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अधिवक्ता ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र- एसी-एसटी वर्ग के अधिवक्ताओं को बनायें जज

पटना हाई कोर्ट के एक अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं को जज बनाने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Aug 23, 2021, 3:08 PM IST

पटना: पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के अधिवक्ता दिनेश ने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र में लिखा है. इसमें उन्होंने पटना हाई कोर्ट में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं को जज बनाने की मांग की है. दिनेश ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जनजाति वर्ग से जज बनाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट ने पूछा- 'पिछले एक वर्ष में जमीन अधिग्रहण का कितना रुपया भारत सरकार से मिला'

इस खुले पत्र के जरिये पटना हाई कोर्ट में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से जज बनाने को लेकर अनुशंसा करने की मांग की गई है. पत्र में आगे कहा गया है कि पटना हाई कोर्ट 105 वर्ष पुराना है. विगत वर्षों में विभिन्न जातियों के लोगों को पटना हाई कोर्ट का जज बनाया गया. 1916 में पटना हाई कोर्ट की स्थापना से अभी तक सिर्फ एक अनुसूचित जाति वर्ग से जज नियुक्त हुए. पिछले 105 वर्ष में एक भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के जज नहीं बनाए गए. उन्होंने अपने पत्र में उम्मीद जतायी है कि इन वंचित वर्ग के लोगों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा.

ये भी पढ़ें: Patna High Court: नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जिलाधिकारियों को मिला अंडरटेकिंग का आदेश

पटना: पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के अधिवक्ता दिनेश ने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र में लिखा है. इसमें उन्होंने पटना हाई कोर्ट में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं को जज बनाने की मांग की है. दिनेश ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जनजाति वर्ग से जज बनाने की मांग की है.

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इस खुले पत्र के जरिये पटना हाई कोर्ट में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से जज बनाने को लेकर अनुशंसा करने की मांग की गई है. पत्र में आगे कहा गया है कि पटना हाई कोर्ट 105 वर्ष पुराना है. विगत वर्षों में विभिन्न जातियों के लोगों को पटना हाई कोर्ट का जज बनाया गया. 1916 में पटना हाई कोर्ट की स्थापना से अभी तक सिर्फ एक अनुसूचित जाति वर्ग से जज नियुक्त हुए. पिछले 105 वर्ष में एक भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के जज नहीं बनाए गए. उन्होंने अपने पत्र में उम्मीद जतायी है कि इन वंचित वर्ग के लोगों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा.

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