ETV Bharat / city

गया में वायरल फीवर का कहर, ANMCH में 90 फीसदी बेड फुल

बिहार के करीब सभी जिलों में बच्चों में वायरल फीवर तेजी से पैर पसार रहा है. मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में औसतन 50 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

ANMCH
ANMCH
author img

By

Published : Sep 11, 2021, 7:39 AM IST

गया: बिहार का मगध क्षेत्र में भी वायरल फीवर (Viral Fever) कहर बरपा रहा है. मगध क्षेत्र के औरंगबाद, गया (Gaya) और नवादा जिले से हर दिन औसतन 50 बच्चे वायरल फीवर से ग्रसित होकर अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Anugrah Narayan Magadha Medical College Hospital) में भर्ती हो रहे हैं. हालांकि अस्पताल ने बच्चों के इलाज की व्यवस्था है. इससे मृत्यु दर शून्य है. बता दें कि मगध क्षेत्र के इस सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की आशंका को देखते हुए 22 अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बेडों की संख्या बढ़ायी गयी है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बंद फाटक से बाइक लेकर ट्रैक पार कर रहा था शख्स...अचानक आ गई ट्रेन... देखें फिर क्या हुआ

दरअसल, बिहार में इन दिनों वायरल बुखार का असर देखने को मिल रहा है. सर्दी, खांसी, तेज बुखार, दम फूलना, निमोनिया जैसी शिकायतें राज्य के सभी जिलों में बच्चे में दिख रही है. इस अस्पताल में औसतन 50 बच्चे वायरल बुखार से ग्रसित होकर आ रहे हैं. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में 70 बेड हैं. जिसमें से 50 बेड फुल है. रात होते होते नीकू, पीकू, इमरजेंसी और सामान्य वार्ड फुल हो जाता है.

देखें रिपोर्ट

ईटीवी भारत ने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (ANMCH) में स्थित शिशु वार्ड में वायरल फीवर से ग्रसित बच्चों के इलाज को लेकर पड़ताल की. इसमें पाया गया कि दवाइयों और डॉक्टरों की कमी है. हालांकि इलाज अभी हो रहा है लेकिन आगे वाले दिनों में अगर संख्या बढ़ जाएगी तो मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीमित संसाधनों में इलाज करना संभव नहीं होगा. शिशु विभाग के सामान्य वार्ड में भर्ती बच्चों के अधिकांश अभिभावकों ने बताया कि सही इलाज हो रहा है.

ये भी पढ़ें: रेप केस में फंसा दोस्त तो बन गया IAS, फोन कर SP को बोला- मैं ACS होम बोल रहा हूं... उसे छोड़ दो

वहीं, अस्पताल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आयी है. पिछले 3 दिनों से 2 मरीजों को एक ही बेड पर रखा गया था. जिससे मरीज के साथ-साथ अभिभावकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मरीज के अभिभावक बैजू प्रसाद और रिंकू देवी ने बताया कि मेरा बेटा कई दिनों से बुखार से पीड़ित था. हम लोग को यहां रेफर किया गया था. यहां आए तो बेड खाली नहीं था. दोनों बच्चों को एक ही बेड पर रखा गया है. बेड खाली होने के बावजूद हमें नहीं दिया गया. प्रीति देवी ने बताया कि मेरी बेटी दो माह की है. पिछले कई दिनों से सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित थी. यहां इलाज बढ़िया हो रहा है.

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल अधीक्षक डॉ. पीके अग्रवाल ने बताया की हम लोग बच्चों के इलाज को लेकर गंभीर हैं. कई महीने पहले ही हमने तैयारी कर ली थी. हर बेड पर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाया गया है. पूरी व्यवस्था है. उन्होंने माना कि कुछ दवाओं की कमी है लेकिन जरुरत पड़ने पर दवाइयां बाहर से भी मंगाई जाती हैं.

