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प्रतिबंधित अफीम की खेती रोकने को लेकर नारकोटिक्स विभाग ने जनप्रतिनिधियों के साथ की बैठक - प्रतिबंधित अफीम की खेती रोकने पर चर्चा

ब्यूरो के निदेशक ने कहा कि अगर इस साल बुआई से पहले सूचना नहीं दी या अवैध अफीम की खेती नहीं रोकी गई, तो सभी पंचायत प्रतिनिधियों पर केस दर्ज कराया जा सकता है.

NCB ने अधिकारियों संग की बैठक
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Published : Nov 21, 2019, 9:43 AM IST

गया: जिले के शेरघाटी अनुमंडल के बाराचट्टी प्रखंड कार्यालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक ने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्रतिबंधित अफीम की खेती रोकने पर चर्चा की. इस दौरान डीएम अभिषेक सिंह, गया डीएफओ, शेरघाटी डीएसपी रविश कुमार, शेरघाटी एसडीओ उपेंद्र पंडित मौजूद रहे.

Gaya
बैठक के दौरान मौजूद अधिकारी

सैकड़ों एकड़ में होती है अफीम की खेती
बुधवार को शेरघाटी अनुमंडल के बाराचट्टी प्रखंड कार्यालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जरिए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक त्रिलोकी नाथ सिंह ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ प्रतिबंधित अफीम की खेती रोकने पर चर्चा की. इस बैठक में डीएम अभिषेक सिंह, गया डीएफओ, शेरघाटी डीएसपी रविश कुमार, शेरघाटी एसडीओ उपेंद्र पंडित मौजूद रहे. बता दें कि बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में प्रति वर्ष सैंकड़ो एकड़ में अफीम की खेती की जाती है. प्रशासन के जरिए हर साल इसे नष्ट किया जाता है. इस वर्ष नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निर्देशक त्रिलोकी नाथ सिंह अफीम की बुआई को रोकने के लिए प्रयासरत हैं.

NCB ने अधिकारियों संग की बैठक

खेती नहीं रोकने पर दर्ज हो सकता है केस
त्रिलोकीनाथ सिंह ने कहा कि NDPS एक्ट 1985 की धारा-47 के तहत प्रत्येक ग्राम प्रधान, मुखिया,पंच, सरपंच वार्ड सदस्य की जिम्मेदारी है कि अवैध अफीम की खेती करने वालो की सूचना तुरंत प्रसासन को दें. उन्होंने कहा कि अगर इस वर्ष सूचना नहीं दी या अवैध अफीम की खेती नही रोकी गई. तो सभी पंचायत प्रतिनिधियों पर केस दर्ज कराया जा सकता है.

गया: जिले के शेरघाटी अनुमंडल के बाराचट्टी प्रखंड कार्यालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक ने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्रतिबंधित अफीम की खेती रोकने पर चर्चा की. इस दौरान डीएम अभिषेक सिंह, गया डीएफओ, शेरघाटी डीएसपी रविश कुमार, शेरघाटी एसडीओ उपेंद्र पंडित मौजूद रहे.

Gaya
बैठक के दौरान मौजूद अधिकारी

सैकड़ों एकड़ में होती है अफीम की खेती
बुधवार को शेरघाटी अनुमंडल के बाराचट्टी प्रखंड कार्यालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जरिए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक त्रिलोकी नाथ सिंह ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ प्रतिबंधित अफीम की खेती रोकने पर चर्चा की. इस बैठक में डीएम अभिषेक सिंह, गया डीएफओ, शेरघाटी डीएसपी रविश कुमार, शेरघाटी एसडीओ उपेंद्र पंडित मौजूद रहे. बता दें कि बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में प्रति वर्ष सैंकड़ो एकड़ में अफीम की खेती की जाती है. प्रशासन के जरिए हर साल इसे नष्ट किया जाता है. इस वर्ष नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निर्देशक त्रिलोकी नाथ सिंह अफीम की बुआई को रोकने के लिए प्रयासरत हैं.

NCB ने अधिकारियों संग की बैठक

खेती नहीं रोकने पर दर्ज हो सकता है केस
त्रिलोकीनाथ सिंह ने कहा कि NDPS एक्ट 1985 की धारा-47 के तहत प्रत्येक ग्राम प्रधान, मुखिया,पंच, सरपंच वार्ड सदस्य की जिम्मेदारी है कि अवैध अफीम की खेती करने वालो की सूचना तुरंत प्रसासन को दें. उन्होंने कहा कि अगर इस वर्ष सूचना नहीं दी या अवैध अफीम की खेती नही रोकी गई. तो सभी पंचायत प्रतिनिधियों पर केस दर्ज कराया जा सकता है.

Intro:Body:गया शेरघाटी अनुमंडल के बाराचट्टी प्रखंड कार्यालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक त्रिलोकी नाथ सिंह के नेतृत्व में बाराचट्टी के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई बैठक प्रतिबंधित अफीम की खेती को रोकने के लिए की गई।
बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र पहाड़ी इलाका और नक्सलियों का क्षेत्र होने के कारण प्रति वर्ष सैंकड़ो एकड़ में अफीम की खेती की जाती है।हालांकि प्रति वर्ष प्रशासन द्वारा अफीम की खेती को नष्ट किया जाता रहा है इस वर्ष नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो क्षेत्रीय निर्देशक त्रिलोकी नाथ सिंह के द्वारा पहले ही अफीम की बुआई को रोकने के लिए प्रयासरत है।हालांकि मौके पर गया जिलाधिकार अभिषेक सिंह गया डीएफओ शेरघाटी डीएसपी रविश कुमार शेरघाटी एसडीओ उपेन्द्र पंडित मौके पर मौजूद रहे।त्रिलोकीनाथ सिंह ने कहा कि NDPS एक्ट 1985 की धारा-47 के तहत प्रतेयक ग्राम प्रधान ,मुखिया,पंच , सरपंच वार्ड सदस्य की जिम्मेवारी है कि अवैध अफीम की खेती करने वालो की सूचना तुरन्त प्रसासन को दे अगर इस वर्ष सूचना नही दी या अबैध अफीम की खेती नही रोकी गई तो सभी पंचायत प्रतिनिधियों पर केश दर्ज कराया जा सकता है।Conclusion:
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