गया: बोधगया विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में कोरिया के बौद्ध भिक्षुओं ने विश्व शांति और अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना की. इस दौरान कोरिया सहित तिब्बत, भूटान और श्रीलंका के कुल 108 बौद्ध भिक्षु मौजूद रहे. भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में 'योंग शांग जे' रिचुअल पूजा की.
कोरिया की रिचुअल पूजा है 'योंग शांग जे'
बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधी मंदिर में स्थित बोधि वृक्ष को नमन किया. इसके अलावा उन्होंने अपने रीति-रिवाज के अनुसार बाजे के साथ मंदिर के चारों ओर परिक्रमा की. कोरिया इंटरप्रेटर राकेश कुमार समदर्शी ने बताया कि कोरिया में हर साल 'योंग शांग जे' पूजा की जाती है. इस बार कोरिया के संघ 'थेन गोन चौंग' के लोगों ने भारत में आकर यह पूजा की. कोरिया सहित अन्य देश के कुल 108 बौद्ध भिक्षुओं ने बोधगया में इस पूजा में भाग लिया.
पिंडदान की तरह ही बौद्ध भी करते हैं पूजा
कोरिया इंटरप्रेटर ने इस पूजा के बारे में बताया कि जिस तरह बोधगया में महासंगम पितृपक्ष मेला में हिंदू अपने पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान करते हैं, उसी तरह बौद्ध भिक्षु भी पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए 'योंग शांग जे' पूजा करते हैं. यह पूजा हर देश में अलग-अलग समय में की जाती है. इस साल यह पूजा बोधगया के महाबोधी मंदिर में की गई.