ETV Bharat / city

कल से बौद्ध महोत्सव शुरू, 9 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

ज्ञानयात्रा बोधगया के ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तराई से पैदल चल कर बकरौर सुजाता गढ़ होते हुए महाबोधि मंदिर जाएगी. लोगों का मानना है कि सिद्धार्थ गौतम ने भी इसी मार्ग को चुना था और बोधगया के मुहाने, नदी के तट पर पीपल के पेड़ के नीचे उन्हें ज्ञान की प्रप्ति हुई थी.

Buddha mahotsav 2020
Buddha mahotsav 2020
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 8:40 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 9:19 AM IST

गया: बोधगया के कालचक्र मैदान में 29 जनवरी से 31 जनवरी तक बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इसकी शुरुआत मंगलवार की सुबह बुद्ध की तपोस्थली ढूंगेश्वरी पहाड़ी से ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर तक की ज्ञानयात्रा के साथ होगी.

ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तलहट्टी से होगा ज्ञानयात्रा का शुभारंभ
इस पदयात्रा में हजारों की संख्या में बौद्ध भिक्षु, श्रद्धालु, प्रशासनिक पदाधिकारी और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग शामिल होंगे. ज्ञानयात्रा का शुभारंभ ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तलहट्टी से होगा. इसके बाद शाम को कालचक्र मैदान में ग्रामश्री मेले का उद्घाटन मगध के आयुक्त असंगबा चुबा आओ करेंगे. बुधवार की शाम सीएम नीतीश कुमार कालचक्र मैदान में बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन करेंगे.

इसे भी पढ़ें- STET Exam 2020: आज 2 पालियों में आयोजित होगी परीक्षा, ड्रेस कोड में चप्पल को मिली जगह!

हेमा मालिनी होंगी शामिल
बता दें कि बौद्ध महोत्सव में 9 देशों के कलाकार शामिल होंगे. इसमें भारतीय सिनेमा की मशहूर कलाकार हेमा मालिनी भी हिस्सा लेंगी. इसके अलावा देश-विदेश के कलाकार भी शामिल होंगे, जो एक से बढ़कर एक कला का प्रदर्शन करेंगे. उद्धघाटन के बाद 29 और 30 जनवरी को रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

ज्ञान यात्रा से कार्यक्रम की शुरुआत
बता दें कि ज्ञानयात्रा बोधगया के ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तराई से पैदल चल कर बकरौर सुजाता गढ़ होते हुए महाबोधि मंदिर जाएगी. लोगों का मानना है कि सिद्धार्थ गौतम ने भी इसी मार्ग को चुना था और बोधगया के मुहाने, नदी के तट पर पीपल के पेड़ के नीचे उन्हें ज्ञान की प्रप्ति हुई थी.

गया: बोधगया के कालचक्र मैदान में 29 जनवरी से 31 जनवरी तक बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इसकी शुरुआत मंगलवार की सुबह बुद्ध की तपोस्थली ढूंगेश्वरी पहाड़ी से ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर तक की ज्ञानयात्रा के साथ होगी.

ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तलहट्टी से होगा ज्ञानयात्रा का शुभारंभ
इस पदयात्रा में हजारों की संख्या में बौद्ध भिक्षु, श्रद्धालु, प्रशासनिक पदाधिकारी और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग शामिल होंगे. ज्ञानयात्रा का शुभारंभ ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तलहट्टी से होगा. इसके बाद शाम को कालचक्र मैदान में ग्रामश्री मेले का उद्घाटन मगध के आयुक्त असंगबा चुबा आओ करेंगे. बुधवार की शाम सीएम नीतीश कुमार कालचक्र मैदान में बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन करेंगे.

इसे भी पढ़ें- STET Exam 2020: आज 2 पालियों में आयोजित होगी परीक्षा, ड्रेस कोड में चप्पल को मिली जगह!

हेमा मालिनी होंगी शामिल
बता दें कि बौद्ध महोत्सव में 9 देशों के कलाकार शामिल होंगे. इसमें भारतीय सिनेमा की मशहूर कलाकार हेमा मालिनी भी हिस्सा लेंगी. इसके अलावा देश-विदेश के कलाकार भी शामिल होंगे, जो एक से बढ़कर एक कला का प्रदर्शन करेंगे. उद्धघाटन के बाद 29 और 30 जनवरी को रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

ज्ञान यात्रा से कार्यक्रम की शुरुआत
बता दें कि ज्ञानयात्रा बोधगया के ढूंगेश्वरी पहाड़ी की तराई से पैदल चल कर बकरौर सुजाता गढ़ होते हुए महाबोधि मंदिर जाएगी. लोगों का मानना है कि सिद्धार्थ गौतम ने भी इसी मार्ग को चुना था और बोधगया के मुहाने, नदी के तट पर पीपल के पेड़ के नीचे उन्हें ज्ञान की प्रप्ति हुई थी.

Intro:गया बोधगया कालचक्र मैदान को जायज लेने पहुचे गया के वरिये पुलिस अधिकारी राजीव मिश्रा व जिला अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह Body:गया बोधगया के कालचक्र मैदान में 29 जनवरी से 31 जनवरी 2020 तक तिन दिनों तक चलने वाली बौद्ध महोसत्व की तैयारी का जायजा लेने गया के वरीय पुलिस अधिकारि राजीव मिश्रा जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह कालचक्र मैदान पहुचे जहा कालचक्र मैदान व बीटीएमसी के आप पास के जगहों को का मुयना किया।
कालचक्र मैदान में जोरो शोरो के साथ तैयारियां सुरु कर दी गई है।
आपको बता दें कि बौद्ध महोत्सव में 9 देशो के कलाकार शिरकत करेंगे।
नामित कलाकार भारतीये सिनेमा के प्रख्यात कलाकार श्रीमती हेमा मालिनी भी कार्यक्रम में भाग लेगे।
इसके अलावे देश विदेश के कलाकार भी शामिल होंगे।जो एक से बढ़ कर एक कला का प्रदर्शन किया जाएगा।
बौद्ध महोत्सव की उद्धघाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा 29 जनवरी यानी बौद्ध महोसत्व की प्रथम दिन किया जाएगा। उसके बाद 29व 30 जनवरी को रंगा रंग कार्यक्रम किया जाएगा।
जिसकी सुरुआत 28 जनवरी यानी कि कल बोधगया के दुगेश्वरी पहाड़ी तराई से पैदल चल कर ज्ञान यात्रा बोधगया के बकरौर सुजाता गढ़ होते हुए बोधगया जाएगे।लोगों का मानना है कि सिद्धार्थ ने भी इसी मार्ग को चुना था और बोधगया के मुहाने नदी के तट पर पिपल पेड़ के नीचे ज्ञान की प्रप्ति हुई थी।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित होने वाली तिन दिवसिये बौद्ध महोसत्व का जायजा लेने पहुचे गया के वरिये अधिकारी।
बौद्ध महोसत्व की उद्धघाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेगे।
Last Updated : Jan 28, 2020, 9:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.