पटनाः बिहार विधानसभा भवन के एक सौ वर्ष पूरे हो गये हैं. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में शताब्दी समारोह (Centenary Celebrations) का आयोजन किया गया. इस समारोह में देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. अपने संबोधन में बिहार से जुड़ी अपनी स्मृतियों और देश के विकास में इस धरती की भूमिका सहित अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बड़ी बातें
- रामनाथ कोविंद ने छठ पूजा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, बिहार का छठ पर्व अब पूरे देश में मनाया जा रहा है. छठ पर्व अब ग्लोबल हो गया है. आज दुनियाभर के लोग छठ पर्व मना रहे हैं। आगामी त्योहरों के लिए बधाई देता हूं.
- इसी के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुखमंत्री नीतीश कुमार की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि, बिहार विधानसभा ने शराबबंदी लागू किया. इस अधिनियम को कानून का दर्जा देने का गौरव मुझे भी मिला.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि, हमारे सचिवालय के लोग कहते हैं कि बिहार से आमंत्रण आये तो आप टालमटोल नहीं करते हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा बिहार से राज्यपाल से ही नाता नहीं है बल्कि और कुछ है जिसे मैं ढूंढता रहता हूं.
- आज से करीब 2400 साल से पहले एक गरीब महिला के बेटे चंद्रगुप्त मौर्य को शासक बनाने से लेकर कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने की यह धरती है. इसी धरती के जय प्रकाश नारायण ने लोकतंत्र ने पर जब आघात पहुंचा तो सबसे बड़े जन आंदोलन को हवा दी. पिछले 4 सालों में बिहार के जीडीपी में बढ़ोत्तरी हुई है. आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं. उनके शासनकाल में बिहार में न्याय के साथ विकास हुआ है.
- मुख्यमंत्री जी के बिहारी राष्ट्रपति के रूप में संबोधित कर रहे थे तब मुझे खुशी हो रही थी. विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार. राजेन्द्र प्रसाद की छोड़ी विरासत को संभालने की जिम्मेदारी है.
- बिहार आता हूं तो लगता है बिहार आया हूं. बिहार से मेरा राज्यपाल का ही नाता नहीं है, बल्कि कुछ ही रिश्ते हैं.
- बिहार हमेशा रचता है. आज भी एक इतिहास रचा गया है. सौ साल के विधानसभा के कार्यकाल का एक इतिहास रचा गया है. देशवासियों ने भी एक इतिहास रचा है. हम सौ करोड़ वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पार किया है. बिहार आने पर हमें खुशी मिलती है. राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान मुझे यहां सभी वर्ग के लोगों का सम्मान मिला. राष्ट्रपति के तौर पर भी सम्मान में कमी नहीं आई. इसके लिए हम यहां के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्यवासियों का आभार व्यक्त करते हैं.
- यह शताब्दी समारोह लोकतंत्र का उत्सव है. इस कार्यक्रम में आप लोगों की उपस्थिति इस देश में स्वस्थ संसदीय परंपरा का उदाहरण है. बिहार की धरती गणतंत्र की भी जननी है. बोधि वृक्ष का रोपण कर में गौरवान्वित कर रहा हूं. बिहार की धरती का मुझपर विशेष ध्यान रहा है. यह प्रतिभावान लोगों की धरती है. नालंदा, विक्रमशीला जैसे ज्ञान के केन्द्रों की धरती है. आर्यभट्ट जैसे वैज्ञानिक की धरती है. चाणक्य जैसे महान विभूतियों की धरती है.
राज्यपाल फागू चौहान की बड़ी बातें
- बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के आगमन से गरिमा बढ़ी है. 22 मार्च 1912 को बंगाल से बिहार के अलग होने के बाद इस भवन का निर्माण कराया गया. बिहार विधानसभा का सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
सीएम की बड़ी बातें
बिहार विधानसभा भवन का शताब्दी समारोह: CM नीतीश बोले- 'रामनाथ कोविंद बिहारी राष्ट्रपति हैं'
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 1952 की पहली विधानसभा में 331 सदस्य थे. स्मारिका में आजादी की लड़ाई से लेकर अबतक विधानसभा की सारी जानकारी नई पीढ़ी के लिए उपलब्ध है. शताब्दी वर्ष पर बोधि वृक्ष भी लगाया गया. उन्होंने बुद्ध स्मृति पार्क में लगे वृक्ष के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, तीन जुलाई 2018 से बुद्ध स्मृति पार्क में विपशना केंद्र का संचालन किया जा रहा है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, आज बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने समय दिया इसके लिए उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं.
