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दरभंगा नगर निगम के निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, सड़कों पर उतरी नाव - आवागमन के लिए नाव का सहारा

बागमती नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से दरभंगा नगर निगम के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलता जा रहा है. इन हालातों में लोगों की शिकायत है कि सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. अपनी जेब से किराया खर्च कर निजी नाव से देकर आना जाना पड़ रहा है.

Bagmati River
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Published : Aug 6, 2020, 6:18 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 5:39 PM IST

दरभंगा: बागमती नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस कारण शहर के पूर्वी और पश्चिमी भाग के निचले हिस्से में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. दरभंगा नगर निगम के दर्जनों निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों में बाढ़ का पानी आ गया है. जिन सड़कों पर गाड़ियां चलती थी, वहां बाढ़ की वजह से गलियाें और सड़कों पर नाव चलने लगी है.

Bagmati River
सड़कों पर उतरी नाव

सरकारी स्तर पर व्यवस्था नहीं
इन हालातों में लोगों की शिकायत है की सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. उन्हें अपनी जेब से किराया खर्च कर निजी नाव से देकर आना जाना पड़ रहा है. सरकारी स्तर नाव की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आवागमन के लिए नाव का सहारा
नाव से सफर कर रहे महेश्वर सहनी ने कहा की चारो ओर बाढ़ का पानी फैल रहा है. सड़के डूब गई हैं और तालाब में तब्दील हो गई है. इस वजह से हमे आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. पांच रुपये से लेकर बीस रुपये तक नाव का किराया देना पड़ता है. अब तक हमें किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है. किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे है.

Bagmati River
बाढ़ के पानी में डूबा चापाकल

निजी नाव के सहारे आना-जाना
नाव मालिक योगेंद्र सहनी ने कहा की सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. हम लोगों को निजी नाव के सहारे लाते और ले जाते है. वहीं उन्होंने कहा कि नाव किलाघाट घाट से लेकर तरौनी गांव तक जाती है. इसके एवज में प्रति व्यक्ति मुसापुर के लिए दस रुपया और तरौनी के लिए बीस रुपया भाड़ा लेते हैं.

दरभंगा: बागमती नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस कारण शहर के पूर्वी और पश्चिमी भाग के निचले हिस्से में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. दरभंगा नगर निगम के दर्जनों निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों में बाढ़ का पानी आ गया है. जिन सड़कों पर गाड़ियां चलती थी, वहां बाढ़ की वजह से गलियाें और सड़कों पर नाव चलने लगी है.

Bagmati River
सड़कों पर उतरी नाव

सरकारी स्तर पर व्यवस्था नहीं
इन हालातों में लोगों की शिकायत है की सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है. उन्हें अपनी जेब से किराया खर्च कर निजी नाव से देकर आना जाना पड़ रहा है. सरकारी स्तर नाव की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आवागमन के लिए नाव का सहारा
नाव से सफर कर रहे महेश्वर सहनी ने कहा की चारो ओर बाढ़ का पानी फैल रहा है. सड़के डूब गई हैं और तालाब में तब्दील हो गई है. इस वजह से हमे आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. पांच रुपये से लेकर बीस रुपये तक नाव का किराया देना पड़ता है. अब तक हमें किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है. किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे है.

Bagmati River
बाढ़ के पानी में डूबा चापाकल

निजी नाव के सहारे आना-जाना
नाव मालिक योगेंद्र सहनी ने कहा की सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. हम लोगों को निजी नाव के सहारे लाते और ले जाते है. वहीं उन्होंने कहा कि नाव किलाघाट घाट से लेकर तरौनी गांव तक जाती है. इसके एवज में प्रति व्यक्ति मुसापुर के लिए दस रुपया और तरौनी के लिए बीस रुपया भाड़ा लेते हैं.

Last Updated : Aug 19, 2020, 5:39 PM IST
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