ETV Bharat / city

कोरोना काल में भाइयों की कलाई ना रहे सूनी इसलिए बहनें खुद बना रहीं राखी

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का असर राखी बाजार (Rakhi Market) पर पड़ा तो बहनों ने भी गजब का जज्बा दिखाया है. गया में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए खुद से राखी बना रही हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

गया
गया
author img

By

Published : Aug 21, 2021, 6:21 PM IST

गया: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का असर पूरे देश पर पड़ा है. बाजार से लेकर लोगों की आम जिंदगी पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. राखी का बाजार (Rakhi Market) भी कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है. इसे लेकर बहनों ने जज्बा दिखाया है.

ये भी पढ़ें- भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का जानें शुभ मुहूर्त, एक क्लिक में पूरी जानकारी

गया में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए खुद से राखी बना रही हैं. राखी का निर्माण कर रही यती ने बताया कि कोरोना के कारण राखी का बाजार प्रभावित हुआ है. कई जगहों पर लॉकडाउन जैसी स्थिति है. कोरोना गाइडलाइन के कारण बाजार में भीड़ नहीं करना है. जिसके बाद हम लोगों ने ये निर्णय लिया है कि क्यों ना खुद से राखी बनाई जाए? बाजार जाने की नौबत ही ना आए.

''हम लोगों ने राखी की सामग्री जुटाई और भाइयों की कलाई पर बांधने के लिए खुद से राखी का निर्माण किया. पौराणिक काल से भाई के कलाई पर राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा को कोरोना की वजह से बंद नहीं कर सकते हैं, इसलिए खुद से राखी का निर्माण कर रहे हैं.''- यती कुमारी, स्थानीय

ये भी पढ़ें- भाइयाें की कलाई पर सजेगी गंगा, यमुना और महानदी की मिट्टी से बनी राखी

''खुद से राखी बनाकर भाई के कलाई पर बांधने का आनंद ही कुछ और है, यहां कई तरह की राखी हम लोग बना रहे हैं. कुछ राखियों पर हमने अपने भाइयों की फोटो भी लगाई है. यह राखी अलग हटकर है. इसे पर्सनलाइज राखी कहते हैं. इसके अलावा भी विभिन्न प्रकार की राखियों को बना रहे हैं.''- प्रज्ञा, स्थानीय

वहीं, बच्चियों को राखी बनाना सिखा रहीं निशा राज ने बताया कि बाजार में तो कई तरह की राखियां है, लेकिन बाजार से भी सुंदर राखी खुद से बनाने का निर्णय हम लोगों ने लिया है. इसमें मुख्य रूप से मौली और रेशम के धागे का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही विभिन्न रंगों के मोतियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जो बहने बाजार से राखी नहीं खरीद सकती हैं, उनको हम मुफ्त में भी राखी देने का काम करेंगे.


ये भी पढ़ें- भाइयाें की कलाई पर सजेगी गंगा, यमुना और महानदी की मिट्टी से बनी राखी

बता दें कि इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.

राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.

गया: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का असर पूरे देश पर पड़ा है. बाजार से लेकर लोगों की आम जिंदगी पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. राखी का बाजार (Rakhi Market) भी कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है. इसे लेकर बहनों ने जज्बा दिखाया है.

ये भी पढ़ें- भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का जानें शुभ मुहूर्त, एक क्लिक में पूरी जानकारी

गया में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए खुद से राखी बना रही हैं. राखी का निर्माण कर रही यती ने बताया कि कोरोना के कारण राखी का बाजार प्रभावित हुआ है. कई जगहों पर लॉकडाउन जैसी स्थिति है. कोरोना गाइडलाइन के कारण बाजार में भीड़ नहीं करना है. जिसके बाद हम लोगों ने ये निर्णय लिया है कि क्यों ना खुद से राखी बनाई जाए? बाजार जाने की नौबत ही ना आए.

''हम लोगों ने राखी की सामग्री जुटाई और भाइयों की कलाई पर बांधने के लिए खुद से राखी का निर्माण किया. पौराणिक काल से भाई के कलाई पर राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा को कोरोना की वजह से बंद नहीं कर सकते हैं, इसलिए खुद से राखी का निर्माण कर रहे हैं.''- यती कुमारी, स्थानीय

ये भी पढ़ें- भाइयाें की कलाई पर सजेगी गंगा, यमुना और महानदी की मिट्टी से बनी राखी

''खुद से राखी बनाकर भाई के कलाई पर बांधने का आनंद ही कुछ और है, यहां कई तरह की राखी हम लोग बना रहे हैं. कुछ राखियों पर हमने अपने भाइयों की फोटो भी लगाई है. यह राखी अलग हटकर है. इसे पर्सनलाइज राखी कहते हैं. इसके अलावा भी विभिन्न प्रकार की राखियों को बना रहे हैं.''- प्रज्ञा, स्थानीय

वहीं, बच्चियों को राखी बनाना सिखा रहीं निशा राज ने बताया कि बाजार में तो कई तरह की राखियां है, लेकिन बाजार से भी सुंदर राखी खुद से बनाने का निर्णय हम लोगों ने लिया है. इसमें मुख्य रूप से मौली और रेशम के धागे का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही विभिन्न रंगों के मोतियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जो बहने बाजार से राखी नहीं खरीद सकती हैं, उनको हम मुफ्त में भी राखी देने का काम करेंगे.


ये भी पढ़ें- भाइयाें की कलाई पर सजेगी गंगा, यमुना और महानदी की मिट्टी से बनी राखी

बता दें कि इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.

राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.