अभी औसतन हर दिन करीब 50 मरीज शिशु वार्ड में भर्ती हो रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर की आशंक को देखते हुए पूरी व्यवस्था की गयी है. अभी बच्चों की संख्या कम है, इसलिए उन्हें शिशु वार्ड में रखा जा रहा है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वायरल फीवर से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होगा तो बच्चों के वार्ड को एमसीएच बिल्डिंग में ट्रांसफर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: गया: सफाई कर्मियों के हड़ताल से शहर में लगा गंदगी का अंबार, अब दैनिक मजदूर उठाएंगे कचरा

गया: बिहार का मगध क्षेत्र में भी वायरल फीवर (Viral Fever) कहर बरपा रहा है. मगध क्षेत्र के औरंगबाद, गया (Gaya) और नवादा जिले से हर दिन औसतन 50 बच्चे वायरल फीवर से ग्रसित होकर अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Anugrah Narayan Magadha Medical College Hospital) में भर्ती हो रहे हैं. हालांकि अस्पताल ने बच्चों के इलाज की व्यवस्था है. इससे मृत्यु दर शून्य है. बता दें कि मगध क्षेत्र के इस सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की आशंका को देखते हुए 22 अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बेडों की संख्या बढ़ायी गयी है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बंद फाटक से बाइक लेकर ट्रैक पार कर रहा था शख्स...अचानक आ गई ट्रेन... देखें फिर क्या हुआ

दरअसल, बिहार में इन दिनों वायरल बुखार का असर देखने को मिल रहा है. सर्दी, खांसी, तेज बुखार, दम फूलना, निमोनिया जैसी शिकायतें राज्य के सभी जिलों में बच्चे में दिख रही है. इस अस्पताल में औसतन 50 बच्चे वायरल बुखार से ग्रसित होकर आ रहे हैं. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में 70 बेड हैं. जिसमें से 50 बेड फुल है. रात होते होते नीकू, पीकू, इमरजेंसी और सामान्य वार्ड फुल हो जाता है.

देखें रिपोर्ट

ईटीवी भारत ने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (ANMCH) में स्थित शिशु वार्ड में वायरल फीवर से ग्रसित बच्चों के इलाज को लेकर पड़ताल की. इसमें पाया गया कि दवाइयों और डॉक्टरों की कमी है. हालांकि इलाज अभी हो रहा है लेकिन आगे वाले दिनों में अगर संख्या बढ़ जाएगी तो मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीमित संसाधनों में इलाज करना संभव नहीं होगा. शिशु विभाग के सामान्य वार्ड में भर्ती बच्चों के अधिकांश अभिभावकों ने बताया कि सही इलाज हो रहा है.

ये भी पढ़ें: रेप केस में फंसा दोस्त तो बन गया IAS, फोन कर SP को बोला- मैं ACS होम बोल रहा हूं... उसे छोड़ दो

वहीं, अस्पताल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आयी है. पिछले 3 दिनों से 2 मरीजों को एक ही बेड पर रखा गया था. जिससे मरीज के साथ-साथ अभिभावकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मरीज के अभिभावक बैजू प्रसाद और रिंकू देवी ने बताया कि मेरा बेटा कई दिनों से बुखार से पीड़ित था. हम लोग को यहां रेफर किया गया था. यहां आए तो बेड खाली नहीं था. दोनों बच्चों को एक ही बेड पर रखा गया है. बेड खाली होने के बावजूद हमें नहीं दिया गया. प्रीति देवी ने बताया कि मेरी बेटी दो माह की है. पिछले कई दिनों से सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित थी. यहां इलाज बढ़िया हो रहा है.

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल अधीक्षक डॉ. पीके अग्रवाल ने बताया की हम लोग बच्चों के इलाज को लेकर गंभीर हैं. कई महीने पहले ही हमने तैयारी कर ली थी. हर बेड पर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाया गया है. पूरी व्यवस्था है. उन्होंने माना कि कुछ दवाओं की कमी है लेकिन जरुरत पड़ने पर दवाइयां बाहर से भी मंगाई जाती हैं.

अभी औसतन हर दिन करीब 50 मरीज शिशु वार्ड में भर्ती हो रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर की आशंक को देखते हुए पूरी व्यवस्था की गयी है. अभी बच्चों की संख्या कम है, इसलिए उन्हें शिशु वार्ड में रखा जा रहा है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वायरल फीवर से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होगा तो बच्चों के वार्ड को एमसीएच बिल्डिंग में ट्रांसफर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: गया: सफाई कर्मियों के हड़ताल से शहर में लगा गंदगी का अंबार, अब दैनिक मजदूर उठाएंगे कचरा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.