मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की पहली पुण्यतिथि (First Death Anniversary) पर सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, बीजेपी मंत्री राम सूरत राय समेत कई नेताओं ने रघुवंश प्रसाद को श्रद्धांजलि दी.
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''बिहार सरकार को रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रतिमा लगानी चाहिए. साथ ही उनकी जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन भी वर्तमान सरकार को करना चाहिए. इसके अलावा रघुवंश बाबू के द्वारा अंतिम क्षण में लिखे गए पत्र में की गई मांग को भी सरकार पूरा करें.''- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस दौरान लालू प्रसाद यादव और रघुवंश प्रसाद सिंह के बीच जो रिश्ता था उसका भी जिक्र किया. केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने भी रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ 1974 के आंदोलन का जिक्र करते हुए उनको याद किया.
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वहीं, राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने रघुवंश सिंह के 1974 आंदोलन का जिक्र करते हुए सीतामढ़ी कनेक्शन का खुलासा किया. जिसमें उन्होंने बताया कि आंदोलन के समय वो सीतामढ़ी में थे, उसी समय उनके बेटे का जन्म हुआ और हम इसी वजह से इसे सीतामढ़ी कनेक्शन कहते हैं. बहरहाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली पुण्य तिथि में बीजेपी, राजद और जदयू सभी पार्टियों के नेताओें ने शिरकत की और सभी ने रघुवंश सिंह को नमन किया.
बता दें कि डॉक्टर रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के शाहपुर गांव में हुआ था. उन्होंने एलएस कॉलेज और राजेंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गणित विषय से पीएचडी की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए गणित पढ़ाया. पहली बार शिक्षक आंदोलन के दौरान 1970 में जेल गए और पहली बार 1977 में सीतामढ़ी के बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.
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वे बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए. कर्पूरी ठाकुर की सरकार में उन्हें बिजली मंत्री का पद मिला. 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे. 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे. 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीते और 1998 तक राज्य मंत्री के पद पर रहे. 1998 में दोबारा और 1999 में तीसरी बार सांसद चुने गए. 2004 में चौथी बार रघुवंश प्रसाद लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवीं बार सांसद चुने गए.
इस तरह रघुवंश बाबू 5 बार वैशाली से सांसद रह चुके थे. मंत्री रहते हुए वे वैशाली के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उन्होंने अपने अंतिम समय में भी बिहार सरकार पत्र लिखकर वैशाली में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सीएम के द्वारा झंडोत्तोलन की इच्छा जाहिर की थी. वहीं, लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेती किसानी को मनरेगा के दायरे में लाने की मांग की थी.