गया: गया में पुलिस कार्रवाई के पीड़ित परिवार से पप्पू यादव ने मुलाकात (Pappu Yadav Meet Victims of Police Action in Gaya) की. जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव गया के बेलागंज प्रखंड के आढ़तपुर गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना (Clash Between Police And Villagers in gaya) दी. उन्होंने इस बर्बरतापूर्ण घटना के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है.
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मालूम हो कि 15 फरवरी को आढ़तपुर गांव के समीप बालू घाट का सीमांकन करने ठेकेदार के साथ पहुंची पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. झड़प में एक तरफ कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, तो दूसरी ओर ग्रामीणों की बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई थी. साथ ही महिलाओं को और नाबालिग बच्चियों की गिरफ्तारी भी की गई थी. उनके हाथ बांधकर अपमानित किया गया था. महिलाओं और बच्चियों के हाथ बंधा वीडियो मीडिया में प्रसारित होने के बाद पूरे बिहार में हड़कंप मच गया था. पीड़ित परिवार वालों से मुलाकात कर पप्पू यादव ने ऐलान किया कि आगामी 21 फरवरी को गया बंद रहेगा.
उन्होंने ऐलान किया कि आगामी 23 मार्च को वे इसी गांव से रथयात्रा निकालेंगे और माफिया, अधिकारी व राजनेताओं के गठजोड़ के खिलाफ पूरे बिहार में घूमकर लोगों को एकजुट करने का काम करेंगे. पप्पू यादव ने इस घटना के विरोध में 7 मार्च को राजभवन मार्च करने का भी ऐलान किया है. उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच, स्थानीय डीएसपी व थानेदार को सस्पेंड करने, बालू घाट के टेंडर को रद्द करने, गिरफ्तार महिलाओं व बच्चियों को बिना शर्त रिहा करने, दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
'एमएलसी चुनाव में आरजेडी द्वारा बालू, दारू व जमीन माफिया को टिकट दिया गया है. सत्ता में रहने वाले नेता, जनप्रतिनिधि यहां तक कि विधानसभा के स्पीकर यही कहते हैं कि थाना उनकी बात नहीं सुनता. अगर उनके साथ ऐसी स्थिति है तो उन्हें शर्म आनी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दे देना चाहिए. आखिर यह कैसी सरकार है ? जब जनप्रतिनिधियों की पुलिस नहीं सुनती तो आम जनता का क्या होगा.' - पप्पू यादव, पूर्व सांसद
पप्पू यादव के साथ जन अधिकार पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव कुमार कन्हैया, गया जिलाध्यक्ष विनोद मरांडी, प्रदेश नेता गोपाल यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष भवानी सिंह सहित कई अन्य जाप नेतागण मौजूद थे. भाकपा माले का एक प्रतिनिधिमंडल भी गांव का दौरा किया और इस घटना के विरोध में आंदोलन का ऐलान किया है. साथ ही बिहार विधानसभा में भी इस घटना को लेकर जोरदार आवाज उठाने की बात कही गई है. इस प्रतिनिधिमंडल में माले विधायक महानंद सिंह, जिला सचिव निरंजन कुमार, ऐपवा की नेत्री रीता वर्णवाल सहित कई लोग शामिल हुए.
गौरतलब है कि बिहार के गया में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. पुलिस का आरोप था कि ग्रामीणों ने बालू माफिया के समर्थन में पुलिस पर पत्थरबाजी की है. तो वहीं ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने महिलाओं के हाथ बांधकर उनकी पिटाई की. लेकिन सच्चाई गया जिला के बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव के लोगों के शरीर पर बर्बर पिटाई के जख्म खुद ब खुद सारी कहानी बयां कर रही थी. महिलाओं के साथ पुलिस की बर्बरतापूर्ण व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
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नोट: इस तरह की किसी भी शिकायत के लिए आप इस नंबर्स पर संपर्क कर सकते हैं.- POLICE CONTROL ROOM 100 / 0612-2201977-78
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