पटनाः अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में औरंगाबाद के डीएम और एसपी को कस्टडी में लिया जा सकता है. सोमवार 10 अक्टूबर काे इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस मोहित शाह ने डीएम और एसपी को यह चेतावनी दी. दरअसल 29 सितंबर काे पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद के डीएम को निर्देश दिया था कि अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में गड़बड़ी करने वाले ओबरा के सीओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई करें. प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
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जस्टिस ने दी चेतावनीः सोमवार काे इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस मोहित शाह ने अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में गड़बड़ी करने करने के आराेपी ओबरा के सीओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर 48 घंटों में गिरफ्तार करने काे कहा. जस्टिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ तो औरंगाबाद के डीएम और एसपी को कस्टडी में लिया जा सकता है. कोर्ट ने इन अधिकारियों को कार्रवाई कर अगली सुनवाई में फिर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया.
क्या है मामलाः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने औरंगाबाद के डीएम द्वारा अतिक्रमण हटाने के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए आज 10 अक्टूबर काे कोर्ट में तलब किया था. सोमवार काे कोर्ट में औरंगाबाद के एसपी भी सुनवाई के दौरान उपस्थित थे. अभिषेक कुमार ने बताया कि खुदवा थानाध्यक्ष ने कथित रूप से एक महिला को सहयोग देकर जिनकी भूमि पर अतिक्रमण था, उनके पूरे परिवार के विरुद्ध SC/ST एक्ट के तहत औरंगाबाद सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करवा दिया था. मामले में सीओ की भूमिका भी संदिग्ध है. इस मामले में अगली सुनवाई 13अक्टूबर को होगी.
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गलत हलफनामा दाखिल करने पर जतायी थी नाराजगीः बता दें कि बुधवार काे पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने औरंगाबाद के डीएम द्वारा गलत हलफनामा दाखिल करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी. डीएम को 29 सितम्बर को तलब किया था. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने अतिक्रमण सम्बन्धी मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के सार्जेंट और पुलिस अधिकारी को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा, ताकि जरूरत पड़े तो डीएम को (Patna HC on Aurngabad DM) जेल भेजा जा सके. आज कोर्ट में औरंगाबाद के एसपी भी सुनवाई के दौरान उपस्थित थे.