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उत्तराखंड में प्रधानमंत्री मोदी का मंच सजा रहे बिहार के अरविंद, जानिए मिलते हैं कितने पैसे

बिहार के रहने वाले अरविंद कुमार पीएम मोदी की रैली का मंच सजा रहे हैं. अरविंद इसके साथ ही कई प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और बड़े-बड़े नेताओं के मंचों को सजा चुके हैं. वे 20 सालों से ये काम कर रहे हैं. इतने सालों से काम करने के बाद भी अरविंद की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं हो पाई है जितनी होनी चाहिए थी.

arvind kumar
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Published : Dec 27, 2021, 7:16 PM IST

हल्द्वानी/पटना: नेताओं के जिन मंचों से बड़े-बड़े वादे होते हैं, उन मंचों को बनाने वाले आज भी मजबूरी का जीवन जी रहे हैं. सालों से जिनके बनाये मंचों से लाखों-करोड़ों की योजनाओं की घोषणाएं होती हैं उनकी तरफ सरकारों ने कभी नजरें इनायत ही नहीं की. मजबूरी में मजदूरी का काम कर रहे ये लोग भले ही नेताओं के लिए आलीशान मंच बनाते हैं मगर असल में इनकी जिंदगी उतनी ही सूनी है. ऐसी ही कहानी कुछ बिहार के मजदूर अरविंद की भी है.

पढ़ें- BJP के मंत्री ने मांझी को दी नसीहत...तो 'हम' ने दे दी समर्थन वापसी की धमकी

हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की रैली है. अरविंद हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की 30 दिसंबर को होने वाली जनसभा का मंच तैयार कर रहे हैं. इससे पहले वे अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अरविंद केजरीवाल के अलावा कई मुख्यमंत्रियों और बड़े नेताओं के लिए मंच सजाने का काम कर चुके हैं. वो ये काम 20 सालों से कर रहे हैं, मगर आजतक उनके हालात नहीं बदले हैं.

PM मोदी का मंच सजा रहे अरविंद के साथ बातचीत करते ईटीवी भारत संवाददाता.

हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की 30 दिसंबर को जनसभा होनी है. जनसभा के लिए दिल्ली से इवेंट कंपनी आई है जो पीएम मोदी के मंच को बनाने और सजाने में लगी हुई है. इसमें बड़ी संख्या में मजदूर भी लगे हुए हैं. ईटीवी भारत ने एक ऐसे मजदूर से बात की जो पिछले 20 सालों से कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं के लिए मंच सजा चुके हैं. बिहार के रहने वाले अरविंद कुमार (Arvind Kumar set the stage for PM Modi) ने बताया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, सहित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा कई मुख्यमंत्रियों और बड़े नेताओं के मंच सजाने का काम कर चुके हैं. वह इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंच तैयार करने में जुटे हुए हैं.

पढ़ें- 'राष्ट्रीय दर्जा' हासिल करने के लिए 5 राज्यों के चुनाव पर JDU की नजर, जानें पूरी रणनीति..

अरविंद कुमार ने बताया कि उनको मंच तैयार करने के एवज में 10,000 से ₹12,000 मजदूरी मिलती है. अरविंद बिहार के रहने वाले हैं. वे सालों से मंच बनाने का काम करते आ रहे हैं. नेताओं के मंच सजाने वाले ये मजदूर आज भी अपने हाल पर जी रहे हैं. इन मजदूरों को शायद ही कोई सुविधा दी जाती है. इनकी आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी नहीं है. बमुश्किल ये अपना गुजर बसर चला पाते हैं.

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हल्द्वानी/पटना: नेताओं के जिन मंचों से बड़े-बड़े वादे होते हैं, उन मंचों को बनाने वाले आज भी मजबूरी का जीवन जी रहे हैं. सालों से जिनके बनाये मंचों से लाखों-करोड़ों की योजनाओं की घोषणाएं होती हैं उनकी तरफ सरकारों ने कभी नजरें इनायत ही नहीं की. मजबूरी में मजदूरी का काम कर रहे ये लोग भले ही नेताओं के लिए आलीशान मंच बनाते हैं मगर असल में इनकी जिंदगी उतनी ही सूनी है. ऐसी ही कहानी कुछ बिहार के मजदूर अरविंद की भी है.

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हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की रैली है. अरविंद हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की 30 दिसंबर को होने वाली जनसभा का मंच तैयार कर रहे हैं. इससे पहले वे अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अरविंद केजरीवाल के अलावा कई मुख्यमंत्रियों और बड़े नेताओं के लिए मंच सजाने का काम कर चुके हैं. वो ये काम 20 सालों से कर रहे हैं, मगर आजतक उनके हालात नहीं बदले हैं.

PM मोदी का मंच सजा रहे अरविंद के साथ बातचीत करते ईटीवी भारत संवाददाता.

हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की 30 दिसंबर को जनसभा होनी है. जनसभा के लिए दिल्ली से इवेंट कंपनी आई है जो पीएम मोदी के मंच को बनाने और सजाने में लगी हुई है. इसमें बड़ी संख्या में मजदूर भी लगे हुए हैं. ईटीवी भारत ने एक ऐसे मजदूर से बात की जो पिछले 20 सालों से कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं के लिए मंच सजा चुके हैं. बिहार के रहने वाले अरविंद कुमार (Arvind Kumar set the stage for PM Modi) ने बताया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, सहित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा कई मुख्यमंत्रियों और बड़े नेताओं के मंच सजाने का काम कर चुके हैं. वह इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंच तैयार करने में जुटे हुए हैं.

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अरविंद कुमार ने बताया कि उनको मंच तैयार करने के एवज में 10,000 से ₹12,000 मजदूरी मिलती है. अरविंद बिहार के रहने वाले हैं. वे सालों से मंच बनाने का काम करते आ रहे हैं. नेताओं के मंच सजाने वाले ये मजदूर आज भी अपने हाल पर जी रहे हैं. इन मजदूरों को शायद ही कोई सुविधा दी जाती है. इनकी आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी नहीं है. बमुश्किल ये अपना गुजर बसर चला पाते हैं.

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