पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. इसको लागू करने के लिए सरकार काफी तत्पर दिखाई पड़ती है. लेकिन जिस तरह से लोगों की संदिग्ध मौतें हो रही है वो कई सवाल खड़ा करती है. सवाल यह कि क्या वाकई में बिहार में शराबबंदी है? दरअसल पिछले 5 दिनों में जिस तरह से प्रदेश में 13 लोगों की संदिग्ध मौत (13 person suspicious death in bihar) हुई है उसके बाद यह सवाल खड़ा होता है.
आइये अब आपको हम सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कहां हुई है 13 लोगों की संदिग्ध मौत
09 मार्च 2022 : बिहार के सिवान जिले के दुरौंधा थाना क्षेत्र में 3 लोगों की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गयी. मृतकों में कमलेश मांझी (35), अवध मांझी (70) व नूर मोहम्मद (30) शामिल हैं. परिजन डर के कारण शव का अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं. परिजनों का साफ-साफ आरोप है कि जहरीली शराब पीने के कारण ही इन लोगों की मौत हुई है. पढ़ें खबर
09 मार्च 2022 : पश्चिमी चंपारण के नौतन के खापटोला में दो लोगों की कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मौत का मामला सामने आया. वहीं एक अन्य की हालत चिंताजनक है. मृतकों की पहचान रंजीत सिंह और मुन्ना सिंह के रूप में हुई है. वहीं, जीएमसीएच में इलाजरत व्यक्ति का नाम पवन सिंह बताया जा रहा है. पढ़ें खबर
12 मार्च 2022 : गोपालगंज जिले के वैकुंठपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव में संदिग्ध अवस्था मे चार लोगों की मौत हुई है. वहीं कई लोगों की स्थिति गम्भीर बताई जा रही है, जिन्हें नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. मृतकों के परिजनों ने जहरीली शराब से मौत का आरोप लगाया है. वहीं, एसडीपीओ और डीएम ने जहरीली शराब से मौत की बात से इनकार किया है. पढ़ें खबर
13 मार्च 2022 : बिहार के भागलपुर में 5 लोगों की संदिग्ध मौत की खबर आयी. वहीं, दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें सबौर थाना क्षेत्र के कुंदन झा, लोदीपुर थाना क्षेत्र के किशोर यादव, नवीन यादव, बबरगंज थाना क्षेत्र के रितेश कुमार और सजौर थाना के निजी चालक अविनाश शामिल है. बताया जा रहा है कि मामला संज्ञान में आने के बाद परिजनों ने प्रशासन से मामले को छिपाने के उद्देश्य से कुछ लोगों के शव का दाह संस्कार भी करा चुके हैं. पढ़ें खबर
पहले भी कहर बरपा चुकी है जहरीली शराब : इसी साल जनवरी महीने में बक्सर में शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गयी थी. यही नहीं पिछले साल अक्टूबर-नवंबर महीने में कई लोगों की जान जहरीली शराब ने ले ली थी. बिहार में 2021 में जहरीली शराब के 13 मामले सामने आए, जिनमें कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई. नवंबर में गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले जुलाई में भी पश्चिमी चंपारण जिले में 12 लोगों की मौत हो गई थी. वैसे अगर गौर से देखा जाए तो ड्राई स्टेटबिहार में शराब की तस्करी आम बता हो चली है. शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता हो जब उत्पाद विभाग और पुलिसवाले तस्करों को नहीं दबोचते हों. पर एक सच्चाई यह भी है कि लोगों तक शराब पहुंचती भी है.
अप्रैल 2016 से शराबबंदी: दरअसल, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू करने का फैसला लिया था. चुनाव में जीत हासिल करने और लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद कुमार ने महिलाओं से किया वादा निभाया और एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. 1 अप्रैल 2016 से लागू हुए कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी नशीले पदार्थ या शराब का निर्माण वितरण परिवहन संग्रह भंडार खरीद बिक्री या उपभोग नहीं कर सकता है.
हर 10 मिनट में एक गिरफ्तारी : एक आंकड़े के मुताबिक राज्य में हर 1 मिनट में कम से कम 3 लीटर शराब की बरामदगी और 10 मिनट में एक की गिरफ्तारी की जाती है. राज्य में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के मामले में हजारों लोग जेल के अंदर हैं और लाखों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है. बिहार के न्यायालय में दो लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं. दो महीने पहले हुए शराबकांड के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सख्त निर्देश दिए थे कि जिस इलाके में शराब मिलेगी, उसके थानेदार तुरंत सस्पेंड होंगे. उन्होंने ये भी कहा था कि न शराब आने देंगे और न ही किसी को पीने देंगे.
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