दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में चौथे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल (Madhubani Literature Festival) में माता सीता पर लगाई गई 'वैदेही सीता बियॉन्ड द बॉडी' मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी (Exhibition of Mithila Paintings) दर्शकों को काफी आकर्षित कर रही है. यह अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी दरबार हॉल में लगाई गई है. इसे भारत के अलग-अलग राज्यों के अलावा दुनिया के 6 देशों- अमेरिका, कनाडा, मलेशिया, नेपाल और सिंगापुर के कलाकारों की बनाई डेढ़ सौ पेंटिंग्स सजाई गई हैं.
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इस प्रदर्शनी को देख कर दर्शक भाव विभोर हो रहे हैं. स्थानीय अमलेंदु शेखर पाठक ने कहा कि इस प्रदर्शनी को देखकर वे अभिभूत हैं. उन्होंने कहा कि संभवतः यह माता सीता पर विश्व की पहली पेंटिंग प्रदर्शनी है. इसमें उनके सभी रूपों को एक साथ दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें माता सीता के प्राकट्य से लेकर राम की प्रेयशी, उनकी पत्नी और अयोध्या की रानी के अलावा भगवती सीता के कई रूप दिखते हैं.
उन्होंने कहा कि इसे देखकर माता सीता के पूरे जीवन को समझा जा सकता है. वहीं, प्रदर्शनी की आयोजक मिथिला पेंटिंग की प्रसिद्ध कलाकार और मधुबनी आर्ट सेंटर, नई दिल्ली की संस्थापक मनीषा झा ने कहा कि उन्होंने मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल की फाउंडर प्रेसिडेंट सविता झा खान के साथ मिलकर 'वैदेही सीता बियॉन्ड द बॉडी' मिथिला पेंटिंग की प्रतियोगिता आयोजित की थी.
इसमें भारत के अलावा दुनिया के 6 देशों से डेढ़ सौ पेंटिंग्स की एंट्री आई है. इसके हर चित्र में सीता का अलग रूप दिखेगा. माता और अयोध्या की रानी के अलावा एक स्त्री के सभी रूपों को इसमें समाहित किया गया है. उन्होंने कहा कि माता सीता के बारे में ये दुनिया का सबसे बड़ा डॉक्यूमेंटेशन है. उसी प्रतियोगिता के चित्रों की ये प्रदर्शनी है. उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में जज के रूप में दुनिया कई मशहूर चित्रकार शामिल हैं. इसके विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा.
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