दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि ( LNMU ) के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह और रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद को बर्खास्त करने की मांग को लेकर आइसा, एआइएसएफ और छात्र जन अधिकार परिषद के मिथिलांचल बंद ( Student Union Mithilanchal Band ) का दरभंगा में असर दिख रहा है. छात्रों ने दरभंगा रेलवे स्टेशन पर दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट एक्सप्रेस को करीब आधे घंटे तक रोके रखा. छात्रों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया और वहां प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने बिहार सरकार और राजभवन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की.
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आइसा ( AISA ) के जिला सचिव मयंक कुमार यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और राज्यपाल राज्य की उच्च शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बिहार में जितने विश्वविद्यालय हैं, सभी को लूट का अड्डा बना दिया गया है. भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है और मिथिला विवि के वीसी को बेस्ट वीसी का अवार्ड दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रो. एसपी सिंह जितने भी विवि के प्रभारी कुलपति थे, उनमें इनके नाम भ्रष्टाचार का पुलिंदा खुल रहा है. अकेले ललित नारायण मिथिला विवि 20-25 करोड़ की लूट उजागर हुई है. उन्होंने कहा कि मिथिला विवि के वीसी और रजिस्ट्रार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर मिथिलांचल बंद का आह्वान किया गया है.
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वहीं, एआइएसएफ ( AISF ) के जिला सचिव शरद कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा को बर्बाद और बदनाम करने के खिलाफ छात्रों ने संपूर्ण मिथिलांचल को बंद करने का आह्वान किया है. इसी क्रम में उन्होंने बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को रोका है. उन्होंने कहा कि आगे वे सड़क पर उतरेंगे और दरभंगा के शैक्षिक संस्थानों को बंद कराते हुए मिथिला विवि को बंद कराएंगे. यह संकेत देंगे कि बिहार की उच्च शिक्षा को बर्बाद करने की साजिश केंद्र और राज्य सरकार करेगी, राज्यपाल करेंगे तो आगे वे पूरे बिहार को बंद कराएंगे.
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बता दें कि मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विवि, पटना का प्रभारी कुलपति रहने के दौरान प्रो. एसपी सिंह पर कॉपी खरीद और टेंडर में लाखों के गबन के आरोप लगे हैं. इसको लेकर वर्तमान कुलपति मो. कुद्दूस ने राजभवन और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से प्रो. एसपी सिंह के मामलों की जांच करने की सिफारिश की थी. वहीं, मिथिला विवि के रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद पर भी गबन के कई आरोप में एफआइआर दर्ज की गई थी. इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से छात्र संगठन आक्रोशित हैं.
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