दरभंगा: कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉक डाउन ने सिर्फ कोरोना बल्कि दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीजों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. ऐसा ही एक मामला दरभंगा में सामने आया है. जिले के केवटी प्रखंड के रनवे गांव का 30 वर्षीय चंद्रमणि चंद्र बोन मैरो की गंभीर बीमारी से पीड़ित था. वेल्लोर के सीएमसी अस्पताल में जांच करवाने पर डॉक्टरों ने उसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सलाह दी. लॉक डाउन की वजह से उसके परिजन वहां नहीं पहुंच पा रहे थे. पीड़ित व्यक्ति ने कई बार प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक से गुहार लगाई थी. आखिरकार उसके परिजन दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम से मिले. डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए परिजनों के वेल्लोर जाने का पास बनवाया.
डीएम ने परिजनों के लिए बनवाया विशेष पास
दरअसल लॉक डाउन के पहले ही चंद्रमणि जांच के लिए तमिलनाडु के वेल्लोर के सीएमसी अस्पताल गया था. इसी बीच कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉक डाउन हो गया. उसकी जांच रिपोर्ट आई तो डॉक्टरों ने उसे तुरंत बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सलाह दी. डॉक्टरों ने उसके सभी भाई-बहनों को अस्पताल बुलाया ताकि बोन मैरो मैच करा कर पीड़ित का इलाज किया जा सके. लॉक डाउन की वजह से दरभंगा में फंसे परिजनों ने डीएम से मुलाकात की. डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए परिजनों का वेल्लोर तक जाने और वापस आने के लिए विशेष पास जारी किया. इस पहल पर परिजन डीएम और सरकार का आभार जताते नहीं थक रहे हैं.
जाने और आने पर की जाएगी कोरोना की जांच
पीड़ित चंद्रमणि के भाई नागमणि झा ने बताया कि उसका भाई जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. उसने कई बार सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. आखिरकार मदद मिली और डीएम ने बिना किसी परेशानी के वेल्लोर जाने तक का पास बना दिया है. अब उन्हे उम्मीद है कि वो अस्पताल पहुंच कर चंद्रमणि की जान बचा सकते हैं. वहीं दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन ने कहा कि पीड़ित चंद्रमणि के इलाज के लिए परिजनों को वेल्लोर पहुंचने और वहां से आने के लिए विशेष पास बनवा दिया गया है. हालांकि ये शर्त रखी गई है कि जाने के पहले वे सभी कोरोना की जांच करवाकर जाएंगे और वापस आने के बाद भी उनकी जांच होगी. साथ ही उन्हें 14 दिन के क्वारेंटाइन पर रखा जाएगा