गया: जिले में एक शख्स ने चांद पर जमीन खरीदी है. बोधगया के बतसपुर गांव के रहने वाले नीरज गिरि बिहार के पहले शख्स हैं, जिन्होंने चांद पर एक एकड़ जमीन खरीदी है. चांद पर जमीन लेने के पीछे सपनों की कहानी है.
सपनों को हकीकत में बदला
रियल एस्टेट का काम करने वाले नीरज ने अपने बचपन के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए ही चांद पर जमीन खरीदी है. देश में हर शख्स बचपन से ही चांद से जुड़ जाता है. चांद बचपन में मां की लोरी में, जवानी में ख्वाहिश और बुढ़ापे में यादों की रवानी में शामिल रहता है.
जिंदगी के हर पल से जुड़ा चांद
अपने देश में चांद हमारी जिदंगी के हर पल से मानों जुड़ा ही रहता है. इसलिए उसे नजदीक से देखने की और उसपर बसने की ख्वाहिश भी प्रबल होगी. इसी ख्वाहिश को नीरज ने हकीकत में बदलने की कोशिश की है.
4 जुलाई 2020 को मिली 'सपनों की झील'
नीरज बताते हैं कि उन्होंने अपने जन्मदिन पर 29 अक्टूबर 2019 को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था. इसके बाद बीते 4 जुलाई 2020 को ई-मेल के जरिए उन्हें जानकारी दी गई कि चांद पर 'सपनों की झील' कहे जाने वाले जगह पर उन्हें एक एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया गया है.
एक साल का लगा वक्त
नीरज ने बताया कि बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं चांद पर जाऊं, उसे देखूं. उसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए मैंने चांद पर एक एकड़ जमीन ली है. चांद पर जमीन लेना बहुत कठिन है. इसमें कई कागजात मांगे जाते हैं. चांद पर जमीन लेने में मुझे लगभग एक साल का वक्त लग गया. मुझे हाल ही में लूनर रिपब्लिक सिटिजनशिप भी मिली है. इसका प्रमाण पत्र लूनर सोसायटी की ओर से जारी किया गया है.
जयप्रकाश आंदोलन के सेनानी हैं पिता
नीरज के पिता कृष्णनंदन गिरी जयप्रकाश आंदोलन के सेनानी रह चुके हैं. उनका बचपन बोधगया में बीता है. उनकी पढ़ाई रांची में हुई है. अब तक चांद पर जमीन खरीदने वालों में देश के कारोबारी, फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत भी शामिल हैं.
देश के चौथे और बिहार के पहले शख्स नीरज
नीरज चांद पर जमीन खरीदने वाले देश के चौथे और बिहार के पहले शख्स है. हालांकि सुशांत सिंह राजपूत बिहार के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने चांद पर जमीन खरीदने के लिए अपना बिहार पटना का पता ना देकर मुंबई का पता दिया था. इस तरह नीरज गिरी बिहार के पहले शख्स बने हैं जिन्होंने चांद पर जमीन खरीदी है.