पटना: राज्य में कुदरत की दोहरी मार पड़ रही है. एक ओर बिहार में बाढ़ का कहर है तो दूसरी ओर सूखे की मार. इसी सिलसिले में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने सुखाड़ पर चिंता जताई. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल अभी किसी जिले में सुखाड़ की घोषणा नहीं की गयी है.
15 अगस्त तक इंतजार
मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग ने फिलहाल 3 लाख 31 हजार हेक्टेयर में 89 प्रतिशत मक्का और 62 प्रतिशत में धान की रोपनी का आंकड़ा तय किया है, पर अभी भी हम टारगेट से दूर है. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक इंतजार किया जा रहा है. अगर इस वक्त तक धान की रोपनी का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया या मौसम में बदलाव नहीं आया तो विभाग 18 अगस्त को सुखाड़ को लेकर एक अहम बैठक करेगा, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
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हालात पर सरकार की नजर
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुखाड़ की स्थिति बनी है और ये चिंता का विषय है. सरकार इसपर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति बनी थी. उस दौरान कृषि विभाग ने किसानों के हित को देखते हुए 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सुखाड़ घोषित किया था. 14 लाख किसानों के बीच 934 करोड़ की सहायता राशि बांटी गई थी. इस बार भी अगर ऐसी स्थिति बनी तो किसानों को जरूरी सहायता पहुंचाई जाएगी.
किसानों की मदद के लिए सरकार संकल्पित
बाढ़ के हालातों पर कृषि मंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए किसानों तक मदद पहुंचायी जा रही है. इसके तहत सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक मदद पहुंचाई जा सके इसके लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वे कराया जा रहा है. जल्द ही पीड़ित किसानों तक मदद पहुंचाई जाएगी और बाढ़ से जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है उन्हें भी पूरी मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को बाढ़ और सुखाड़ से बचाने के लिए कृषि विभाग संकल्पित है.