पटना: राजधानी में अब किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ को बेचने के लिए लाइसेंस लेना होगा. इसके मद्देनजर विभाग कैंप लगाकर दुकानदारों को लाइसेंस दे रहा है. शनिवार को पटना के गार्डिनर रोड अस्पताल में फूड इंस्पेक्टर अजय कुमार की देखरेख में कई दुकानदारों को लाइसेंस दिया गया. राज्य सरकार लगातार वैसे दुकानों के सर्वे भी करवा रही है, जो बिना लाइसेंस के खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं. ऐसे दुकानों को लाइसेंस लेने के लिए बाध्य किया जाएगा, जिससे मिलावटी या गलत खाद्य पदार्थ की बिक्री रोकी जा सके.
पटना में 10 हजार दुकानदारों को लाइसेंस
फूड इंस्पेक्टर अजय कुमार ने कहा कि दुकानदार किसी भी तरह के हों, अगर वो खाद्य पदार्थ बेचते हैं तो उन्हें ये लाइसेंस लेना ही होगा. अभी तक पटना में 10 हजार ऐसे दुकानदार हैं जिन्हें लाइसेंस दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चाहे वह फुटपाथ पर ही कोई खाद्य पदार्थ बेच रहा हो, उसे भी लाइसेंस लेना ही पड़ेगा. उसके लिए भी अभियान चलाकर हम काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम ये चाहते हैं कि उपभोक्ता को सही सामान मिले. लाइसेंस जारी करने के बाद दुकानदार मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने से भी डरेंगे.
एफएसएसएआई मानकों के लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू
राज्य सरकार बड़े पैमाने पर एफएसएसएआई मानकों के लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसे लेकर विभाग कार्रवाई कर रहा है. शनिवार के भी कैंप लगाकर दुकानदारों को लाइसेंस दिया गया. विभाग का दावा है कि बहुत जल्द जितने भी रजिस्टर्ड दुकान हैं, सबको लाइसेंस दे दिए जाएंगे. इसके लिए छोटे दुकानदारों के लाइसेंस के लिए एक साल का 2000 रुपये देना होगा. बड़े दुकानदार को 3000 रुपये, जो दुकान खाद्य पदार्थ बनाते हैं उन्हें सालाना 5000 रुपये का भुगतान करना होगा.