नालंदा: बुधवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बस्तर में हुए, आईईडी (IED) धमाके में नालंदा के लाल सीआरपीएफ जवान रोशन कुमार शहीद हो गए थे. बुधवार को सीआरपीएफ के डीआईजी के वीरेंद्र सिंह शहीद के परिजनों को सांत्वना देने उनके गांव फतेहपुर पहुंचे. डीआईजी ने शोकाकुल परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सीआरपीएफ परिजन के साथ है. उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार की देखभाल सभी को करनी चाहिए.
शाम तक पहुंचेगा पार्थिव शरीर
सीआरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक फतेहपुर पहुंच जाएगा. फिर यहां राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी. हालांकि अभी तक जवान का अंतिम संस्कार स्थल तय नहीं हुआ है.
CRPF का महत्वपूर्ण योगदान
डीआईजी के वीरेंद्र सिंह ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ का महत्वपूर्ण योगदान है. चाहे वह जम्मू कश्मीर हो या देश का कोई अन्य राज्य सीआरपीएफ के जवान पूरी तरह से देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
कैसे हुई घटना
सीआरपीएफ के पुशपाल शिविर से मंगलवार रात को सीआरपीएफ का एक दल इलाके में गश्त के लिए निकला था. बुधवार सुबह दल बोदली गांव पहुंचने ही वाला था. जहां सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. दल के जवान जब इलाके में थे, तभी रोशन कुमार का पैर प्रेशर बम पर पड़ गया. जिसके बाद बम में विस्फोट हो गया और कुमार मौके पर ही शहीद हो गए.
भाग गए थे नक्सली
इससे पहले रविवार को नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. नारायणपुर एसपी मोहित गर्ग को खुफिया जानकारी मिली थी कि रायनार बटुमपारा इलाके के पास लगभग 40-50 हथियारबंद नक्सली सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बना रहे हैं. जिसके बाद जिला रिजर्व गार्ड, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने 2 आईईडी ब्लास्ट किए और फायरिंग शुरू कर दी. जिसके बाद वे भारी बारिश, जंगल और पहाड़ों का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हो गए थे. हालांकि इस मुठभेड़ में कोई हताहत नहीं हुआ था.