पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की डुगडुगी बज चुकी है. इस बार राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से काफी कुछ नए बदलाव भी किए गए हैं. ऐसे में मतदाताओं को नई जानकारी देने और जागरुक करने के लिए बुधवार से हर जिले में अभियान की शुरुआत हो रही है. आयोग की ये भी कोशिश है कि पिछली बार की तुलना में वोट प्रतिशत में इजाफा हो.
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बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा (Mukesh Kumar Sinha) ने बताया कि पंचायत चुनाव में 4 पदों के लिए ईवीएम (EVM) का प्रयोग किया जा रहा है और 2 पदों के लिए बैलेट बॉक्स का उपयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रोमो डॉक्यूमेंट्री वीडियो (Promo Documentary Video) के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा.
इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो के माध्यम से मतदाताओं को पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया जाएगा. किस प्रकार से बूथ पर पहुंचना. कोरोना काल को देखते हुए मास्क पहनकर बूथ पर जाना. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के लिए जो घेरा बनाया गया है, यानी दो गज की दूरी का पालन करना. ईवीएम का प्रयोग कैसे करना है, इन तमाम चीजों को डॉक्यूमेंट्री वीडियो के माध्यम से मतदाताओं को दिखाया जाएगा और बताया जाएगा.
मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिए वोटिंग कंपार्टमेंट के कार्डबोर्ड का रंग निर्धारित किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार वोटिंग कंपार्टमेंट के कार्डबोर्ड पर जिला परिषद के सदस्य के लिए लाल रंग, मुखिया पद के लिए हरा रंग और वार्ड सदस्य के लिए काला रंग का कार्डबोर्ड होगा. कार्डबोर्ड का रंग बाहर भीतर दोनों तरफ से एक ही रंग का होगा.
दरअसल इस बार पंचायत चुनाव में मतदाता एक साथ ही ईवीएम और मतपत्र दोनों का ही प्रयोग करेंगे. छह पदों के लिए होने वाले चुनाव के लिए मतदाता एक साथ ईवीएम का बटन भी दबाएंगे और मतपत्र पर पसंदीदा प्रत्याशी के चुनाव चिह्न पर ठप्पा भी लगाएंगे.
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पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत के चार पदों के लिए ईवीएम से वोट डाले जाएंगे. इसमें मुखिया, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति सदस्य शामिल है. वहीं पंच और सरपंच पद का चुनाव मतपत्र से होगा. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से उम्मीदवारों के लिए काफी कुछ सहूलियत इस बार दी गई है. उम्मीदवार नामांकन से लेकर आयोजन और नुक्कड़ नाटक करने के लिए ऑनलाइन इजाजत ले सकते हैं.
प्रत्याशियों द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी का भी पालन करना अनिवार्य किया गया है. आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि प्रत्याशी द्वारा न तो गैर कानूनी शराब खरीदी जाए और न ही किसी को पेश या वितरित किया जाए. प्रत्येक प्रत्याशी अपने कार्यकतार्ओं को भी ऐसा करने से रोकें. अमूमन देखा जाता है कि चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी शराब का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में शराब पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आपको बताएं कि बिहार में 11 चरण में पंचायत चुनाव संपन्न होंगे. वोट 24 सितंबर, 29 सितंबर, 8 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 3 नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, 8 दिसंबर और 12 दिसंबर को डाले जाएंगे.