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बोले BJP MLA- राम का अस्तित्व नहीं होता तो नाम जीतन 'राक्षस' मांझी होता - Bihar BJP

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के भगवान श्री राम को लेकर दिये बयान पर सियासी बवाल मच गया है. भाजपा ने एक बार फिर मांझी पर करारा प्रहार किया है. भाजपा विधायक ने कहा है कि उनका नाम जीतन राक्षस मांझी होना चाहिए था. पढ़ें पूरी खबर.

जीतनराम मांझी भगवान श्री राम
जीतनराम मांझी भगवान श्री राम
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Published : Sep 22, 2021, 12:30 PM IST

पटना: भगवान श्री राम (Lord Shri Ram) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बयान को लेकर बिहार की राजनीति अब गरमाने लगी है. सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एनडीए (NDA) के घटक दल के नेता ही मांझी पर हमला करने लगे हैं. बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल (Hari Bhushan Thakur Bachaul) ने कहा है कि मांझी हमारे गार्जियन हैं लेकिन जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, वह अच्छी बात नहीं है.

ये भी पढ़ें: रामायण पर महाभारत: जीतनराम मांझी ने श्रीराम के अस्तित्व पर उठाया सवाल, भगवान मानने से भी इंकार

उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने राम के अस्तित्व को समझकर ही उनके नाम के साथ जीतन राम मांझी लगाया था. जब यह बात मांझी नहीं जानते हैं तो उनका नाम जीतन राक्षस मांझी होना चाहिए था. उन्होंने साफ-साफ कहा कि राम को लेकर मांझी ने जो बयान दिया है, वह गलत है. आज जितनी भी पार्टियां हैं, वह यूपी चुनाव से पहले अयोध्या जाकर नतमस्तक हो रही हैं.

देखें वीडियो

भारत में कण-कण में राम बसे हुए हैं. रामायण को कौन नहीं जानता है. इसको लेकर जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, इसके लिए उन्हें खेद प्रकट करते हुए माफी मांगनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: जीतनराम मांझी ने भगवान श्रीराम के अस्तित्‍व पर उठाए सवाल, मचा सियासी बवाल

उन्होंने कहा कि हमारे बाप, दादा, पुरखे सभी राम के अस्तित्व को मानते हैं. उन्होंने उन्हें कभी काल्पनिक नहीं कहा है. जीतन राम मांझी जिस तरह से उनके अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं, वे वोट बैंक की राजनीति करना चाहते हैं. अपने आप को सेक्युलर दिखाना चाहते हैं जो कि गलत है.

बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भगवान श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने राम को भगवान मानने से इंकार करते हुए कहा है कि वह तो काल्पनिक व्यक्ति हैं. वहीं, उनकी ओर से रामायण (Ramayana) की ऐतिहासिकता पर सवाल उठाने के बाद बिहार में सियासी बवाल खड़ा हो गया है. सहयोगी बीजेपी (BJP) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है.

ये भी पढ़ें: BJP को JDU का जवाब, सिलेबस में रामायण-महाभारत को शामिल करने का कोई विचार नहीं

जीतनराम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्री राम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है, वो सीखने लायक है. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है.

हम प्रमुख के राम और रामायण को लेकर दिए गए इस बयान पर एनडीए (NDA) में उनकी सहयोगी बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है. बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में भगवान श्रीराम से संबंधित बातें पढ़ाई जानी चाहिए. इससे अधिक से अधिक लोग उनके बारे में जान सकेंगे.

ये भी पढ़ें: UP की राजनीति: बिहार से 'पूर्वांचल एक्सप्रेस वे'

पटना: भगवान श्री राम (Lord Shri Ram) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बयान को लेकर बिहार की राजनीति अब गरमाने लगी है. सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एनडीए (NDA) के घटक दल के नेता ही मांझी पर हमला करने लगे हैं. बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल (Hari Bhushan Thakur Bachaul) ने कहा है कि मांझी हमारे गार्जियन हैं लेकिन जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, वह अच्छी बात नहीं है.

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उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने राम के अस्तित्व को समझकर ही उनके नाम के साथ जीतन राम मांझी लगाया था. जब यह बात मांझी नहीं जानते हैं तो उनका नाम जीतन राक्षस मांझी होना चाहिए था. उन्होंने साफ-साफ कहा कि राम को लेकर मांझी ने जो बयान दिया है, वह गलत है. आज जितनी भी पार्टियां हैं, वह यूपी चुनाव से पहले अयोध्या जाकर नतमस्तक हो रही हैं.

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भारत में कण-कण में राम बसे हुए हैं. रामायण को कौन नहीं जानता है. इसको लेकर जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, इसके लिए उन्हें खेद प्रकट करते हुए माफी मांगनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि हमारे बाप, दादा, पुरखे सभी राम के अस्तित्व को मानते हैं. उन्होंने उन्हें कभी काल्पनिक नहीं कहा है. जीतन राम मांझी जिस तरह से उनके अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं, वे वोट बैंक की राजनीति करना चाहते हैं. अपने आप को सेक्युलर दिखाना चाहते हैं जो कि गलत है.

बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भगवान श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने राम को भगवान मानने से इंकार करते हुए कहा है कि वह तो काल्पनिक व्यक्ति हैं. वहीं, उनकी ओर से रामायण (Ramayana) की ऐतिहासिकता पर सवाल उठाने के बाद बिहार में सियासी बवाल खड़ा हो गया है. सहयोगी बीजेपी (BJP) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है.

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जीतनराम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्री राम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है, वो सीखने लायक है. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है.

हम प्रमुख के राम और रामायण को लेकर दिए गए इस बयान पर एनडीए (NDA) में उनकी सहयोगी बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है. बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में भगवान श्रीराम से संबंधित बातें पढ़ाई जानी चाहिए. इससे अधिक से अधिक लोग उनके बारे में जान सकेंगे.

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