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नवादा: शिक्षक की लगन से स्मार्ट बना विद्यालय, बच्चे बोले- घर जाने का मन नहीं करता - मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय

एक वक्त ऐसा था जब बच्चे इस विद्यालय में आने से कतराते थे. लेकिन जब से विद्यालय का कायाकल्प हुआ है. तब से बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. अब यह स्कूल हर बच्चे के लिए आदर्श बन गया है. यहां पढ़ने वाले बच्चे स्कूल के अनुशासन और पढ़ाई के महत्व अच्छी तरह से समझने लगे हैं.

आर्दश मध्य विद्यालय
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Published : Sep 5, 2019, 5:34 PM IST

नवादा: जिले का आदर्श मध्य विद्यालय लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. स्कूल परिसर में लगे रंग-बिरंगे फूल और हरे भरे पौधे सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यह सब तत्कालीन शिक्षक विनय प्रभाकर की लगन, जूनून, जज्बे और दृढ़ इच्छाशक्ति से संभव हो पाया है. अब प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार सिंह इसको आगे बढ़ा रहे हैं.

Nawada
स्कूल का कार्यालय

अलग छटा बिखेर रहा कार्यालय
साफ-सुथरे शौचालय, चमचमाते स्कूल प्रांगण, दीवारों पर लिखे अनमोल वचन, अच्छे विचार और ज्ञानवर्धक बातें बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता का बोध कराती हैं. देश के महान सपूतों की तस्वीरों से सजा विद्यालय का कार्यालय एक अलग ही छटा बिखेर रहा है. इस स्कूल के शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए हमेशा अग्रसर रहते हैं.

शिक्षक की लगन से स्मार्ट बना आर्दश मध्य विद्यालय

बच्चों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
प्रधानाचार्य सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि एक वक्त ऐसा था, जब बच्चे इस विद्यालय में आने से कतराते थे. लेकिन जब से विद्यालय का कायाकल्प हुआ है. तब से बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. अब यह स्कूल हर बच्चे के लिए आदर्श बन गया है. यहां पढ़ने वाले बच्चे स्कूल के अनुशासन और पढ़ाई के महत्व अच्छी तरह से समझने लगे हैं.

Nawada
प्रार्थना करते बच्चे

घर जाने का मन नहीं करता
आठवीं की छात्रा मुस्कान ने बताया कि मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय है. प्रधानमंत्री जी की ओर से चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन को इस स्कूल में देखा जा सकता है. शिक्षक-शिक्षिका और बाल संसद के गठन के जरिए हमलोग इसकी देखभाल करते हैं. मैं यहां काफी खुश रहती हूं. विद्यालय का पर्यावरण इतना अच्छा है कि यहां से घर जाने की इच्छा ही नहीं होती है.

Nawada
हरा-भरा स्कूल परिसर

प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करेंगे
स्कूल के छात्र अमन ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जो स्वच्छ भारत का सपना देखा है. हम उसे पूरा करके रहेंगे. उसने कहा कि स्कूल में बेहतर पढ़ाई होती है. यहां समय-समय पर स्वच्छता अभियान से संबधित कार्यक्रम भी किए जाते हैं. वहीं, छात्र सोनू का कहना है कि हम सभी स्कूल को स्वच्छ रखने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. मैं अपने विद्यलाय में बहुत खुश हूं.

Nawada
स्कूल में लगा पोस्टर

सरकार की मदद मिले तो लगेंगे चार चांद
प्रधानाचार्य सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल को सुंदर बनाने के लिए सभी शिक्षकों का अथक प्रयास रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार मदद करे या नहीं करे हम लोग इस स्कूल के लिए ऐसे ही काम करते रहेंगे. हमारा उद्देश्य यह है कि यह विद्यालय सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने. हरियाली, स्वच्छ और सुंदर माहौल में बच्चों का अध्ययन हो. बच्चों को ऐसा लगे कि हम प्रकृति की गोद में बैठकर अध्ययन कर रहे हैं. इसलिए पिछले करीब 3 सालों से स्कूल को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं. प्रधानाचार्य का कहना है कि अगर सरकार का सहयोग मिले तो इसमें चार चांद लगा सकते हैं.

