पटना: बिहार की राजधानी पटना में 1 अप्रैल से डीजल ऑटो का परिचालन परिवहन विभाग ने बंद (Diesel Auto Ban In Patna From 1st April) कर CNG ऑटो चलाने का आदेश दिया है. ज्यादातर ऑटो चालक डीजल ऑटो को सीएनजी में बदलाव नहीं करा पाये हैं. साथ ही इसके लिए सरकार की से मिलने वाली सहायता राशि मिलने में परेशानी हो रही है. इन समस्याओं के कारण ऑटो चालक राज्य सरकार से डीजल ऑटो की परमिट की समय सीमा बढ़ाने की मांग के लिए कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में ऑटो चालक इन समस्याओं को लेकर प्रदर्शन (Auto Drivers Protest In Patna) करते हुए सीएम नीतीश कुमार से मिलने निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
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विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में प्रदर्शन : ऑटो चालक संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 9 ऑटो चालकों की ओर से आंदोलन किया जा रहा है. 6 और 7 अप्रैल को ऑटो चालकों की ओर से हड़ताल किया गया था. मांगें पूरी नहीं होने पर आज (शुक्रवार) को संघर्ष समिति के बैनर तले बड़ी संख्या में चालक पटना जंक्शन ऑटो स्टैंड से मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन के लिए भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में प्रदर्शन (CPI ML MLA Gopal Ravidas) करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर जा रहे थे. मामले की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाने की पुलिस ने आर ब्लॉक के पास बैरिकेडिंग कर सबों को मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने से रोक दिया. संघर्ष समिति मार्च 2023 तक (एक साल) पटना में डीजल ऑटो के लिए परमिट सहित 5 सूत्री मांगों कर रहे हैं.
ऑटो चालकों की समस्या पर ध्यान नहीं देने का आरोपः परिवहन विभाग की ओर से डीजल ऑटो पर रोक लगाए जाने के बाद ऑटो चालक संघ काफी गुस्से में हैं. आर ब्लॉक के पास पुलिस की ओर से रोके जाने पर ऑटो चालकों ने कहा कि आज विभाग के इस फैसले के खिलाफ 9 ऑटो चालक यूनियन सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऑटो चालकों ने बताया कि सरकार सीएनजी से चलने वाले ऑटो को बढ़ावा देने के लिए डीजल ऑटो को बंद करवा रही है. लेकिन चालकों की क्या समस्या है, उनके पास पैसे हैं कि नहीं इस पर सरकार नहीं सोच रही है.
सरकार सीएनजी किट के लिए न तो सब्सिडी दे रही है न ही परमिटः डीजल ऑटो को सीएनजी में बदलवाने में 70 हजार से ज्यादा लग रहा है. वह पैसा चालकों के पास नहीं है. हालात यह है कि सरकार की ओर से सीएनजी ऑटो की खरीद के लिए जो 40 हजार रुपया सब्सिडी देने की बातें कही गई थी, वह सब्सिडी भी सरकार की ओर से नहीं दी जा रही है. हालात यह है कि जिनके पास सीएनजी ऑटो रिक्शा अभी मौजूद है उनको भी विभाग परमिट नहीं दे रही है. ऐसे में ऑटो चालक भूखे मर जायेंगे.
कोरोना के बाद से ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति खराबः वहीं ऑटो चालकों ने कहा कि कोरोना के बाद हम लोगों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है. हम लोग रोज कमाने खाने वाले लोग हैं. अब हम लोग कहां से अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. सरकार अगर हम लोगों की बात नहीं मानती है, तो हम लोग मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इस दौरान ऑटो चालकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
12000 से ज्यादा डीजल ऑटो चालक हुए बेरोजगारः प्रशासन की ओर डीजल से चलने वाले ऑटो और बसों पर रोक लग गयी है. परिवहन विभाग ने शहर में डीजल बसें और ऑटो चलाने की अनुमति 31 मार्च तक ही दी थी. राजधानी पटना की सड़कों पर डीजल इंजन वाले बस एवं ऑटो पर नये आदेश का प्रभाव पड़ा है. चालकों के अनुसार इससे लगभग 250 डीजल बस चालक और 12000 से ज्यादा डीजल ऑटो चालक बेरोजगार हो गए हैं. वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.
कई बार पहले भी बढ़ चुकी है डेडलाइनः बिहार स्वच्छ ईंधन योजना 2019 (Bihar Clean Fuel Scheme) के तहत सीएनजी (CNG) चालित वाहनों को बढ़ावा देने की नीति पर सरकार काम कर रही है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के एडवाइजरी के मुताबिक डीजल चालित तीन पहिया वाहनों और पुराने पेट्रोल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन से पटना शहर की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने पहले 31 जनवरी 2021 से पटना नगर निगम और 31 मार्च 2021 से दानापुर खगौल और फुलवारी शरीफ नगर परिषद में डीजल चालित ऑटो का परिचालन प्रतिबंध करने का निर्णय लिया था. बाद में इस डेडलाइन को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. चालकों की मांग पर सरकार की ओर से 31 मार्च 2022 तक डेडलाइन बढ़ाया गया था.
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