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पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छूट पाएंगे आरोपी: मद्य निषेध मंत्री

बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू है. इसके बावजूद ना शराब पीने वालों की कमी है और ना बेचने वालों की. जहरीली शराब पीकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. लेकिन अब सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन कर इसमें नरम बरती है. पढ़ें पूरी खबर..

मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार
मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार
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Published : Mar 30, 2022, 9:36 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में एक और संशोधन किया (Another Amendment in Prohibition Law) है. शराब पीने वालों पर अब सरकार बहुत ज्यादा शक्ति नहीं बढ़ाएगी और उन्हें कोर्ट के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे. सरकार ने इसमें जुर्माने का प्रावधान किया है. शराबबंदी कानून के चलते बिहार में न्यायिक व्यवस्था चरमरा गई है. जेलों में भी क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. हालात से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी सरकार के ऊपर दबाव था.

ये भी पढ़ें- बिहार की तरह राजस्थान में भी शराब पर लगेगा प्रतिबंध? बोलीं पूजा भारती छाबड़ा- हर पहलू का कर रहे आंकलन

शराबबंदी कानून में एक और संशोधन: सरकार ने शराबबंदी कानून में एक बार फिर संशोधन किया है. विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया जा चुका है और अब सरकार शराब पीने वालों के प्रति नरमी बरतेगी. मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना कर, छोड़ दिया जाएगा. इसके लिए राशि तय की जा रही है और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कार्यभार सौंपा जाएगा.

शराबबंदी कानून में ढील: 'अगर कोई व्यक्ति शराब पी रहा है और हंगामा कर रहा है तो वैसी स्थिति में उसे 1 महीने के लिए जेल भेजा जा सकता है. इसके अलावा शराब के मामले में पकड़े जाने वाले गाड़ियों को भी जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान है. बशर्ते उन गाड़ियों का इस्तेमाल शराब के कारोबार में ना हुआ हो.' - सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री

हम ने संशोधन का किया स्वागत: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) किया है. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. सरकार के इस फैसले का सहयोगी दलों ने तारीफ की है. बीजेपी ने कहा कि इससे न्यायालयों और जेलों पर दबाव कम होगा. वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि कानून में खामियों को महसूस कर सरकार ने संशोधन का सही निर्णय लिया है.

बिहार में है शराबबंदी कानून: दरअसल, शराबबंदी को लेकर आलोचना झेल रही नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी अपराधी को पुलिस की ओर से प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी.

ये भी पढ़ें- आंकड़े गवाह हैं! बिहार में ना क्राइम घटा, ना ही शराबबंदी कानून लागू हो पाया

ये भी पढ़ें- कांग्रेस MLA ने शराबबंदी पर उठाए सवाल, कहा- 'शराब की दुकान खुलवाई जाए, रेवेन्यू आने से बिहार का विकास होगा'

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पटना: बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में एक और संशोधन किया (Another Amendment in Prohibition Law) है. शराब पीने वालों पर अब सरकार बहुत ज्यादा शक्ति नहीं बढ़ाएगी और उन्हें कोर्ट के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे. सरकार ने इसमें जुर्माने का प्रावधान किया है. शराबबंदी कानून के चलते बिहार में न्यायिक व्यवस्था चरमरा गई है. जेलों में भी क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. हालात से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी सरकार के ऊपर दबाव था.

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शराबबंदी कानून में एक और संशोधन: सरकार ने शराबबंदी कानून में एक बार फिर संशोधन किया है. विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया जा चुका है और अब सरकार शराब पीने वालों के प्रति नरमी बरतेगी. मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना कर, छोड़ दिया जाएगा. इसके लिए राशि तय की जा रही है और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कार्यभार सौंपा जाएगा.

शराबबंदी कानून में ढील: 'अगर कोई व्यक्ति शराब पी रहा है और हंगामा कर रहा है तो वैसी स्थिति में उसे 1 महीने के लिए जेल भेजा जा सकता है. इसके अलावा शराब के मामले में पकड़े जाने वाले गाड़ियों को भी जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान है. बशर्ते उन गाड़ियों का इस्तेमाल शराब के कारोबार में ना हुआ हो.' - सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री

हम ने संशोधन का किया स्वागत: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) किया है. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. सरकार के इस फैसले का सहयोगी दलों ने तारीफ की है. बीजेपी ने कहा कि इससे न्यायालयों और जेलों पर दबाव कम होगा. वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि कानून में खामियों को महसूस कर सरकार ने संशोधन का सही निर्णय लिया है.

बिहार में है शराबबंदी कानून: दरअसल, शराबबंदी को लेकर आलोचना झेल रही नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी अपराधी को पुलिस की ओर से प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी.

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