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ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वालों को नहीं मिल रही सरकारी मदद, टूट रही किसानों की आस

ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान राम नारायण सिंह बताते हैं इस खेती में फायदा चौगुना है. इससे किसानों की रीढ़ भी सीधी हो जाएगी, लेकिन सरकार की भी थोड़ी मदद चाहिए.

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Published : Nov 27, 2019, 11:45 AM IST

Updated : Nov 27, 2019, 12:20 PM IST

कटिहार: बदलते वक्त में जिले के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स की उत्पादन कर रहे हैं. इसका उद्देश्य है कि उनकी आय में वृद्धि हो सके और उनका परिवार समृद्ध हो. लेकिन, इन किसानों तक सरकारी मदद नहीं पहुंचने के कारण इनका आत्मविश्वास टूटता जा रहा है और वे कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं. जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसानों के रीढ़ टूटती जा रही है.

सरकारी मदद की आस
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान राम नारायण सिंह बताते हैं इस खेती में फायदा चौगुना है. इससे किसानों की रीढ़ भी सीधी हो जाएगी, लेकिन सरकार की भी थोड़ी मदद चाहिए. सरकार अगर ड्रिप की व्यवस्था और अन्य सहयोग कर दे तो किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजना नहीं
दरअसल आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है. जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद बताते हैं जिले में दो किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. एक के तो फल भी आने लगे हैं, वहीं दूसरे की खेती अभी शुरुआती दौर में है. फिलहाल सरकार से ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसी भी तरह के अनुदान का प्रावधान नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि कृषि विभाग इन लोगों से मिलकर सरकार से अनुदान की अपील करेगा.

कटिहार: बदलते वक्त में जिले के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स की उत्पादन कर रहे हैं. इसका उद्देश्य है कि उनकी आय में वृद्धि हो सके और उनका परिवार समृद्ध हो. लेकिन, इन किसानों तक सरकारी मदद नहीं पहुंचने के कारण इनका आत्मविश्वास टूटता जा रहा है और वे कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं. जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसानों के रीढ़ टूटती जा रही है.

सरकारी मदद की आस
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान राम नारायण सिंह बताते हैं इस खेती में फायदा चौगुना है. इससे किसानों की रीढ़ भी सीधी हो जाएगी, लेकिन सरकार की भी थोड़ी मदद चाहिए. सरकार अगर ड्रिप की व्यवस्था और अन्य सहयोग कर दे तो किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजना नहीं
दरअसल आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है. जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद बताते हैं जिले में दो किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. एक के तो फल भी आने लगे हैं, वहीं दूसरे की खेती अभी शुरुआती दौर में है. फिलहाल सरकार से ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसी भी तरह के अनुदान का प्रावधान नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि कृषि विभाग इन लोगों से मिलकर सरकार से अनुदान की अपील करेगा.

Intro:कटिहार

एक ओर जहां केंद्र सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की बात कहते हैं किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चलाते हैं लेकिन इन योजनाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पाता जिससे किसानों का भरोसा सरकार से उठता जा रहा है और किसान ऋण में दबते जा रहे हैं।

Body:दरअसल जिले के किसान परंपरागत फसलों को छोड़कर आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स की उत्पादन कर रहे हैं जिसकी उनकी आय में वृद्धि हो सके और उनका परिवार समृद्ध हो लेकिन इन किसानों तक सरकार का मदद के हाथ नहीं पहुंचने के कारण इनका आत्मविश्वास टूटते जा रहा है और ऋण के बोझ में दबते जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है 2022 तक किसानों की आय दोगुना हो इसके लिए केंद्र स्तर और राज्य स्तर से किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता जिस वजह किसानों के रीढ़ टूटती जा रही है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाला किसान राम नारायण सिंह बताते हैं इस खेती में फायदा चौगुना है और किसानों के रीढ़ भी सीधा हो जाएगा लेकिन थोड़ी सरकार की भी मदद चाहिए। सरकार अगर ड्रिप की व्यवस्था और अन्य सहयोग दे दे तो किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना साकार हो जाएगा।

बताते चलें कि आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजनाएं नहीं है जिसका लाभ किसानों को मिल सके। कटिहार जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद बताते हैं जिले में दो किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं एक के तो फल भी आने लगे हैं वह दूसरे का अभी शुरुआती स्टेज है। उन्होंने बताया कृषि विभाग इन लोगों तक विजिट कर सरकार से अनुदान देने की मांग करेगी। फिलहाल सरकार से ड्रैगन फ्रूट के लिए किसी भी तरह का कोई अनुदान नहीं दिया जाता है।

Conclusion:जिले के किसान धान, गेहूं, मक्का और केले की खेती में हो रहे नुकसान के बाद ड्रैगन की खेती शुरू किया लेकिन सरकारी मदद नहीं मिलने के कारण उनका आत्मविश्वास टूटते जा रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ऐसे किसानों पर ध्यान केंद्रित करें और कैश क्रॉप्स के लिए भी कोई योजनाएं चलाएं ताकि किसानों के साथ-साथ प्रधानमंत्री जी का भी सपना पूरा हो सके।

अब सवाल यह उठता है कि कैसे किसानों का आय दोगुना होगा जब सरकार की ओर से इन किसानों को कोई मदद नहीं पहुंचेगी? कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना 2022 तक किसानों की आय हो दुगना पूरा हो सकेगा?
Last Updated : Nov 27, 2019, 12:20 PM IST
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