गया : बीपीएससी पेपर लीक कांड (BPSC Paper Leak Case) में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने शुक्रवार को एक शक्ति कुमार को गिरफ्तार किया है. शक्ति कुमार जेडीयू का नेता (JDU Leader Shakti Kumar Arrested) है. इससे पहले वह उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का प्रदेश संगठन सचिव रह चुका था. हालांकि जब रालोसपा का जेडीयू में विलय हुआ तो शक्ति कुमार भी जेडीयू ज्वाइन कर लिया.
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कई नेताओं के साथ शक्ति कुमार की तस्वीर : शक्ति कुमार की कई तस्वीरें सामने आयी हैं जिनमें वह जेडीयू के दिग्गज नेता उपेन्द्र कुशवाहा, अशोक चौधरी के साथ नजर आ रहा है. अब ऐसे में इसको लेकर निश्चित रूप से विपक्ष हमलावर होने वाला है. बता दें कि शक्ति सिंह बेल्हा के राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी है. उसने कबूल किया है कि बीपीएससी का C सेट का प्रश्न पत्र उसने अपने मोबाइल से स्कैन किया और आगे फॉरवर्ड किया था. उसने डॉक स्कैनर मोबाइल ऐप के जरिए बीपीएससी प्रश्न पत्र को स्कैन कर कपिल देव नाम के व्यक्ति को व्हाट्सएप पर भेजा था.
2010 में खोला गया था कॉलेज : आर्थिक अपराध इकाई से मिली जानकारी के अनुसार शक्ति कुमार ने बताया कि वर्ष 2010 में गया जिला में किराए का भवन लेकर राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज नाम से प्राइवेट कॉलेज खोला था. इस कॉलेज का प्रिंसिपल वह खुद है. वर्ष 2011 में कॉलेज को एफिलिएशन मिला था. इस कॉलेज की मान्यता साल 2018 में समाप्त हो चुकी है. बीते 4 वर्षों से इस कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किया जाता रहा है. इसी क्रम में बीते 8 मई को कॉलेज में बीपीएसपी की परीक्षा भी आयोजित की गयी थी.
कॉलेज में छापेमारी, दस्तावेज जब्त : आर्थिक अपराध इकाई के विशेष अनुसंधान दल ने राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज में छापेमारी कर गहनता से तलाशी ली. इस दौरान टीम के हाथ कई दस्तावेज और उपकरण लगे हैं. जिसे आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है. इस मामले में लगातार अनुसंधान किया जा रहा है. साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है. इसी क्रम में आरोपी शक्ति कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. जिसे मामले की पूछताछ की जा रही है.
यह है पूरा मामला : बता दें कि बीपीएससी 67वीं पीटी की परीक्षा के प्रश्नपत्र आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुए थे और उसके बाद इस पूरे मामले के कारण पूरे बिहार की किरकिरी एक बार फिर से पूरे देश में हुई थी. हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे. अबतक इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बीपीएससी के 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज किया गया था. इसमें धारा 420, 467, 468, 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है.