पटना: बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख घटक दल जदयू में संगठन स्तर पर लगातार उलटफेर हो रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2020 के बाद से जदयू में अब तक कई बदलाव किए गए हैं. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (Former National President RCP Singh) के बनाए संगठन में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. सभी प्रकोष्ठों को भंग किया जा चुका है. लोकसभा और विधानसभा प्रभारी के पद भी भंग किए गए हैं. वहीं, अब काम नहीं करने वाले जदयू के जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारियों पर गाज गिराने की तैयारी है. पिछले दिनों तीन जिला अध्यक्षों को बदला भी गया था.
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विधानसभा उपचुनाव के बाद जदयू संगठन स्तर पर कई तरह के प्रयोग कर रहा है. पहले आरसीपी सिंह ने अपने तरीके से संगठन को बनाया था. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी संभालने के बाद अब ललन सिंह पार्टी को नए तरीके से तैयार कर रहे हैं. आरसीपी सिंह के बनाए प्रकोष्ठों को पहले ही भंग कर दिया था. अब जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारियों पर भी उनकी नजर है. पार्टी समीक्षा के बहाने कई जिलाध्यक्षों पर गाज गिराने की तैयारी कर रही है.
औरंगाबाद जिला अध्यक्ष का कहना है कि जो लोग काम नहीं करेंगे, उन पर तो कार्रवाई होगी ही. कुछ लोगों पर हाल में कार्रवाई भी हुई है और यह सब पार्टी में चलते रहता है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी साफ संकेत दिये हैं कि जो अच्छा काम नहीं करेंगे, पहले भी उन पर कार्रवाई हुई है. पार्टी समीक्षा कर आगे फैसला लेगी. ऐसे सभी जिला अध्यक्ष संगठन के प्रति वफादार हैं.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) 2024 और 2025 की तैयारी की बात लगातार करते रहे हैं. संगठन पर अपनी पकड़ के लिये अपने नजदीकियों को अधिक से अधिक लाने की कोशिश हो रही है. आरसीपी सिंह के लोगों को लगातार साइड किया जा रहा है. उपेंद्र कुशवाहा भी अपनी पार्टी समेत जदयू में आए थे तो उनकी भी कोशिश है कि उनके लोगों को संगठन में महत्वपूर्ण स्थान मिले. ऐसे में गाज उन लोगों पर गिरना तय माना जा रहा है जिन्हें आरसीपी सिंह के समय जिम्मेदारी मिली थी.
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