गया: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कम करने और दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के लिए पहली बार पितृपक्ष मेले पर प्रतिबंध लगा है. विश्व में मोक्षधाम से प्रसिद्ध गया जी में पितृपक्ष में राजकीय मेला का आयोजन किया जाता था. इस वर्ष कोरोना वायरस से बचाव को लेकर राज्य सरकार ने मेला को स्थगित कर दिया है. मेला स्थगित होने के बाद जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि पितृपक्ष अवधि तक गया शहर में पिंडदानियों को एंट्री नहीं करने दिया जाएगा.
पंडा समाज जिला प्रशासन से लगाई गुहार
दरअसल पितृपक्ष के अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पिंडदान के लिए आते हैं पिंडदान कर अपने पितरों का मोक्ष की कामना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में गया आकर पिंडदान और तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सरकार ने पितृपक्ष मेला पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे गयापाल पंडा समाज काफी आहत है. वहीं गया पाल पंडा समाज जिला प्रशासन से गुहार लगा रही है. हमारी आर्थिक स्थिति को देखते हुए एक गाइडलाइंस की तहत पितृपक्ष के दौरान पिंडदान करने का इजाजत दिया जाए.
इस वर्ष स्थगित किया गया पितृपक्ष मेला
इस संबंध में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा इस वर्ष पितृपक्ष स्थगित रखा गया है इसमें गाइडलाइंस बहुत क्लियर है कि पितृपक्ष के दौरान लोग गया नहीं आये हमलोग विभिन्न माध्यम से लोगों को सूचना दे रहे है. इस वर्ष पूरे देश मे पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं किया गया है, यहां तक कि श्रवणी मेला का भी आयोजन नहीं किया गया था. ऐसे मेला में सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पाता है.
जिले में पिंडदानियों के लिए प्रवेश निषेध
वहीं जिलाधिकारी गयापाल पंडा की मांग पर कहा ये बिल्कुल स्पष्ट है कि मेला स्थगित है इस दौरान कोई भी पिंडदान नहीं करेगा. जिला प्रशासन इस दरम्यान जिला के एंट्री पॉइंट पर पिंडदानी को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा, जिसके लिए व्यवस्था बनायी जा रही है.
प्रतिबंध नहीं हटा तो करेंगे आंदोलन
वहीं गयापाल पंडा युवा समाज ने कहा है कि किसी भी हाल में लॉकडाउन के दरम्यान 31 अगस्त को विष्णुपद मंदिर का मुख्य दरवाजा खोल देंगे और गयापाल पंडा युवा समाज ने आगे कहा कि पितृपक्ष मेला का आयोजन पर प्रतिबंध नहीं हटा तो समाज के लोग आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरेंगे.