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मुकेश अंबानी के नाम पर मुजफ्फरपुर में 52200 की ठगी

एक जालसाज ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के नाम पर एफसीआई कर्मी से 52200 रुपये ठग लिये हैं. जालसाज ने पीड़ित व्यक्ति को वृद्धाश्रम खोलने के नाम पर 70 लाख रुपये की सहायता दिलाने का आश्वासन देकर ठगी की.

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Published : Nov 21, 2021, 10:32 AM IST

मुजफ्फरपुर: जालसाज (Fraud) लोगों को चूना लगाने के लिए नये-नये तरीके अपनाते रहते हैं. लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ठग कई प्रकार के प्रलोभन देते हैं. कुछ इसी प्रकार का मामला मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में सामने आया है. यहां एक जालसाज ने विश्व के बड़े उद्योगपतियों शुमार मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नाम पर एफसीआई के एक कर्मचारी से 52200 रुपये ठग लिये. ठग ने इस करतूत को अंजाम देने के लिए जो तरीका अपनाया, उसे जानकर आप हैरान रह जायेंगे.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: पोखर से बॉल निकालने के दौरान डूबने से 3 बच्चों की मौत, गांव में पसरा मातम

फर्जीवाड़ा करने वाले ने इस ठगी को अंजाम देने के लिए मुकेश अंबानी के नाम पर फर्जी फेसबुक (Facebook) आईडी के बनाया. उसके बाद एफसीआई (FCI) कर्मी रजनीश कुमार को मुजफ्फरपुर में वृद्धाश्रम खोलने के नाम पर 70 लाख रुपये सहायता देने का झांसा फेसबुक के माध्यम से दिया गया. इसी बहाने से रजनीश कुमार से 52, 500 रुपये ठग लिये. इस संबंध में एफसीआई कर्मी ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. सदर थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रहे भ्रामक मैसेज की पड़ताल नहीं करने के कारण यह ठगी हुई है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है.

देखें वीडियो

रजनीश कुमार ने पुलिस को बताया कि वह नारायणपुर अनंत स्थित भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के खाद्य संग्रह भंडार में कार्यरत है. उसे कथित मुकेश अंबानी के फेसबुक से ईशा वृद्धाश्रम खोलने के लिए 70 लाख रुपये का प्रलोभन दिया गया. पहले तो वे तैयार नहीं हुए, लेकिन बाद में मान गए. इसके बाद फेसबुक एकाउंट के माध्यम से अपने लेखा पदाधिकारी का व्हाट्सएप नंबर दिया गया.

साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) ने 70 लाख रुपये उसके बैंक खाता में प्रोसेस करने का झांसा दिया. उससे कहा गया कि इसके लिए उसे 52,500 रुपये प्रोसेस शुल्क का भुगतान करना होगा. ठग के झांसे में आकर रजनीश ने इस राशि का ऑनलाइन भुगतान कर दिया. इसके बाद दोबारा उनसे टैक्स के रूप में छह लाख की मांग की गयी. इसके बाद रजनीश को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने 6 लाख रुपये देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही 52,500 रुपये लौटाने को कहा लेकिन उसे यह रुपये नहीं लौटाए गए. तब उसने पुलिस में शिकायत की.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर पुलिस का एक्शन, देसी बंदूक, पिस्तौल और शराब जब्त, 1 गिरफ्तार

नोट: ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

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फर्जीवाड़ा करने वाले ने इस ठगी को अंजाम देने के लिए मुकेश अंबानी के नाम पर फर्जी फेसबुक (Facebook) आईडी के बनाया. उसके बाद एफसीआई (FCI) कर्मी रजनीश कुमार को मुजफ्फरपुर में वृद्धाश्रम खोलने के नाम पर 70 लाख रुपये सहायता देने का झांसा फेसबुक के माध्यम से दिया गया. इसी बहाने से रजनीश कुमार से 52, 500 रुपये ठग लिये. इस संबंध में एफसीआई कर्मी ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. सदर थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रहे भ्रामक मैसेज की पड़ताल नहीं करने के कारण यह ठगी हुई है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है.

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रजनीश कुमार ने पुलिस को बताया कि वह नारायणपुर अनंत स्थित भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के खाद्य संग्रह भंडार में कार्यरत है. उसे कथित मुकेश अंबानी के फेसबुक से ईशा वृद्धाश्रम खोलने के लिए 70 लाख रुपये का प्रलोभन दिया गया. पहले तो वे तैयार नहीं हुए, लेकिन बाद में मान गए. इसके बाद फेसबुक एकाउंट के माध्यम से अपने लेखा पदाधिकारी का व्हाट्सएप नंबर दिया गया.

साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) ने 70 लाख रुपये उसके बैंक खाता में प्रोसेस करने का झांसा दिया. उससे कहा गया कि इसके लिए उसे 52,500 रुपये प्रोसेस शुल्क का भुगतान करना होगा. ठग के झांसे में आकर रजनीश ने इस राशि का ऑनलाइन भुगतान कर दिया. इसके बाद दोबारा उनसे टैक्स के रूप में छह लाख की मांग की गयी. इसके बाद रजनीश को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने 6 लाख रुपये देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही 52,500 रुपये लौटाने को कहा लेकिन उसे यह रुपये नहीं लौटाए गए. तब उसने पुलिस में शिकायत की.

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