गया: जिले के एनएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की गुंडागर्दी सामने आई है. जहां जूनियर डॉक्टरों ने बच्चा चोरी की खबर कवर करने गए टीवी पत्रकार की लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई कर दी. इस हमले में प्रसूता उनके परिजनों समेत पत्रकार को गंभीर चोटें आईं हैं.
बताया जा रहा है कि घटना अस्पताल के उपाधीक्षक के सामने घटी, लेकिन वो भी तमाशबीन बने रहे. घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, इस घटना से पीड़ित परिजनों और जिले के पत्रकारो में काफी रोष है. घायल पत्रकार और परिजनों को इलाज के लिए जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं. स्थानीय पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है.
एनएमसीएच से बच्चा चोरी
गुरुआ थाने के पुनौल गांव के रहने वाले सुरेंद्र चौधरी ने पत्नी सोनी कुमारी को मगध मेडिकल अस्पताल के गायनी वार्ड में 9 अक्टूबर की रात भर्ती कराया गया था. रात करीब 2:00 बजे बच्चे ने जन्म लिया. अगले दिन 10 अक्टूबर को लगभग 11:30 बजे एक महिला अस्पताल के कर्मचारी के रुप में पहुंची और बच्चे को टीकाकरण कराने के नाम पर ले गई. पीछे से परिजन भी पुहंच गए. लेकिन महिला परिजनों को चकमा देकर नवजात को लेकर फरार हो गई.
खबर कवरे करने पहुंचा था पत्रकार
एनएमसीएच से बच्चा चोरी की जानकारी पर निजी टीवी चैनल के पत्रकार एलेन लिली भी अस्पताल पहुंच गए. वह खबर कवर करने लगे. इस बीच न्यूज कवर कर रहे टीवी पत्रकार पर जूनियर डॉक्टर भड़क उठे. उसके बाद दर्जनों की जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में ही पत्रकार से हाथापाई शुरू कर दी. जब इतने से भी उनका मन नहीं भरा तो गुंडई पर उतारू डॉक्टरों ने पत्रकार समेत पीड़ित परिजनों पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया. जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए. परिजनों ने बताया कि घटना के वक्त अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल भी मौजूद थे, लेकिन वह तमाशबीन बन डॉक्टरों की गुंडई का नजारा देखते रहे. घायल पत्रकार और परिजनों को इलाज के लिए जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॉक्टरों ने डॉक्टरों ने परिजन के हाथ और पसली टूटने की बात कही है. वहीं, पत्रकार के सिर, छाती और मुंह में गंभीर चोटें आई हैं.
तमाशबीन बन गुंडई का नजारा देखते रहे अस्पताल उपाधीक्षक
प्रसूता के परिजनों ने बताया कि घटना के वक्त अस्पताल के उपाधीक्षक पीके अग्रवाल भी मौजूद रहे. लेकिन वह तमाशबीन बने डॉक्टरों की गुंडई का नजारा देखते रहे. बता दें कि इससे पहले भी जूनियर डॉक्टरों के जरिए पत्रकारों, मरीजों और उनके परिजनों के अलावा नेताओं की पिटाई के मामले सामने आए हैं. बीते दिनों डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज कैंपस में पुलिस की जीप को आग के हवाले कर दिया था. इन सभी मामलों में डॉक्टरों के ऊपर दर्जनों से ज्यादा मामले दर्ज हैं. लेकिन सरकार और जिला प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण जूनियर डॉक्टरों की गुंडई थमने का नाम नहीं ले रही है.
डॉक्टरों पर केस दर्ज
पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मिलकर सारे घटनाक्रम से अवगत कराया है. पुलिस ने पत्रकार, प्रसूता और परिजनो से मारपीट के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. डीएम अभिषेक सिंह ने बताया ये निंदनीय घटना है. इस संबंध में एसएसपी से बात हुई है. आपकी प्राथमिकी और सीसीटीव फुटेज के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.