ETV Bharat / city

LNMU के 49वें स्थापना दिवस समारोह का राज्यपाल ने ऑनलाइन किया उद्घाटन

author img

By

Published : Aug 5, 2021, 10:45 PM IST

दरभंगा के एलएनएमयू (LNMU) ने 5 अगस्त 2021 को अपनी स्थापना के 49 वर्ष पूरे कर 50वें वर्ष में प्रवेश किया. इस मौके पर आयोजित समारोह का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल सह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति फागू चौहान और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने ऑनलाइन माध्यम से संयुक्त रूप से किया.

lnmu news
lnmu news

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) गुरुवार को 50वें साल में प्रवेश कर गया. इसी दिन 1972 में बिहार विवि, मुजफ्फरपुर से अलग होकर यह अस्तित्व में आया था. इस अवसर पर विश्वविद्यालय में स्वर्ण जयंती (Golden Jubilee) वर्ष समारोह की शुरुआत हुई.

यह भी पढ़ें- Darbhanga News: LNMU प्रशासन ने शुरू किया ऐतिहासिक तालाब का सौंदर्यीकरण, लगे अनियमितता के आरोप

इस समारोह का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल सह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने ऑनलाइन माध्यम से संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर दरभंगा में आयोजित समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह, प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा और प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर रत्नेश्वर मिश्र समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे.

देखें वीडियो

इस अवसर पर राज्यपाल फागू चौहान ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि ललित नारायण मिथिला के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय मिथिला में शिक्षा की अलख जगा रहा है. राज्यपाल ने विवि के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश करने पर विवि परिवार और मिथिला के लोगों को बधाई दी.

एलएनएमयू ललित बाबू के सपनों को साकार कर रहा है. मिथिला संस्कृति विशिष्ट रही है. आने वाले समय में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पद चिह्नों पर चलते हुए मिथिला की शिक्षा के विकास में योगदान का संकल्प दोहराया जाएगा. ललित बाबू के सपनों का बिहार बनाने में उन सभी लोगों का योगदान होगा.- फागू चौहान, राज्यपाल, बिहार

वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि वे खुद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1972 में ही दरभंगा से अलग होकर मधुबनी और समस्तीपुर जिलों का गठन हुआ था और वे समस्तीपुर जिले से आते हैं. उसी साल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी.

ललित नारायण मिश्र के सपनों का बिहार और मिथिला बनाने में हम सब का योगदान होना चाहिए. इस इलाके की विभूति है यह विश्वविद्यालय. इसके नाम में ललित बाबू का नाम जुड़ना इसकी प्रासंगिकता पर चार चांद लगाता है.- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार

वहीं, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 5 अगस्त को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. आज से 1 साल तक विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह मनाया जाएगा. इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का साल भर आयोजन होगा.

इस अवसर पर राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय को अपना आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि आज से ही ललित नारायण मिश्र के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत भी हो रही है. ललित नारायण मिश्र ने जो सपना देखा था वैसे बिहार और मिथिला का निर्माण करने में विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाएगा.

बता दें कि 5 अगस्त 1972 को इस विवि की स्थापना के समय ललित नारायण मिथिला विवि नामकरण हुआ. जनता पार्टी की सरकार बनी ताे 1977 में इसका नाम सिर्फ मिथिला विवि कर दिया गया. 1980 में कांग्रेस की सरकार बनी तो इसका नामकरण पुनः पूर्व की तरह कर दिया गया. तब से ललित नारायण मिथिला विवि के नाम से यह जाना जाता है.

इस विवि काे दरभंगा राज परिवार ने कीमती भवन सहित सैकड़ों एकड़ जमीन एवं विश्व के सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकालय दान देकर इतिहास रचा. 21 विषयों में पीजी एवं 35 विषयों में ऑनर्स की पढ़ाई होती है.

यह भी पढ़ें- LNMU: 25 करोड़ की लागत से बने 12 भवन बेकार, इस्तेमाल लायक बनाने में खर्च होंगे और पैसे

यह भी पढ़ें- LNMU में राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन, मशहूर गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ने दिया व्याख्यान

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) गुरुवार को 50वें साल में प्रवेश कर गया. इसी दिन 1972 में बिहार विवि, मुजफ्फरपुर से अलग होकर यह अस्तित्व में आया था. इस अवसर पर विश्वविद्यालय में स्वर्ण जयंती (Golden Jubilee) वर्ष समारोह की शुरुआत हुई.

यह भी पढ़ें- Darbhanga News: LNMU प्रशासन ने शुरू किया ऐतिहासिक तालाब का सौंदर्यीकरण, लगे अनियमितता के आरोप

इस समारोह का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल सह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने ऑनलाइन माध्यम से संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर दरभंगा में आयोजित समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह, प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा और प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर रत्नेश्वर मिश्र समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे.

देखें वीडियो

इस अवसर पर राज्यपाल फागू चौहान ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि ललित नारायण मिथिला के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय मिथिला में शिक्षा की अलख जगा रहा है. राज्यपाल ने विवि के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश करने पर विवि परिवार और मिथिला के लोगों को बधाई दी.

एलएनएमयू ललित बाबू के सपनों को साकार कर रहा है. मिथिला संस्कृति विशिष्ट रही है. आने वाले समय में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पद चिह्नों पर चलते हुए मिथिला की शिक्षा के विकास में योगदान का संकल्प दोहराया जाएगा. ललित बाबू के सपनों का बिहार बनाने में उन सभी लोगों का योगदान होगा.- फागू चौहान, राज्यपाल, बिहार

वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि वे खुद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1972 में ही दरभंगा से अलग होकर मधुबनी और समस्तीपुर जिलों का गठन हुआ था और वे समस्तीपुर जिले से आते हैं. उसी साल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी.

ललित नारायण मिश्र के सपनों का बिहार और मिथिला बनाने में हम सब का योगदान होना चाहिए. इस इलाके की विभूति है यह विश्वविद्यालय. इसके नाम में ललित बाबू का नाम जुड़ना इसकी प्रासंगिकता पर चार चांद लगाता है.- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार

वहीं, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 5 अगस्त को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. आज से 1 साल तक विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह मनाया जाएगा. इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का साल भर आयोजन होगा.

इस अवसर पर राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय को अपना आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि आज से ही ललित नारायण मिश्र के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत भी हो रही है. ललित नारायण मिश्र ने जो सपना देखा था वैसे बिहार और मिथिला का निर्माण करने में विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाएगा.

बता दें कि 5 अगस्त 1972 को इस विवि की स्थापना के समय ललित नारायण मिथिला विवि नामकरण हुआ. जनता पार्टी की सरकार बनी ताे 1977 में इसका नाम सिर्फ मिथिला विवि कर दिया गया. 1980 में कांग्रेस की सरकार बनी तो इसका नामकरण पुनः पूर्व की तरह कर दिया गया. तब से ललित नारायण मिथिला विवि के नाम से यह जाना जाता है.

इस विवि काे दरभंगा राज परिवार ने कीमती भवन सहित सैकड़ों एकड़ जमीन एवं विश्व के सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकालय दान देकर इतिहास रचा. 21 विषयों में पीजी एवं 35 विषयों में ऑनर्स की पढ़ाई होती है.

यह भी पढ़ें- LNMU: 25 करोड़ की लागत से बने 12 भवन बेकार, इस्तेमाल लायक बनाने में खर्च होंगे और पैसे

यह भी पढ़ें- LNMU में राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन, मशहूर गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ने दिया व्याख्यान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.