''महामहिम का रिश्ता यहां से काफी पुराना रहा है. राष्ट्रपति हमारे यहां बिहार में करीब 2 साल के लिए राज्यपाल रहे थे. यहीं से इन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिला . हम तो कहते हैं कि ये बिहारी राष्ट्रपति हैं. ये तो सीधे बिहार के राज्यपाल से राष्ट्रपति बने. हमलोगों को बेहद खुशी होती है. राष्ट्रपति कोविंद अबतक चार बार बिहार आ चुके हैं.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बिहार से गहरा रिश्ता रहा है. आज जो कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इससे लोगों को जानकारी मिलेगी. नई पीढ़ी को इसके बारे में जानकारी मिलेगी. राष्ट्रपतिजी ने जब समय दिया तब यह सब कुछ संभव हुआ है.
- हमलोग 2009 से बिहार दिवस मना रहे हैं. 22 मार्च 2012 को बंगाल से बिहार अलग हुआ था. हमलोगों ने 2012 में सौ साल पूरा होने पर कार्यक्रम किया था. विधायी परिषद की पहली बैठक 20 जनवरी 1913 को हुई थी. इसके बाद हमलोगों ने 2021 में पटना कॉलेज में कार्यक्रम किया था.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करीब दो साल तक बिहार के राज्यपाल रहे. इसके बाद वे राष्ट्रपति हुए. इसलिए हम लोग आज भी उन्हें बिहारी ही मानते हैं. इनसे पहले जाकिर हुसैन बिहार के राज्यपाल से राष्ट्रपति बने थे. लेकिन, यहां से जाने के बाद पहले वे उप राष्ट्रपति बने, उसके बाद राष्ट्रपति हुए
- विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. स्वागत भाषण में उन्होंने विधासभा भवन को सौ वर्षों की विधायी यात्रा का प्रतीक बताया. साथ ही उन्होंने कहा, कि यह कई ऐतिहासिक निर्णयों के साक्षी रहा है. हमें जाति-धर्म और लिंग भेद को भुलाकर अपनी विरासत को आगे बढ़ाना है.
- राज्यपाल ने किया विधानसभा द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया. स्मारिका में विधानसभा के 100 वर्षों के सफर की दास्तान है.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार विधानसभा भवन परिसर में शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया. पवित्र बोधिवृक्ष का पौधा भी लगाया.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन पहुंचे. विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया.
- बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं.
- राष्ट्रपति ने परिसर में लगाया बोधि वृक्ष का शिशु पौधा.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शताब्दी स्मृति स्तंभ के निर्माण का किया शिलान्यास.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंच पर पहुंच गए हैं.
- विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद राष्ट्रपति के साथ हैं.
- राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति का स्वागत किया.
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विधानसभा पहुंच गए हैं.
- बड़ी संख्या में पूर्व सांसद, विधायक और मंत्री मौजूद हैं.
- बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई मंत्री इस समारोह में मौजूद हैं.
- बिहार विधानसभा भवन शताब्दी समारोह शुरू हो गया है. कई मंत्री, नेता, सांसद, विधायक पहुंच चुके हैं. बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी पहुंचे हैं.
- बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय, जीवेश मिश्रा, नितिन नवीन, श्रवण कुमार, जनक राम, जयंत राज, शीला मंडल, शाहनवाज हुसैन भी समारोह में पहुंच चुके हैं. सांसद सुशील मोदी भी कार्यक्रम में पहुंचे हैं.
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ये है कार्यक्रम...
बता दें कि विधानसभा शताब्दी समारोह को लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. शताब्दी समारोह में शिरकत करने के बाद राष्ट्रपति विधानसभा परिसर में बोधिवृक्ष लगाएंगे और शताब्दी वर्ष स्तंभ का भी शिलान्यास करेंगे, जो विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष का प्रतीक होगा. राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित भी करेंगे.
गुरुवार की शाम राष्ट्रपति बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की ओर से सरकारी आवास पर आयोजित डिनर पार्टी में शामिल होंगे. राष्ट्रपति अगले दिन यानी शुक्रवार को पटना महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और पटना सिटी गुरुद्वारा में जाकर मत्था टेकेंगे. इस दिन राष्ट्रपति का गांधी मैदान के पास स्थित खादी मॉल जाने का भी कार्यक्रम है. इसके बाद वह पटना से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
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बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने तीन दिवसीय बिहार के दौरे पर बुधवार को पटना पहुंचे. इस दौरान राष्ट्रपति और भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद के सम्मान में राजभवन में 'हाई-टी' का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल एवं अन्य न्यायाधीश अपनी पत्नी के साथ शामिल हुए. इससे पहले, राष्ट्रपति ने सभी न्यायाधीशों से मुलाकात की और उनका परिचय प्राप्त किया. राष्ट्रपति के साथ उनकी समूह फोटोग्राफी भी हुई.
राष्ट्रपति बुधवार की दोपहर में पटना पहुंचे. राष्ट्रपति के हवाईअड्डा पहुंचने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने उनका स्वागत किया.
राष्ट्रपति बिहार विधान सभा शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर पटना आए हुए हैं. वह तीन दिनों तक पटना में रहेंगे, विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और कई धार्मिक स्थान भी जाएंगे.