पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा अब जल्द ही होने वाली है. 243 विधानसभा सीटों में से सीमांचल के मुस्लिम बहुल सहित 47 सीटों पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की नजर है. हाल ही में अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीसरे मोर्चे की घोषणा की है. उन्होंने इस दौरान सत्ताधारी दल पर भी निशाना साधा और विपक्ष पर भी. असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने उन दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है जिनकी नजर मुस्लिम वोटरों पर है.
मुस्लिम बहुल इलाकों में पांव पसार रहा एआईएमआईएम
बिहार विधानसभा के उपचुनाव में किशनगंज से एआईएमआईएम ने खाता खोलकर बिहार में अपनी एंट्री कर ली है. पार्टी ने 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ओवैसी ने पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव के साथ तीसरे मोर्चे की भी घोषणा कर दी है.
पक्ष-विपक्ष का चुनौती मानने से इंकार
हालांकि ओवैसी की एंट्री पर सत्ताधारी दल जेडीयू का कहना है बिहार का वोटर समझदार है. नीतीश कुमार को छोड़कर किसी के साथ जाने वाले नहीं हैं. जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी का कहना है कि बिहार में किसी के साथ लड़ाई है कि नहीं ये अभी देखना होगा. ऐसे मोर्चे तो कई बनाते हैं पहले भी बनाते रहे हैं. मुख्य विपक्षी दल आरजेडी एमवाई समीकरण के बूते लंबे समय तक बिहार में सत्तासीन रही है. ओवैसी की एंट्री पर मृत्युंजय तिवारी का कहना है यहां की जनता वोट कटवा पार्टियों को वोट देने वाली नहीं है.
47 सीटों पर मुस्लिम वोटरों की निर्णायक स्थिति
243 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक स्थिति में है. मुस्लिम आबादी 20 से 40% के आसपास है. बिहार की 11 सीटें ऐसी हैं जहां 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता है. वहीं 7 सीटों पर 30 फ़ीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर है. इसके अलावा 29 विधानसभा सीटों पर 20 से 30 फ़ीसदी के बीच मुस्लिम वोटर हैं.
ये है मुस्लिम विधायकों का गणित
बिहार में 2015 विधानसभा चुनाव की बात करें तो आरजेडी के जीते 80 विधायकों में से 11 विधायक मुस्लिम है. कांग्रेस के जीते विधायक 27 में से 6 विधायक मुस्लिम हैं.बीजेपी के जीते 53 सीटों में से एक पर मुस्लिम विधायक हैं. जेडीयू के 71 जीते विधायकों में से 5 मुस्लिम विधायक हैं. सीपीआई एमएल के तीन जीते विधायकों में से 1 बलरामपुर से जीते महबूब आलम मुस्लिम विधायक हैं.
पार्टियों को लगेगा झटका
2019 लोकसभा के चुनाव में एआईएमआईएम को सीटें तो नहीं मिली, लेकिन किशनगंज सीट पर तीन लाख से अधिक वोट मिले. विधानसभा उपचुनाव में किशनगंज से पार्टी ने खाता भी खोल लिया. एआईएमआईएम के बढ़ते कदमों से मुस्लिम वोटों पर दावे करने वाली पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. एमआईएम लगातार मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने से आरजेडी और जेडीयू को मुस्लिम वोटरों का बड़ा झटका लग सकता है.