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जीतन राम मांझी ने टीचर्स डे की दी बधाई, कहा- शिक्षकों की मांगों का करते हैं पुरजोर समर्थन

जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रदेश में आज हजारों शिक्षकों का पेट खाली है. परिवार भूखा है. विवश होकर नियोजित शिक्षक राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसकी मांगों का हम पुरजोर समर्थन करते हैं.

गया
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Published : Sep 5, 2019, 6:51 PM IST

गया: शिक्षक दिवस के मौके पर पूरे प्रदेश में नियोजित शिक्षकों का मामला गरमाया हुआ है. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षक दिवस की बधाई दी. इसके साथ सरकार से शिक्षकों की मांग को पूरा करने की मांग की.

जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रदेश में आज हजारों शिक्षकों का पेट खाली है. परिवार भुखा है. सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए विवश होकर शिक्षक दिवस के मौके पर नियोजित शिक्षक राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षकों के साथ ज्यादती हो रही है.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का बयान

मांझी ने किया पुरजोर समर्थन
इसके साथ जीतन राम मांझी ने कहा कि सभी नियोजित शिक्षक प्रदेश के गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं. अमीर के बच्चे तो प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं. इसलिए सरकार को शिक्षकों की मांग मान लेनी चाहिए. इससे शिक्षक बच्चों को मनोयोग से पढ़ाएंगे. इनकी मांगों का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं.

गया
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते जीतन राम मांझी

शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
बता दें कि टीचर्स डे के मौके पर बिहार में सरकार और शिक्षक आमने-सामने हैं. प्रशासन की बंदिशों के बावजूद, लाखों नियोजित शिक्षक 'समान काम, समान वेतन' की मांग को लेकर गर्दनीबाग प्रदर्शन करने पहुंते थे. शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

गया: शिक्षक दिवस के मौके पर पूरे प्रदेश में नियोजित शिक्षकों का मामला गरमाया हुआ है. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षक दिवस की बधाई दी. इसके साथ सरकार से शिक्षकों की मांग को पूरा करने की मांग की.

जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रदेश में आज हजारों शिक्षकों का पेट खाली है. परिवार भुखा है. सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए विवश होकर शिक्षक दिवस के मौके पर नियोजित शिक्षक राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षकों के साथ ज्यादती हो रही है.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का बयान

मांझी ने किया पुरजोर समर्थन
इसके साथ जीतन राम मांझी ने कहा कि सभी नियोजित शिक्षक प्रदेश के गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं. अमीर के बच्चे तो प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं. इसलिए सरकार को शिक्षकों की मांग मान लेनी चाहिए. इससे शिक्षक बच्चों को मनोयोग से पढ़ाएंगे. इनकी मांगों का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं.

गया
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते जीतन राम मांझी

शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
बता दें कि टीचर्स डे के मौके पर बिहार में सरकार और शिक्षक आमने-सामने हैं. प्रशासन की बंदिशों के बावजूद, लाखों नियोजित शिक्षक 'समान काम, समान वेतन' की मांग को लेकर गर्दनीबाग प्रदर्शन करने पहुंते थे. शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:शिक्षक दिवस पर शिक्षकों द्वारा पूर्व से घोषित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत बिहार के नियोजित शिक्षकों पटना में जोर शोर से प्रदर्शन किया। शिक्षकों इस प्रदर्शन का पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समर्थन किया है। कहा- सरकार गरीबो के बारे में सोचती हैं तो नियोजित शिक्षकों की मांग पूरा करे।


Body:जीतनराम मांझी गया शहर के गोदावरी सरोवर स्थित अपने निजी आवास पर प्रेस कांफ्रेंस में शिक्षकों के मांग का और शिक्षकों के प्रदर्शन का समर्थन किया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा प्रदर्शन कर रहे छात्र गरीब है गरीबी से विवश होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।बिहार सरकार से मांग करते हैं शिक्षकों की सात सूत्री मांग में समान काम समान वेतन मांग को मान ले। सरकारी शिक्षक गरीबो बच्चों को पढ़ाते हैं। इनकी मांग पूरा नही होगा तो ये गरीब के बच्चों को ठीक से नही पढ़ाएंगे। इसलिए इनके मांग को पूरा किया जाए।अगर इनकी मांग को सरकार नही मानती है तो हम मानेंगे ये सरकार अमीरों की सरकार हैं।

शिक्षकों का सात सूत्री मांग को सरकार से एक बार में नही होता तो फेज दर फेज किया जाए।


Conclusion:
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