दरभंगा: बुधवार को पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र (Former Railway Minister Lalit Narayan Mishra) की 100वीं जयंती है. उससे एक दिन पहले बिहार के दरभंगा में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज के नेतृत्व में एलएनएमयू के पदाधिकारियों और छात्रों ने विश्व विद्यालय स्थित ललित बाबू की प्रतिमा पर दीपोत्सव मनाया. इस अवसर पर ललित नारायण मिश्र की प्रतिमा स्थल पर 100 दीप जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
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इस कार्यक्रम में विवि के रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद और पूर्व विधान पार्षद प्रो. दिलीप चौधरी भी मौजूद थे. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता और बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज ने कहा कि मिथिला के सपूत ललित नारायण मिश्र ने कहा था कि वे रहें न रहें लेकिन बिहार आगे बढ़ कर रहेगा. उन्होंने कहा कि जब इस तरह की उक्ति सुनने को मिलती है तो लगता है कि ललित बाबू जीवंत सामने खड़े हैं.
डॉ. निर्भय शंकर भारद्वाज ने कहा कि ललित बाबू का सपना था कि भारत विश्व में कीर्तिमान स्थापित करे. उस भारत में मिथिला की अपनी पहचान, भूमिका और सहभागिता बनी रहे. उन्होंने कहा कि ललित बाबू के नहीं रहने से मिथिला कहीं न कहीं पीछे रह गई है, और कमजोर पड़ रही है. उन्होंने कहा कि ललित बाबू जैसे दूरदृष्टा व्यक्ति की बेहद कमी महसूस हो रही है. इसलिए उनकी स्मृति में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
बता दें कि ललित नारायण मिश्र के नाम पर ही मिथिला विवि का नामकरण किया गया था. पूरे मिथिला और ललित नारायण मिथिला विवि में ललित बाबू की 100वीं जयंती समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा. साथ ही अगले एक साल तक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. याद दिलाएं कि 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर कार्यक्रम के बाद मंच से उतरने के दौरान उन पर बम से हमला हुआ था. इस बम ब्लास्ट में घायल ललित बाबू का दानापुर रेलवे अस्पताल में इलाज के दौरान 3 जनवरी 1975 को निधन हो गया. वे 1973 से 1975 तक भारत सरकार के रेलमंत्री थे.
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