पटना: बिहार में साइबर फ्रॉड (cyber fraud in bihar) के नये-नये मामले सामने आ रहे हैं. इस बार तो जालसाजों ने बेल्ट्रॉन की फर्जी वेबसाइट (Beltron fake website created in Bihar) बना ली है. सिर्फ यही नहीं, वेबसाइट बना कर नौकरी का विज्ञापन भी निकाला और ठगी की कोशिश की. जालसाजों ने फर्जी वेबसाइट पर असली से मिलते-जुलते तथ्य डाल दिये. किसी प्रकार से इसकी जानकारी बेल्ट्रॉन प्रशासन को हुई. उसके बाद आनन-फानन में अज्ञात जालसाजों के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष राम शंकर सिंह ने मामला दर्ज किये जाने की पुष्टि की और बताया कि जांच की जा रही है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इसमें साइबर क्राइम सेल की मदद ली जा रही है.
जांच के क्रम में पुलिस उस आईपी एड्रेस को तलाशने में जुटी है जिससे इस फर्जी वेबसाइट को बनाया गया है. हालांकि, उक्त आईपी एड्रेस के भी फर्जी होने की आशंका है. जालसाजों ने कुछ इसी तरह से पटना हाइकोर्ट की वेबसाइट भी बना ली थी. वहां भी नौकरी का विज्ञापन निकालने के साथ ही रिजल्ट भी प्रकाशित किया जाने लगा था. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
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बताया जाता है कि जालसाज इस फर्जीवाड़े में इतने शातिर हैं कि उन्होंने बेल्ट्रान का फर्जी वेबसाइट इस तरह बनाया कि अचानक देखकर कोई भी धोखा खा जाये. इसके साथ ही वास्तविक वेबसाइट की तरह ही सारे दिये गये है. डिजाइनिंग भी वैसी ही कर दी गयी है. सिर्फ उसके यूआरएल एड्रेस में मामूली बदलाव किया गया है. बेल्ट्रॉन की मूल वेबसाइट bsedc.bihar.gov.in है, जबकि जालसाजों द्वारा बनायी गयी वेबसाइट का यूआरएल एड्रेस bsedc.bihargov.co.in है. फर्जी वेबसाइट में बिहार डॉट जीओवी को एक साथ कर दिया गया है और डॉट को हटा दिया गया है.
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इसके साथ ही उसमें नौकरी का विज्ञापन निकालकर आवेदन तक भरने की सुविधा देकर आम लोगों से रुपये ठगने की कोशिश की जा रही थी. इसके संबंध में कई लोगों से बेल्ट्रॉन को जानकारी मिली और फिर प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी. फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं से कृषि विभाग में नौकरी के लिए आवेदन मंगाने के मामले में एफआईआर कराने का आदेश दिया गया है. इसकी पुष्टि कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने की है. कृषि मंत्री ने बताया कि कुछ फर्जी संस्थान पंचायत किसान मित्र एवं प्रखंड किसान मित्र के लिए आवेदन मंगाकर युवाओं को ठग रहे हैं. ऐसी वेबसाइटों को चिह्नित कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
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