गया: मोक्ष की नगरी गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं. पितृपक्ष के 11वें दिन अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने जर्मनी के दंपत्ति गया पहुंचे, और पिंडदान किया. जर्मनी से आई महिला तीर्थयात्री अंजली मेहता ने विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में अपने पितरों के लिए पिंडदान किया.
'पितरों की आत्मा को मुक्ति गया में ही संभव'
इस दौरान अंजली मेहता ने कहा कि वह वैदिक धर्म से बहुत प्रभावित हुई है. इसी वजह से वह परेशानियों और प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए पिंडदान करने गया आई है. उनका मानना है कि पितरों की आत्मा की मुक्ति गया में ही संभव है. ऐसी मान्यता है कि गया भगवान विष्णु की नगरी है. विष्णु पुराण के अनुसार यहां पूर्ण श्रद्धा से पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिलता है.
'मां जर्मन की और पिता भारत के'
अंजली मेहता ने बताया कि उनकी मां जर्मनी की और पिता भारत के मूल निवासी हैं. उन्होंने खुद को आधी जर्मन और आधी हिन्दुस्तानी बताया. उन्होंने कहा कि यहां आकर पिंडदान करने के बाद उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है. उन्होंने यहां की सफाई व्यवस्था की भी काफी तारीफ की.