दरभंगा: बिहार का लालकिला कहे जाने वाले और दिल्ली के लालकिले से भी 9 फीट ऊंचे ऐतिहासिक दरभंगा राजकिला (Darbhanga Raj Fort) पर 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शान से तिरंगा फहराया। दरभंगा राज के आखिरी महाराजा सर कामेश्वर सिंह (Maharaja Sir Kameshwar Singh) के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह (Kumar Kapileshwar Singh) ने ध्वजारोहण किया. उन्होंने मिथिला के लोगों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और दरभंगा व राजनगर की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की घोषणा की.
कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि वे दरभंगा और मिथिला के लोगों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हैं. उनके दादा महाराजा सर कामेश्वर सिंह इस राजकिले पर ध्वजारोहण करते थे. उनकी मृत्यु के बाद ये परंपरा खत्म हो गई थी जिसे उन्होंने दो साल पहले दोबारा शुरू की. उन्होंने कहा कि दरभंगा एक ऐतिहासिक और बेहद खूबसूरत शहर रहा है. इसकी ऐतिहासिक धरोहरें अब नष्ट हो रही हैं.
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उन्होंने कहा कि उन ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की जरुरत है. कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि उन्होंने राजनगर के ऐतिहासिक मंदिरों और दरभंगा राजकिला समेत सभी धरोहरों को संरक्षित कर उन्हें पर्यटन स्थल बनाने की कोशिश शुरू की है. उन्होंने कहा कि इससे मिथिला के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
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बता दें कि दरभंगा राजकिला की ऊंचाई 84 फीट है. यह 85 एकड़ जमीन पर फैला है. इसका निर्माण 1940 के दशक में शुरू हुआ था. इस किले की वास्तुकारी पर फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे की झलक मिलती है. यह मुगल, ब्रिटिश और भारतीय वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. किले की दीवारों का निर्माण लाल ईंटों से हुआ है. इसकी दीवार एक किलोमीटर लंबी है. किले के मुख्य द्वार, जिसे सिंहद्वार कहा जाता है पर वास्तुकला से दुर्लभ दृश्य उकेरे गए हैं.
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