नवादा: जिले का आदर्श मध्य विद्यालय लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. स्कूल परिसर में लगे रंग-बिरंगे फूल और हरे भरे पौधे सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यह सब तत्कालीन शिक्षक विनय प्रभाकर की लगन, जूनून, जज्बे और दृढ़ इच्छाशक्ति से संभव हो पाया है. अब प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार सिंह इसको आगे बढ़ा रहे हैं.

Nawada
स्कूल का कार्यालय

अलग छटा बिखेर रहा कार्यालय
साफ-सुथरे शौचालय, चमचमाते स्कूल प्रांगण, दीवारों पर लिखे अनमोल वचन, अच्छे विचार और ज्ञानवर्धक बातें बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता का बोध कराती हैं. देश के महान सपूतों की तस्वीरों से सजा विद्यालय का कार्यालय एक अलग ही छटा बिखेर रहा है. इस स्कूल के शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए हमेशा अग्रसर रहते हैं.

शिक्षक की लगन से स्मार्ट बना आर्दश मध्य विद्यालय

बच्चों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
प्रधानाचार्य सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि एक वक्त ऐसा था, जब बच्चे इस विद्यालय में आने से कतराते थे. लेकिन जब से विद्यालय का कायाकल्प हुआ है. तब से बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. अब यह स्कूल हर बच्चे के लिए आदर्श बन गया है. यहां पढ़ने वाले बच्चे स्कूल के अनुशासन और पढ़ाई के महत्व अच्छी तरह से समझने लगे हैं.

Nawada
प्रार्थना करते बच्चे

घर जाने का मन नहीं करता
आठवीं की छात्रा मुस्कान ने बताया कि मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय है. प्रधानमंत्री जी की ओर से चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन को इस स्कूल में देखा जा सकता है. शिक्षक-शिक्षिका और बाल संसद के गठन के जरिए हमलोग इसकी देखभाल करते हैं. मैं यहां काफी खुश रहती हूं. विद्यालय का पर्यावरण इतना अच्छा है कि यहां से घर जाने की इच्छा ही नहीं होती है.

Nawada
हरा-भरा स्कूल परिसर

प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करेंगे
स्कूल के छात्र अमन ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जो स्वच्छ भारत का सपना देखा है. हम उसे पूरा करके रहेंगे. उसने कहा कि स्कूल में बेहतर पढ़ाई होती है. यहां समय-समय पर स्वच्छता अभियान से संबधित कार्यक्रम भी किए जाते हैं. वहीं, छात्र सोनू का कहना है कि हम सभी स्कूल को स्वच्छ रखने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. मैं अपने विद्यलाय में बहुत खुश हूं.

Nawada
स्कूल में लगा पोस्टर

सरकार की मदद मिले तो लगेंगे चार चांद
प्रधानाचार्य सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल को सुंदर बनाने के लिए सभी शिक्षकों का अथक प्रयास रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार मदद करे या नहीं करे हम लोग इस स्कूल के लिए ऐसे ही काम करते रहेंगे. हमारा उद्देश्य यह है कि यह विद्यालय सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने. हरियाली, स्वच्छ और सुंदर माहौल में बच्चों का अध्ययन हो. बच्चों को ऐसा लगे कि हम प्रकृति की गोद में बैठकर अध्ययन कर रहे हैं. इसलिए पिछले करीब 3 सालों से स्कूल को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं. प्रधानाचार्य का कहना है कि अगर सरकार का सहयोग मिले तो इसमें चार चांद लगा सकते हैं.

