ETV Bharat / city

पाकिस्तान आपदा और रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों के लिए गया पितृपक्ष मेले में किया पिंडदान - रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का पिंडदान

गया में पितृपक्ष मेला चल रहा है (Pitru Paksha Mela in Gaya). सोमवार को पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ से मारे गए लोगाें के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी व अन्य आपदा से मरे लोगों के मोक्ष के लिए सामूहिक पिंडदान कर्मकांड किया गया. विष्णुपद स्थित देवघाट में पिंडदान कर्मकांड पूरा किया गया

सामूहिक पिंडदान.
सामूहिक पिंडदान.
author img

By

Published : Sep 19, 2022, 10:46 PM IST

गया: गया में सोमवार को पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ से मारे गए लोगाें के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी व अन्य आपदा से मरे लोगों के मोक्ष के लिए सामूहिक तर्पण-श्राद्ध व पिंडदान किया गया (Pind Daan killed in Pakistan disaster). विष्णुपद स्थित देवघाट में सामूूहिक पिंडदान कर्मकांड पूरा किया गया. यह सामूहिक पिंडदान सुरेश नारायण मेमोरियल ट्रस्ट के द्वारा किया गया. सुरेश नारायण के निधन के बाद अब उनके पुत्र सह जदयू नेता चंदन सिंह के द्वारा किया जाता है.

इसे भी पढ़ेंः पितृपक्ष के दूसरे दिन अकाल मृत्यु से मरने वाले पूर्वजों को प्रेतशिला में सत्तू का पिंडदान, जानें रहस्य


आत्मा की शांति के लिए की गई कामनाः रूस-यूक्रेन युद्ध व आतंकी हमले में मारे गये लोगों के लिए पिंडदान विष्णुपद देवघाट पर कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, आतंकी हमले में मृत लोगों के लिए पिंडदान किया गया. इसके अलावा रोहतास जिला के रहने वाले सीआरपीएफ जवान कश्मीर के आतंकी हमले में मुंगेर के शहीद सीआरपीएफ जवान, बक्सर के रहने वाले सीआरपीएफ जवान, आकाशीय बिजली से मरे लोग, पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ से मारे गए लोग, रूस-यूक्रेन में युद्ध में मारे गए हजारों लोग एवं कानपुर में हुई सड़क दुर्घटना में मृत्यु के लोगों की आत्मा की शांति के लिए कामना की गई.

22 वर्षों से चल रहा है इस तरह का पिंडदानः वर्ष 2001 से इस तरह का सामूहिक पिंडदान किया जा रहा है. पहले बाबू सुरेश नारायण के द्वारा यह कर्मकांड किया जाता था. किंतु उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र चंदन कुमार के द्वारा कराया जा रहा है. वर्ष 2001 से ही यह सामूहिक पिंडदान किया जाता रहा है. सामूहिक पिंडदान का कर्मकांड स्वामी जगतगुरु वेंकटेश प्रपन्नाचार्य एवं अन्य आचार्य के द्वारा संपन्न कराया गया. इस दौरान चंदन सिंह ने कहा कि 22 सालों से पिंडदान किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ेंः मसौढ़ी के पुनपुन नदी के तट पर पिंडदान का खासा महत्व, सबसे पहले भगवान श्रीराम ने यहीं किया था तर्पण

पहले हमारे पिता यह करते थे अब उनके द्वारा छोड़े गए इस कार्य को मेरे द्वारा किया जाता है. इसमें जिनका कोई नहीं होता उनके लिए भी पिंड दान किया जाता है. इसके अलावे सोमवार को जो पिंडदान किया गया है, उसमें कोरोना से मरे लोगों के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए हजारों लोग एवं सैनिकों के लिए इसके अलावा अन्य आपदा में मृत लोगों के लिए पिंडदान किया गया है. देश के शहीद सैनिकों के लिए भी पिंडदान किया गया.


गया: गया में सोमवार को पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ से मारे गए लोगाें के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी व अन्य आपदा से मरे लोगों के मोक्ष के लिए सामूहिक तर्पण-श्राद्ध व पिंडदान किया गया (Pind Daan killed in Pakistan disaster). विष्णुपद स्थित देवघाट में सामूूहिक पिंडदान कर्मकांड पूरा किया गया. यह सामूहिक पिंडदान सुरेश नारायण मेमोरियल ट्रस्ट के द्वारा किया गया. सुरेश नारायण के निधन के बाद अब उनके पुत्र सह जदयू नेता चंदन सिंह के द्वारा किया जाता है.

इसे भी पढ़ेंः पितृपक्ष के दूसरे दिन अकाल मृत्यु से मरने वाले पूर्वजों को प्रेतशिला में सत्तू का पिंडदान, जानें रहस्य


आत्मा की शांति के लिए की गई कामनाः रूस-यूक्रेन युद्ध व आतंकी हमले में मारे गये लोगों के लिए पिंडदान विष्णुपद देवघाट पर कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, आतंकी हमले में मृत लोगों के लिए पिंडदान किया गया. इसके अलावा रोहतास जिला के रहने वाले सीआरपीएफ जवान कश्मीर के आतंकी हमले में मुंगेर के शहीद सीआरपीएफ जवान, बक्सर के रहने वाले सीआरपीएफ जवान, आकाशीय बिजली से मरे लोग, पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ से मारे गए लोग, रूस-यूक्रेन में युद्ध में मारे गए हजारों लोग एवं कानपुर में हुई सड़क दुर्घटना में मृत्यु के लोगों की आत्मा की शांति के लिए कामना की गई.

22 वर्षों से चल रहा है इस तरह का पिंडदानः वर्ष 2001 से इस तरह का सामूहिक पिंडदान किया जा रहा है. पहले बाबू सुरेश नारायण के द्वारा यह कर्मकांड किया जाता था. किंतु उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र चंदन कुमार के द्वारा कराया जा रहा है. वर्ष 2001 से ही यह सामूहिक पिंडदान किया जाता रहा है. सामूहिक पिंडदान का कर्मकांड स्वामी जगतगुरु वेंकटेश प्रपन्नाचार्य एवं अन्य आचार्य के द्वारा संपन्न कराया गया. इस दौरान चंदन सिंह ने कहा कि 22 सालों से पिंडदान किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ेंः मसौढ़ी के पुनपुन नदी के तट पर पिंडदान का खासा महत्व, सबसे पहले भगवान श्रीराम ने यहीं किया था तर्पण

पहले हमारे पिता यह करते थे अब उनके द्वारा छोड़े गए इस कार्य को मेरे द्वारा किया जाता है. इसमें जिनका कोई नहीं होता उनके लिए भी पिंड दान किया जाता है. इसके अलावे सोमवार को जो पिंडदान किया गया है, उसमें कोरोना से मरे लोगों के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए हजारों लोग एवं सैनिकों के लिए इसके अलावा अन्य आपदा में मृत लोगों के लिए पिंडदान किया गया है. देश के शहीद सैनिकों के लिए भी पिंडदान किया गया.


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.