ETV Bharat / city

मुजफ्फरपुर: राम जन्मभूमि आंदोलन में गंवाई थी जान, अब बलिदान को भूली सरकार - साइन गांव

राम जन्मभूमि आंदोलन में 2 नवंबर 1990 को शहीद हुए पांच कारसेवकों में से एक शहीद मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड के साइन गांव के निवासी संजय कुमार थे. शहीद कारसेवकों के परिजनों को इस बात का मलाल है कि उन्हें राम जन्मभूमि पूजन में भी नहीं याद किया जा रहा है. अब सरकार और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग उनको भूल गए हैं.

Ram Mandir
Ram Mandir
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 6:58 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 7:06 PM IST

मुजफ्फरपुर: कई वर्षों के अथक आंदोलन और संघर्ष के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ है. 5 अगस्त को मंदिर के शिलान्यास की तिथि निर्धारित की गई है. लेकिन, जिनके संघर्षों की बदौलत यह मंजिल मिली आज उन शहीद कारसेवकों को ही सत्ता में बैठे लोगों ने भुला दिया है.

दुखी हैं कारसेवकों के परिजन
राम जन्मभूमि आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले कारसेवक, जो कभी इस आंदोलन के हीरो हुआ करते थे आज उनका जिक्र तक नहीं होता है. इससे राम के नाम पर शहीद होने वाले कारसेवकों के परिजन बेहद दुखी हैं. हालांकि उन्हें इस बात की खुशी भी है कि जिस काम के लिए उनके परिवार के सदस्य ने कुर्बानी दी वह काम अब शुरू होने जा रहा है.

Ram Mandir
पिता को याद करती संजय कुमार की बेटी

2 नवंबर 1990 को शहीद हुए कारसेवक
राम जन्मभूमि आंदोलन में 2 नवंबर 1990 को अयोध्या पहुंचे कारसेवकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी. इसमें पांच कारसेवक शहीद हो गए थे. उनमें से एक शहीद कारसेवक मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड के साइन गांव के निवासी संजय कुमार थे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

परिवार हुए तबाह
संजय अपने परिवार के इकलौते बेटे थे, जिन्होंने अपने परिवार की परवाह किए बगैर राम के नाम अपना बलिदान दे दिया. लेकिन राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी मौत के बाद उनका पूरा परिवार तबाह हो गया. संजय के परिजनों की माने तो अब सरकार और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग उनको भूल गए हैं.

Ram Mandir
शहीद कारसेवक संजय कुमार

5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त को करेंगे. जिसमें देश भर के कई गणमान्य लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे. लेकिन, राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले शहीद कारसेवकों और उनके परिवार को इस समारोह का एक अदद निमंत्रण पत्र भी नसीब नहीं हुआ है. शहीद कारसेवकों के परिजनों को इस बात का मलाल है कि उन्हें राम जन्म भूमि पूजन में भी नहीं याद किया जा रहा है.

Ram Mandir
शहीद कारसेवक संजय कुमार की मूर्ति

यूपी पुलिस ने कारसेवकों पर की थी फायरिंग
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर 2 नवंबर 1990 में कार सेवा का आयोजन किया गया था. इसका नेतृत्व लाल कृष्ण आडवाणी समेत विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कई बड़े कद्दावर नेताओं ने किया था. इनके आह्वान पर देशभर से कारसेवक राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लिए मंदिर की बढ़ रहे थे. उसी दौरान अयोध्या के हनुमानगढ़ी में यूपी पुलिस ने कारसेवकों पर फायरिंग की थी, जिसमें 5 कारसेवक गोली लगने से मारे गए थे.

मुजफ्फरपुर: कई वर्षों के अथक आंदोलन और संघर्ष के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ है. 5 अगस्त को मंदिर के शिलान्यास की तिथि निर्धारित की गई है. लेकिन, जिनके संघर्षों की बदौलत यह मंजिल मिली आज उन शहीद कारसेवकों को ही सत्ता में बैठे लोगों ने भुला दिया है.

दुखी हैं कारसेवकों के परिजन
राम जन्मभूमि आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले कारसेवक, जो कभी इस आंदोलन के हीरो हुआ करते थे आज उनका जिक्र तक नहीं होता है. इससे राम के नाम पर शहीद होने वाले कारसेवकों के परिजन बेहद दुखी हैं. हालांकि उन्हें इस बात की खुशी भी है कि जिस काम के लिए उनके परिवार के सदस्य ने कुर्बानी दी वह काम अब शुरू होने जा रहा है.

Ram Mandir
पिता को याद करती संजय कुमार की बेटी

2 नवंबर 1990 को शहीद हुए कारसेवक
राम जन्मभूमि आंदोलन में 2 नवंबर 1990 को अयोध्या पहुंचे कारसेवकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी. इसमें पांच कारसेवक शहीद हो गए थे. उनमें से एक शहीद कारसेवक मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड के साइन गांव के निवासी संजय कुमार थे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

परिवार हुए तबाह
संजय अपने परिवार के इकलौते बेटे थे, जिन्होंने अपने परिवार की परवाह किए बगैर राम के नाम अपना बलिदान दे दिया. लेकिन राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी मौत के बाद उनका पूरा परिवार तबाह हो गया. संजय के परिजनों की माने तो अब सरकार और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग उनको भूल गए हैं.

Ram Mandir
शहीद कारसेवक संजय कुमार

5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त को करेंगे. जिसमें देश भर के कई गणमान्य लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे. लेकिन, राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले शहीद कारसेवकों और उनके परिवार को इस समारोह का एक अदद निमंत्रण पत्र भी नसीब नहीं हुआ है. शहीद कारसेवकों के परिजनों को इस बात का मलाल है कि उन्हें राम जन्म भूमि पूजन में भी नहीं याद किया जा रहा है.

Ram Mandir
शहीद कारसेवक संजय कुमार की मूर्ति

यूपी पुलिस ने कारसेवकों पर की थी फायरिंग
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर 2 नवंबर 1990 में कार सेवा का आयोजन किया गया था. इसका नेतृत्व लाल कृष्ण आडवाणी समेत विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कई बड़े कद्दावर नेताओं ने किया था. इनके आह्वान पर देशभर से कारसेवक राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लिए मंदिर की बढ़ रहे थे. उसी दौरान अयोध्या के हनुमानगढ़ी में यूपी पुलिस ने कारसेवकों पर फायरिंग की थी, जिसमें 5 कारसेवक गोली लगने से मारे गए थे.

Last Updated : Jul 30, 2020, 7:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.