Intro:नवादा। जरा गौर से देखिए इस तस्वीर को। यह किसी हाईफाई प्राईवेट स्कूल की नहीं बल्कि एक सरकारी स्कूल की है। जो अपनी खूबसूरती से लोगों के पलकों पर बैठ चुकी है। हर-भरे पेड़ पौधे रंग-बिरंगी फूल और शीशे की तरह चमकता विद्यालय प्रांगण निजी स्कूल के व्यवस्था को भी मात दे रहा है। यहां गंदगी को दूरबीन लगा कर देखने पर भी आप नहीं देख सकते। यहां पहुंचने के बाद आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन और हरियाली मिशन फलित होता हुआ दिखाई देगा। इस विद्यालय के तत्कालीन शिक्षक विनय प्रभाकर ने अपने जूनून, जज़्बे और दृढ़ इक्छाशक्ति से इसे संवारा है। और अब प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार सिंह इसे आगे बढ़ा रहे हैं।




Body:अब बच्चे को विद्यालय में रहना पसंद है घर में नहीं

पहले जिन लोगों के द्वारा नकारात्मक बातें कही जा रही आज वही लोग इस विद्यालय को निहारने आते हैं। यह वही विद्यालय है जहां बच्चे पढ़ने नहीं आना चाहते थे और अगर आ भी गये तो समय से पहले भागना चाहते थे वहीं बच्चे अब घर नहीं जाना चाहता है।

60 से 160 तक पहुंचा बच्चों की संख्या

एक वक्त ऐसा था जब बच्चे इस विद्यालय में आने से कतराते थे। लेकिन जब से विद्यलाय का कायापलट हुआ है तब से बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। अब हर बच्चे के लिए आदर्श बन गया है यह स्कूल। बच्चे अब अपने स्कूल के अनुशासन और पढ़ाई के महत्व अच्छी तरीके से समझने लगे हैं।

साफ़-सुथरे शौचालय, चमचमाते स्कूल प्रांगण, दीवारों पर लगे अनमोल वचन, अच्छे विचार और ज्ञानवर्धक बातें बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता की बोध कराती है। देश के महान सपूतों से सजा विद्यालय का कार्यालय एक अलग ही छटा बिखेड़ रही हैं। नित दिन प्रार्थना फिर शपथ और उसके बाद कक्षाएं प्रारंभ होती है शिक्षक भी बच्चों को ज्ञानशील बनाने के लिए अपना कमर कसकर के तैयार रहते हैं।


क्या कहते हैं बच्चे

आठवीं कक्षा की मुस्कान कुमारी कहती है, मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय है। प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन को इस स्कूल में देखा जा सकता है। शिक्षक-शिक्षिका एवं बाल संसद के गठन के द्वारा हमलोग इसकी देखभाल करते हैं। मैं यहां काफी खुश रहती हूँ। विद्यालय का पर्यावरण बहुत अच्छा है मुझे यहां से घर जाने की कोई इक्छा नहीं होती।

अमन का कहना है प्रधानमंत्री जी ने जो स्वच्छता का सपना देखा है उसे पूरा करके रहेंगें। यहां बेहतर पढ़ाई होती है। यहाँ रोज स्वच्छता का कार्यक्रम चलता है। वहीं, सोनू का कहना है, मैं अपने विद्यलाय में खुश हूं मेरा विद्यालय आपलोग देख ही रहे हैं कितना सूंदर है और यहाँ उत्तम पढ़ाई की व्यवस्था है।

क्या कहते हैं प्रधानाचार्य

प्रधानाचार्य सुरेश कुमार सिंह का कहना है, यहां सभी शिक्षक और खास कर हमारे अच्छे मित्र और अधयापक हैं उनके अथक प्रयास रहा है इसे सुंदर बनाने में। सरकार मदद करे या न करे हमलोगों का यह उद्देश्य है कि यह विद्यालय सबके लिए प्रेरणास्रोत बने। पूरी हरियाली, स्वच्छ और सुंदर माहौल में बच्चों का अध्यापन हो। बच्चों को ऐसा लगे कि हम प्रकृति की गोद में बैठकर अध्ययन कर रहे हैं। इसलिए इसपे पिछले करीब 3 वर्षों से काम कर रहे हैं अगर हमलोग को सरकार का सहयोग मिले तो इसमें और चार चांद लगा सकते हैं जहां अपना संसाधन है उसका उपयोग कर इसको सुंदर बनाने का प्रयास करेंगे।


Conclusion:
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