्षा कदाचार मुक्त और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जो परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न हुई है, ऐसे में टॉपर्स को बुलाकर उनका टेस्ट लेने की आवश्यकता क्यों आ पड़ी है, जबकि दूसरे किसी बोर्ड परीक्षा में इस प्रकार का नियम नहीं है.

बता दें कि इस बार इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर प्रदेश भर में 1471 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिसमें प्रदेश भर में कुल 13,45,939 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए. परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न हो इसको लेकर परीक्षा केंद्र के बाहर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू थी और परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में आयोजित की गई. इसके साथ ही सेंटर पर जैमर की भी व्यवस्था की गई थी, ताकि कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल ना कर सकें.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 के टॉपर्स अभ्यर्थियों को सोमवार को बोर्ड ऑफिस बुलाया गया है. तीनों संकाय के लगभग 100 परीक्षार्थियों को बोर्ड ऑफिस बुलाया गया है और उनकी कॉपी से उनकी हैंडराइटिंग का मिलान कराया जा रहा है. इसके अलावा उनका आईक्यू टेस्ट (Bihar Board verify Intermediate Exam 2022 Toppers) किया जा रहा है कि क्या वह टॉपर बनने लायक है या नहीं. बिहार बोर्ड इस पूरी प्रक्रिया को गोपनीय बनाए रखे हुए है.

ये भी पढ़ें- BSEB ने जारी किए डीएलएड फर्स्ट और सेकंड ईयर का Result, एक क्लिक में देखें

'..ताकि ना हो टॉपर घोटाला': सूत्रों की माने तो इंटरमीडिएट परीक्षा की 15 फरवरी से शुरू हुई कॉपी जांच प्रक्रिया पूरी हो गई है और होली के पहले कभी भी रिजल्ट प्रकाशित हो सकता है. रिजल्ट 16 या 17 मार्च को आ सकता है. बता दें कि जब से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में टॉपर घोटाला रूबी राय वाला मामला सामने आया उसके बाद से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सतर्क हो गया है.

टॉपर्स परीक्षार्थियों का वेरिफिकेशन: प्रत्येक साल परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले लगभग 100 की संख्या में टॉपर अभ्यर्थियों को बुलाकर बोर्ड ऑफिस में उनका टेस्ट लिया जाता है. उनका हैंडराइटिंग मिलान किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि परीक्षार्थी अपनी बुद्धि और विवेक से उत्तर पुस्तिका लिखकर यह अंक लाए हैं. परीक्षार्थियों से रैंडमली प्रश्न पत्र के प्रश्न पूछे जाते हैं और देखा जाता है कि विद्यार्थी वह प्रश्न बता पा रहा है या नहीं. बाद में इसी के आधार पर टॉपर्स और तीनों संकाय में टॉप टेन परीक्षार्थियों का चयन बोर्ड करता है.

बोर्ड के दावों पर भी उठे सवाल: वहीं, बिहार बोर्ड की इस प्रक्रिया पर बोर्ड के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने परीक्षा समाप्ति होने के बाद यह दावा किया कि परीक्षा कदाचार मुक्त और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जो परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न हुई है, ऐसे में टॉपर्स को बुलाकर उनका टेस्ट लेने की आवश्यकता क्यों आ पड़ी है, जबकि दूसरे किसी बोर्ड परीक्षा में इस प्रकार का नियम नहीं है.

बता दें कि इस बार इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर प्रदेश भर में 1471 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिसमें प्रदेश भर में कुल 13,45,939 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए. परीक्षा कदाचार मुक्त संपन्न हो इसको लेकर परीक्षा केंद्र के बाहर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू थी और परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में आयोजित की गई. इसके साथ ही सेंटर पर जैमर की भी व्यवस्था की गई थी, ताकि कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल ना कर सकें.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.