गयाः भारत सरकार की ओर से चाईनीज सेब (फल) पर प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से चीन के सेब बेचे जा रहे हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आई है कि गया के बाजारों में चीन के फुजी सेब को अमेरिकन नाम देकर बेचा जा रहा है.
चीन का फुजी सेब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. लिहाजा भारत सरकार ने इसके आयात और बिक्री पर रोक लगा रखी है. इस सेब में पेस्टिसाइड होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
अमेरिकन और ऑस्ट्रेलियन नाम से बाजार में उपलब्ध
गया के बाजारों में चायना सेब का नाम बदलकर अमेरिकन और आस्ट्रेलियन देकर धड़ल्ले से इसे बेचा जा रहा है. दुकानदार और ग्राहक सेब की पहचान नहीं कर पा रहे हैं. सेब के बारे में दोनों में जानकारी का अभाव है इसलिए इसकी बिक्री भी हो रही है.
झूठ बोलकर छोटे दुकानदारों को दिया जा रहा सेब
ईटीवी भारत का कैमरा बाजारों में घूमा तो बाजारों में सिजिनल फल आम और लीची से ज्यादा फल की दुकानों पर सेब रखी दिखी. कई दुकानदारों से फुजी सेब के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सेब बैन है इसलिए हम नहीं बेचते.
असल में सेब का स्टीकर बदलकर उसे बेचा जा रहा है. फल कारोबारी ही छोटे फुटकर दुकानदारों को झूठ बोलकर फुजी सेब बेच रहे हैं. वहीं, एक दुकानदार का कहना है कि इस सेब के बारे में बोलेंगे तो कस्टम वाले हमें पकड़ लेंगे, लेकिन इसकी बिक्री बाजार में हो रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी?
फूड सेफ्टी अधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि भारत सरकार ने फुजी सेब प्रतिबंधित कर रखा है. इससे संबंधित शिकायत अभी तक नहीं मिली है. फिर भी अगर गया के बाजारों में यह सेब बिक रही है तो इसकी तहकीकात की जाएगी.
क्यों कहते हैं फुजी सेब?
मुकेश कश्यप ने बताया कि फुजी सेब के नाम से लोग जानते हैं. लेकिन फुजी चाइना की एक कृषि तकनीक है. चीन में जब सेब की खेती की जाती है तो खेती के समय ही सेब को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए रासायनिक रक्षक प्रयोग किया जाता है. ऐसे सेब की जांच बिना लैब के संभव नहीं है. ये सेब मानव लीवर के लिए काफी खतरनाक है.
एक दुकानदार ने बताया सेब की खास बात यह है कि इसकी लाइफ 15 से 20 दिन है जो 20 दिनों तक ताजा दिखता है. इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा रहती है. साथ ही यह काफी सुंदर और प्लास्टिक के बॉल नुमा कवर से ढकी होती है.